तपती गर्मी में लोगो के बीच जागरूक कर ओआरएस के वितरण कर रहे है रौशन

समाजसेवा से अलग पहचान बना रहें हैं रौशन मिश्रा

  सहरसा:-तेज धूप और गर्मी ने जन जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। शुक्रवार को शहर में गर्मी अपने चरम पर थी उसी समय एक राहत देने वाली तस्वीर देखने को मिली एक युवा समाजसेवी रौशन मिश्रा को ओआरएस के साथ हेल्थ सप्लीमेंट्री वितरण करते हुए देखा गया।           दैनिक मजदूरी कर जीवन यापन करने वाले मजदूर रिक्शा, ठेला चलाकर अपना परिवार का भरण पोषण करते है, तेज धूप के चलते लू लग जाने के कारण बीमार पड़ जाते हैं और फिर परिवार पर आफत आ जाती है, अपना ख्याल भगवान भरोसे ही। इसी को लेकर युवा समाजसेवी रौशन मिश्रा ने शहर के विभिन्न स्थानों पर जाकर मेहनत मजदूरी करने वाले को जागरूक किए और बताएं की पानी शरीर के लिए कितना जरूरी है।              शहर के महावीर चौक, स्टेशन रोड, शंकर चौक, चांदनी चौक पर उनलोगो के बीच ओआरएस का वितरण किया। कहते है यदि मन में सेवा का भाव हो और जुनून हो तो कुछ भी संभव हो सकता है। आज वर्षो से सहरसा में युवा समाजसेवी रौशन मिश्रा को समाज के लिए समर्पित देखा गया है। अपनी टीम रोटी बैंक के साथ कई वर्षो से दिव्यांग, निचले तबके के लोगो की सेवा करते हुए देखे गए है। बता दूं की कोरोना काल में भी इनके द्वारा जो सेवा दी गई ये अविश्वसनीय है।               अपनी टीम रोटी बैंक के साथ चार हजार परिवार को सुखा राशन उपलब्ध कराएं और चिकित्सा क्षेत्र में भी लगातार लोगों की सेवा भी करते रहे, दिल्ली से लेकर सहरसा तक मरीजों को ऑक्सीजन, बेहतर सुविधा मुहैया कराते रहें। बहुत कम समय में शहर में एक पहचान बनाने वाले रौशन मिश्रा अब किसी परिचय के मोहताज नहीं है। सेवा करना ही उनका धर्म है, कहते है नर सेवा ही नारायण सेवा है।                    पिताजी पेशे से शिक्षक थे, प्रारंभिक शिक्षा सिवान से प्राप्त करने के बाद संत जेवियर्स रांची से कॉलेज पास कर डिप्लोमा रेडियोग्राफी से करने के बाद स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं। बचपन से ही समाजसेवा के लिए समर्पित रहें है। सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड के बघवा गांव निवासी रौशन मिश्रा आज अपने समाजिक व्यवहार से सभी के चहेते बन गए है। रौशन मिश्रा बताते है की सन 2004-2005 में ही वो अपने मित्रो के द्वारा शुरु किया गया अभियान जिसमें गांव के बच्चों के बौद्धिक विकास और शारीरिक विकास हो उस अभियान के अहम हिस्सा रहें है।        जन समर्पित के नाम से सफल प्रतियोगिता आयोजित करवाया जाता था, अपने मित्र गोपाल, अमित, पारस के द्वारा शुरूआत अभियान का तारीफ भी करते है। इस अभियान का गांव में काफी प्रभाव पड़ा और बहुत सारी नौकरियां भी ली गई। शहर के तरफ रुख करने के बाद भी समाजसेवा के प्रति रुझान नही खत्म हुआ यहां भी समाजिक कार्यकर्ता बनकर सेवा करते रहें। सन 2017 में अपने दोस्तों रौशन भगत, पंकज, रवि, राहुल, अजय, चंदन के सहयोग से रोटी बैंक को नया मुकाम दिया जो अनवरत सेवा जारी है।          शहर के किसी भी समाजिक कार्यों में अग्रणी भूमिका निभाते आ रहें है, चाहे चिकित्सा का क्षेत्र हो या समाजिक क्षेत्र हो अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देते है। रौशन मिश्रा ने कहा की लोगों की सेवा करना ही मेरा धर्म है और जीवन का लक्ष्य है।

 

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