पीएसपी के माध्यम से कोरानसराय के सात हाथीपांव मरीजों का बना दिव्यांग सर्टिफिकेट

बक्सर:- स्वास्थ्य विभाग द्वारा फाइलेरिया के हाथीपांव के मरीजों को दिव्यांगता की श्रेणी में शामिल कर सामाजिक सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है। इसमें हाथीपांव के मरीजों का दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनवाने में रोगी हितधारक मंच (पीएसपी) भी विशेष भूमिका निभा रहा है।    कोरानसराय हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर अंतर्गत बने रोगी हितधारक मंच के सदस्यों ने मिलकर कुल 10 हाथीपांव के मरीजों का ऑनलाइन आवेदन किया है, जिनमें सात हाथीपांव के मरीजों का दिव्यांग प्रमाण पत्र और यूनिक डिसेबिलिटी आइडेंटिटी (यूडीआईडी) कार्ड जेनरेट कराया जा चुका है। शेष योग्य हाथीपांव के मरीजों का दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया दूसरे चरण में की जाएगी। कोरानसराय मुखिया सह पीएसपी सदस्य कांती देवी व आशा कार्यकर्ता सुजाता देवी के सफल प्रयासों की मदद से हाथीपांव के मरीजों का दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाने की दिशा में कार्य तेजी से किया जा रहा है। अब न केवल हाथीपांव बल्कि अन्य कारणों से दिव्यांग मरीजों में भी जागरूकता बढ़ रही है, जिससे वो योजना का लाभ लेने के लिए स्वयं आगे आ रहे हैं। हाथीपांव के मरीजों को दी गई थी इसकी जानकारी:-मुखिया कांती देवी ने बताया कि पिछले माह 19 अप्रैल को पंचायत सरकार भवन पर अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के लिए विशेष शिविर का आयोजन किया गया था। इस दौरान पीएसपी के माध्यम से हाथीपांव के 11 मरीजों के बीच एमएमडीपी किट का वितरण भी किया गया था। जिसमें प्रखंड स्तरीय अधिकारी भी शामिल हुए थे। उन्होंने मरीजों को दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाने के लिए जानकारी दी थी। जिसके बाद आशा कार्यकर्ता की मदद से हाथीपांव के मरीजों को जानकारी देते हुए उनका ऑनलाइन आवेदन कराया गया। तत्पश्चात सदर अस्पताल में जाकर हाथीपांव के मरीजों की दिव्यांगता प्रतिशत की जांच कराई गई तथा उनका यूडीआईडी कार्ड जेनरेट किया गया। चिह्नित किए जा रहे हैं हाथीपांव के गंभीर मरीज:-कोरानसराय हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) पूर्णिमा कुमारी सिंह ने बताया कि पीएसपी के गठन के बाद से पंचायत में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की दिशा में कार्य तेज हुए हैं। पीएसपी के गठन के बाद सर्वप्रथम फाइलेरिया के हाथीपांव व हाइड्रोसील के मरीजों को चिह्नित करने के बाद उनका सत्यापन कर लिंकेज कराया गया। फिलवक्त हाथीपांव के मरीजों के गंभीर लक्षण वाले मरीजों को चिह्नित कर उनका दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया चल रही है। साथ ही, शेष बचे हुए मरीजों को एमएमडीपी किट देने के लिए प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से समन्वय स्थापित कर शिविर का आयोजन कराया जाएगा। मरीज स्वयं कर सकते हैं ऑनलाइन आवेदन :इस संबंध में जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. शैलेंद्र कुमार ने बताया कि दिव्यांगता प्रमाणपत्र बनाने के लिए पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना पड़ता है।          मरीज स्वयं साइबर कैफे या सुविधा केंद्रों में जाकर आवेदन कर सकते हैं। जिसके बाद यूनिक डिसेबिलिटी आइडेंटिटी (यूडीआईडी) कार्ड जेनरेट होता है। साथ ही, उन्हें एक तिथि भी बताई जाती है। इस दिन (गुरुवार) को उन्हें सदर अस्पताल में मेडिकल बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत होना पड़ेगा। बोर्ड के सदस्य हाथीपांव के मरीजों की दिव्यांगता जांच करेंगे। 40 प्रतिशत व उससे अधिक दिव्यांगता होने पर ही उन्हें दिव्यांग प्रमाण पत्र निर्गत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से पीएसपी अपना काम कर रही है, उसी प्रकार समुदाय के लोग एक दूसरे की मदद करे तो फाइलेरिया का उन्मूलन शत-प्रतिशत संभव है।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे
Donate Now
अब पायें अपने शहर के सभी सर्विस प्रवाइडर के नंबर की जानकारी एक क्लिक पर


               
हमारे  नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट , और सभी खबरें डाउनलोड करें
डाउनलोड करें

जवाब जरूर दे 

क्या आप मानते हैं कि कुछ संगठन अपने फायदे के लिए बंद आयोजित कर देश का नुकसान करते हैं?

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles

Back to top button
Close
Website Design By Mytesta.com