एक दिन भी नहीं हुआ है सरकारी विद्यालयों में ग्रीष्मावकाश:- शैलेश कुमार झा

सहरसा:-शिक्षक एकता मंच के अध्यक्ष मंडल सदस्य शैलेश कुमार झा ने विद्यालयों में ग्रीष्मावकाश कि बात पर अपनी बात रखते हुए कहा कि एक दिन भी नहीं हुआ है सरकारी विद्यालयों में ग्रीष्मावकाश, विद्यालय 8 बजे से 11 बजे तक पूर्णतया खुली रही है।                        वर्तमान समय में शिक्षक सरकार कि नजरों में एक शिक्षक न होकर सिर्फ दिहाड़ी मजदूर है जिसे हर हाल में आठ घंटे विद्यालयों में उपस्थित रहना है। वर्तमान समय में विद्यालय का समय सारिणी प्रातः 6 बजे से दोपहर 1:30 तक किया गया है, सोचने वाली बात है कि अगर किसी तरह शिक्षक नित्यक्रिया से निवृत होकर प्रातः 6 बजे विद्यालय पहुंच भी जाते हैं तो क्या भूखे पेट विद्यालय 1:30 बजे तक संचालित करेंगे, जिन शिक्षकों का विद्यालय 20 किलोमीटर से ज्यादा दूरी पर है वो विद्यालय कैसे पहुंचेगे। शिक्षकों को तो छोड़िए इस चिलचिलाती धूप में छोटे-छोटे बच्चे विद्यालय से निकलकर 12:30 में अपने घरों को पांव पैदल जाएंगे उनकी क्या हालत होगी, ये आज आमलोगों को समझना चाहिए कि क्या वास्तव में शिक्षा के गुणवत्ता पर सरकार काम कर रही है या विकृत मानसिकता से ग्रसित होकर बच्चों के भविष्य निर्माता शिक्षकों को सिर्फ प्रताड़ित करने कि मंशा से कार्य कर रही है। जहां आज पुरे भारतवर्ष में बच्चों के गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देने हेतु शिक्षकों को मानसिक रुप से सशक्त करने के उद्देश्य से नई शिक्षा नीति के तहत, स्कूलों में अब सप्ताह में 29 घंटे ही पढ़ाई होगी। सोमवार से शुक्रवार तक 5 से 5:30 घंटे तक और महीने के दो शनिवार को दो से ढाई घंटे तक ही क्लास लगेंगी दो शनिवार को छुट्टी रहेगी। इस व्यवस्था में हर दिन होने वाली पढ़ाई के घंटे में से आधा समय गतिविधियों के लिए दिया जाएगा।                      इसके साथ ही, स्कूल के समय में ही बच्चों को ब्रेकफ़ास्ट और लंच के लिए भी करीब घंटे भर का समय तय किया गया है। हर कक्षा के बाद पांच मिनट का ब्रेक भी रखा गया है। वहीं बिहार में शैक्षणिक व्यवस्था का मतलब प्रताड़ना पूर्ण तरिके से शिक्षकों कि हालत एक दिहाड़ी मजदूर से भी बद्तर बनाकर रख दी गई है। क्या इस परिवेश में बिहार शैक्षणिक रूप से विकसित हो पाएगा ये सोचना आज आमलोगों का कार्य है।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे
Donate Now
अब पायें अपने शहर के सभी सर्विस प्रवाइडर के नंबर की जानकारी एक क्लिक पर


               
हमारे  नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट , और सभी खबरें डाउनलोड करें
डाउनलोड करें

जवाब जरूर दे 

क्या आप मानते हैं कि कुछ संगठन अपने फायदे के लिए बंद आयोजित कर देश का नुकसान करते हैं?

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles

Back to top button
Close
Website Design By Mytesta.com