सुशील मोदी को चलती ट्रेन में हुआ था इश्क, विवाह में परिणत होकर लिया दम, अटल बिहारी वाजपेयी भी बने थे बाराती

डेस्क:-सुशील कुमार मोदी एक ऐसा नाम जो किसी परिचय का मोहताज नहीं है। जी हां वे बिहार की सियासत की एक धुरी माने जाते थे। राज्य के विकास में उनका अहम योगदान माना जाता है तभी तो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गाहे-बगाहे उनका नाम लेते थे और दो टूक कहते थे कि वे उन्हें काफी मिस करते हैं।    सियासी पंडितों की माने तो बिहार के विकास में पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी का अहम योगदान था। नीतीश कुमार और सुशील कुमार मोदी की दोस्ती ऐसी थी कि सीएम नीतीश कुमार उनपर आंखें बंद कर के भरोसा करते थे। बिहार में जब नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी तो सुशील कुमार मोदी डिप्टी सीएम के साथ-साथ वित्त मंत्री भी बने। तब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने योजनाओं में राशि खर्च करने का टोटा था। लेकिन वित्त मंत्री के रूप में सुशील कुमार मोदी ने उन्हें मुख्यमंत्री साइकिल योजना और बालिकाओं के लिए पोशाक योजनाओं को लेकर भरोसा दिलाया और कहा कि पैसे की कोई चिंता नहीं करिए। बस योजना शुरू कीजिए यानी जन कल्याण योजना के लिए सुशील कुमार मोदी ही बिहार सरकार में पैसों का इंतजाम किया करते थे।             वे बतौर वित्त मंत्री योजनाओं के अनुरूप ही बजट बनाते थे और किस सेक्टर से कितना राजस्व प्राप्त होगा इसका खाका भी तैयार करते थे। इस वजह से एनडीए सरकार की योजनाओं के लिए पैसों की कमी नहीं होती थी। यही नहीं बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी को लेकर कई अनसुने किस्से सियासी गलियारे में तैर रहे हैं। दरअसल सुशील कुमार मोदी और उनकी पत्नी जेसी जॉर्ज की लव स्टोरी भी काफी दिलचस्प है। बताया जाता है कि सुशील कुमार मोदी ने पहली बार जेसी जॉर्ज को चलती ट्रेन में देखा था। इस दौरान दोनों मुंबई से एक ही ट्रेन में सफर करते चले आ रहे थे। उस वक्त सुशील मोदी एबीवीपी का कार्य निपटाने के बाद ट्रेन से लौट रहे थे। ट्रेन में मुलाकात के बाद से ही दोनों एक-दूसरे को पसंद करने लगे थे। इसके बाद पसंद और मुलाकात का यह सिलसिला शुरू हो गया और फिर हमसफर बनने तक पहुंच गया। इसके बाद दोनों ने शादी रचा ली। तब उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को शादी का एक औपचारिक निमंत्रण-पत्र भेजा था। अटल बिहारी वाजपेयी शादी के लिए खुद ही पटना आ गए। जहां उन्होंने सुशील मोदी से सक्रिय राजनीति में शामिल होने को कहा।         सुशील मोदी की शादी में अटल बिहारी वाजपेयी के साथ-साथ नानाजी देशमुख और भाऊराव देवरस ने भी शिरकत की थी। अटल बिहारी वाजपेयी को भेजे शादी के कार्ड में सुशील कुमार मोदी ने लिखा था कि अंतरजातीय और अंतरधार्मिक विवाह में अगर आप आते हैं तो मुझे अच्छा लगेगा। अटल बिहारी वाजपेयी फ्लाइट का टिकट कटाकर शादी समारोह में आए। शादी में मंच से अटल ने भाषण दिया। आर्य समाज के तरीके से शादी हुई थी जिसमें अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा कि ‘सुशील जी अब आपने शादी कर ली है इसलिए विद्यार्थी नहीं रहे। अब आप भारतीय जनता पार्टी में आइए और यहीं काम कीजिए।’ इसी के बाद सुशील कुमार मोदी बीजेपी में शामिल हुए। सुशील कुमार मोदी ने 13 अगस्त 1986 को क्रिश्चियन लड़की जेसी जॉर्ज से शादी की थी। सुशील कुमार मोदी की शादी में मेहमानों को किसी प्रकार का भोजन नहीं परोसा गया। केवल पानी , कोल्डड्रिंक्स और मिठाई का इंतजाम रखा गया था। दरअसल सुशील कुमार मोदी शादियों में फिजूलखर्जी का विरोध करते थे। इस आदर्श को उन्होंने अपनी शादी के बाद अपने बेटे की शादी में भी आजमाया। साल 2017 में जब सुशील कुमार मोदी ने पटना में अपने बेटे उत्कर्ष की शादी की तब भी उन्होंने दहेजबंदी का असली परिचय दिया। पटना में हुई इस शादी में मेहमानों के लिए खान-पान का कोई इंतजाम नहीं था। यहां बारातियों और अन्य मेहमानों को केवल पीने के लिए पानी और दो लड्डू दिए गए। इतना ही नहीं इस शादी में मेहमानों से कोई तोहफा भी नहीं लिया गया। बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने अपने बेटे की शादी में मेहमानों से गिफ्ट और लिफाफा ना लाने का आग्रह किया था। फिर भी कई मेहमान शादी जैसे पवित्र मौका और शगुन का हवाला देकर लिफाफा लेकर पहुंच ही गये। डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने इन लिफाफों को दान कर दिया था।            सुशील मोदी ने ट्वीट कर बताया था कि उन्होंने बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी और लालू यादव से मिले शगुन के लिफाफे को सामाजिक संस्था ‘दधीचि देहदान समिति’ को दान कर दिया है। वहीं दूसरे बेटे की शादी में भी उन्होंने कोई तोहफा नहीं लिया लेकिन जब कुछ लोगों ने जबरन गिफ्ट दिए तो उन्होंने दान में आयी रकम को दधीचि देहदान समिति को सौंप दी थी।

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