फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर राज्य स्तरीय कार्यशाला हुयी आयोजित

पटना:-राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान, पटना में शनिवार को वेक्टर जनित रोगों पर राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।           इस दौरान गोपालगंज जिले से आए हुए समुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी, ब्लॉक कम्युनिटी मोबिलाइजर, ब्लॉक हेल्थ मैनेजर, वेक्टर बोर्न डिजीज सुपरवाइजर एवं वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल ऑफिसर को फाइलेरिया उन्मूलन एवं बचाव रणनीतियों पर विस्तृत जानकारी दी गई। फाईलेरिया के लक्षण आने में लगता है समय:-कार्यशाला में राज्य फाइलेरिया सलाहकार, डॉ. अनुज सिंह रावत ने फाइलेरिया की भयावहता, इसके कारण, लक्षण, प्रभाव और बचाव के उपायों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि यह गंभीर बीमारी मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फैलती है, जिसके लक्षण आमतौर पर 10 से 15 वर्षों बाद प्रकट होते हैं। यदि समय रहते इसका उपचार न किया जाए, तो यह स्थायी विकलांगता और सामाजिक व आर्थिक कठिनाइयों का कारण बन सकता है। 10 फरवरी से गोपालगंज में शुरू होगा अभियान:-डॉ. रावत ने जानकारी दी कि 10 फरवरी से गोपालगंज जिला सहित राज्य के 24 जिलों में एमडीए अभियान शुरू होगा।इस अभियान के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा लोगों को घर-घर जाकर दवा का सेवन कराया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं, एक सप्ताह तक की धात्री माताओं और गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को छोड़कर अन्य सभी को दवा का सेवन करना आवश्यक होगा। डॉ. रावत ने कहा कि यदि किसी व्यक्ति के शरीर में माइक्रो फाइलेरिया परजीवी मौजूद हैं, तो दवा खाने के बाद हल्के लक्षण जैसे सिरदर्द, चक्कर आना, जी मिचलाना और हल्का बुखार हो सकता है, लेकिन ये लक्षण सामान्य होते हैं और दो घंटे के भीतर स्वतः ठीक हो जाते हैं। उन्होंने प्रतिभागियों को यह भी आश्वस्त किया कि फाइलेरिया रोधी दवा पूरी तरह सुरक्षित और प्रभावी है। सामूहिक प्रयास अभियान को देगा मजबूती:-डॉ. रावत ने सभी प्रतिभागियों से अपील की कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में सघन निगरानी और पर्यवेक्षण करें, यह सुनिश्चित करें कि कोई भी पात्र व्यक्ति दवा सेवन से वंचित न रहे।उन्होंने कहा कि सभी ब्लॉक एवं जिला स्तरीय अधिकारी यह भी सुनिश्चित करें कि ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेरों के पास आवश्यक मात्रा में आपातकालीन दवा किट उपलब्ध हो। यदि किसी क्षेत्र में इसकी कमी हो तो इसकी सूचना तुरंत जिला फाइलेरिया कार्यालय को दी जाए। इसके अतिरिक्त, उन्होंने सहयोगी संस्थानों और सामुदायिक संस्थानों के सहयोग से जन-जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया ताकि अधिक से अधिक लोग इस अभियान से जुड़ें और दवा सेवन को लेकर किसी भी प्रकार की भ्रांति न रहे।          प्रतिभागियों ने अभियान को सफल बनाने का लिया संकल्प:-कार्यशाला के दौरान उपस्थित अधिकारियों और स्वास्थ्य कर्मियों ने फाइलेरिया उन्मूलन से जुड़ी अपनी शंकाओं का समाधान प्राप्त किया। प्रतिभागियों ने एमडीए अभियान को अपने-अपने क्षेत्रों में प्रभावी ढंग से लागू करने और गोपालगंज जिले को फाइलेरिया मुक्त बनाने का संकल्प लिया।

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