जिले के 12 चयनित एचडब्ल्यूसी को एनक्यूएएस सर्टिफिकेट दिलाने की तैयारी

बक्सर:-जिले के लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 12 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड (एनक्यूएएस) सर्टिफिकेश दिलाने की तैयारी चल रही है। चयनित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर स्वास्थ्य सेवाओं को अपग्रेड करते हुए मूलभूत व जरूरी सुविधाओं में बढ़ोत्तरी की जा रही है।          इसके लिए जिला स्तर की टीम लगातार इन हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स का निरीक्षण कर उनके दावों का सत्यापन कर रही है, ताकि राज्य स्तरीय टीम के निरीक्षण के पूर्व सभी इंडिकेटर्स पर स्वास्थ्य केंद्र खरा उतरे। सर्टिफिकेशन के लिए चल रहे तैयारियों पर डीपीसी जावेद आब्दी ने बताया कि हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के लिए कुल 12 प्रकार की सेवाएं निर्धारित की गयी है। इन सेवाओं में मातृ स्वास्थ्य देखभाल एवं परामर्श, नवजात एवं शिशु स्वास्थ्य संबंधित सेवाएं, बाल्यावस्था एवं किशोर स्वास्थ्य परामर्श एवं सेवाएं, राष्ट्रीय कार्यक्रमों के अनुसार संचारी रोगों का प्रबंधन, परिवार नियोजन एवं गर्भनिरोधक सेवाएं, संचारी रोग, ओपीडी संबंधी सेवाएं व गैर संचारी रोगों की खोज, जांच एवं टीबी, कुष्ठ रोगों का सामान्य प्रबंधन शामिल है। वहीं अन्य स्वास्थ्य सेवाओं में ईएनटी से संबंधित बीमारियों की जांच एवं सामान्य प्रबंधन, दंत देखभाल से संबंधित सामान्य सेवाएं एवं परामर्श, मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं की जांच एवं सामान्य प्रबंधन, सामान्य वृद्धावस्था स्वास्थ्य देखभाल एवं प्रशामक देखभाल सेवाएं तथा सामान्य आपातकालीन सेवाएं शामिल हैं। उन्होंने बताया कि हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर कुल 14 प्रकार की जांच भी होनी चाहिए। तभी एनक्यूएएस प्रमाणीकरण के लिए एचडब्ल्यूसी को योग्य माना जाएगा।प्रदर्शन, कार्यों और जरूरतों के आधार पर हुआ है चयन: डीसीक्यूए रुचि कुमारी ने बताया कि एनक्यूएएस प्रमाणीकरण के लिए जिले के 12 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का उनके प्रदर्शन, कार्यों और जरूरतों के आधार पर चयन किया गया है। चयनित स्वास्थ्य केंद्रों में सदर प्रखंड का नदांव एचडब्ल्यूसी, डुमरांव प्रखंड का लाखन डिहरा, इटाढ़ी प्रखंड के इंदौर व पिठनी, नावानगर प्रखंड के कड़सर, सिमरी प्रखंड के काजीपुर व खरहाटांड़, ब्रह्मपुर प्रखंड के गायघाट, राजपुर प्रखंड के खरहना तथा चौगाईं प्रखंड के वीरपुर व अमसारी एचडब्ल्यूसी शामिल हैं। इसके लिए संबंधित सीएचओ काे प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। जहां पर जल्द एनक्यूएएस की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इन बिंदुओं पर रहेगा फोकस:-डीसीक्यूए रुचि कुमारी ने बताया कि एनक्यूएएस सर्टिफिकेशन के लिए कुल आठ विषयों पर फोकस कर उन्हें बेहतर बनाया जाएगा। जिसमें सर्विस प्रोविजन, पेशेंट राइट, इनपुट, सपोर्ट सिस्टम, क्लीनिकल सर्विसेज, इन्फेक्शन कंट्रोल, क्वालिटी मैनेजमेंट और आउट कम इंडिकेटर शामिल हैं। जिनको सभी चयनित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स पर सुदृढ़ किया जाएगा। उसके बाद हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के द्वारा दिए जाने वाले चेकलिस्ट की धरातलीय जांच की जाएगी। यदि चेकलिस्ट के आधार पर कोई कमी पाई जाएगी तो उसमें सुधारात्मक कार्रवाई करते हुए उसे सुदृढ़ किया जाएगा।           ताकि, एनक्वास सर्टिफिकेशन के लिए उक्त संस्थान को तैयार किया जा सके। साथ ही, इसका पूरा लाभ संबंधित क्षेत्र के ग्रमीणों और मरीजों को मिलेगा। क्योंकि सेवाओं और सुविधाओं के सुदृढ़ हो जाने के बाद उन्हें सामान्य बीमारियों के इलाज के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा।

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