राज्य के सभी 38 जिले को मलेरिया बीमारी की श्रेणी शून्य में पहुंचाना लक्ष्य

पटना:- यह काफी सुखद है कि राज्य के सभी 38 जिले में प्रति एक हजार की जनसंख्या पर मलेरिया के एक से कम मरीज मिलने लगे हैं। इसका नतीजा है कि बिहार मलेरिया बीमारी की निर्धारित श्रेणी एक में शामिल है। इस उपलब्धि के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया स्वास्थ्य विभाग को प्रशस्त्रि पत्र देकर सम्मानित कर चुके हैं। अब विभाग का लक्ष्य इसे श्रेणी शून्य में पहुंचाना है। ज्ञात हो कि मलेरिया बीमारी के प्रभाव को दर्शाने के लिए इसे चार श्रेणी में वर्गीकृत किया जाता है। ये श्रेणी हैं-3, 2, 1 एवं शून्य। प्रति 1000 की आबादी पर मलेरिया के एक मामले मिलने पर इसे श्रेणी 1 में शामिल किया जाता है। अभी इस एक की श्रेणी में राज्य के लगभग सभी 38 जिले आ चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग का अगला लक्ष्य राज्य को श्रेणी 1 से निकालकर श्रेणी शून्य में पहुंचाना है। यह तभी संभव होगा जब प्रति एक हजार की आबादी पर मलेरिया का एक भी मरीज नहीं मिलने लगेगा।
तीन जिलों में अभी चुनौती है बड़ी, पर प्रयास जारी:-हालांकि स्वास्थ्य विभाग और विशेषज्ञ राज्य के सात जिले को अभी भी मलेरिया बीमारी से अत्यधिक प्रभावित मानते हैं।            संभवत: इसीलिए राज्य के अपर निदेशक सह वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. अशोक कुमार बताते हैं कि इन जिलों में पूर्व की भांति चलने वाला सभी मलेरिया उन्मूलन अभियान अगले तीन सालों तक चलाया जाएगा। हालांकि राहत देने वाली बात है कि इन सात जिलों में भी चार जिले मुंगेर, जमुई, गया और औरंगाबाद भी श्रेणी 1 में पहुंच गये हैं। सिर्फ तीन जिले नवादा, कैमूर और रोहतास के कुछ उप स्वास्थ्य केंद्र में केस एक हजार की आबादी पर एक मरीज से अधिक का है। इसे शून्य करने का प्रयास चल रहा है। शिक्षण संस्थानों में भी चलाया जा रहा है जागरूकता कार्यक्रम:-इस बीच, आगामी 25 अप्रैल को मनाए जाने वाले विश्व मलेरिया दिवस को लेकर राज्य के सभी स्वास्थ्य केंद्रों सहित शिक्षण संस्थानों में भी मलेरिया बीमारी को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसमें राज्य के सभी जिले के स्कूलों में छात्र-छात्राओं, शिक्षकों एवं कर्मियों को मलेरिया बीमारी को लेकर जागरूक किया जा रहा है। इस दौरान आमजनों को मलेरिया के साथ-साथ वेक्टर बॉर्न डिजीज को लेकर भी जागरूक किया जा रहा है। डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि मलेरिया एक प्रकार का बुखार है जो किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है। इसमें कंपकंपी के साथ 103 से लेकर 105 डिग्री तक बुखार होता है। कुछ घंटों के बाद पसीने के साथ बुखार उतर जाता है, लेकिन बुखार आते-जाते रहता है। उन्होंने बताया कि मलेरिया के लक्षण नजर आने पर तत्काल अस्पताल जाकर चिकित्सीय सलाह लेनी चाहिए। सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में मलेरिया की जांच एवं उपचार की नि:शुल्क व्यवस्था है।

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