जिले के सरकारी अस्पतालों में पिछले 10 महीनों में 20863 महिलाओं का हुए सफल प्रसव

सासाराम:-स्वास्थ्य सेवाओं को लगातार बेहतर करने का प्रयास किया जा रहा है और इसमें सरकार को सफलता भी मिल रही है। जिसका परिणाम यह देखने को मिल रहा है कि अब लोगों को सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं पर विश्वास बढ़ने लगा है। सामान्य बीमारी से लेकर प्रसव तक के लिए भी लोग सरकारी अस्पतालों की ओर रुख कर रहे हैं। सासाराम सदर अस्पताल को मॉडल अस्पताल का दर्जा मिलने के बाद कई सुविधाओं के साथ-साथ सेवाओं का विस्तार किया गया है। इन बढ़ते सुविधाओं से लोग लाभान्वित भी हो रहे हैं। इधर सरकारी अस्पतालों में बेहतर इलाज और सुविधाओं का रोहतास जिलाधिकारी द्वारा लगातार मॉनिटरिंग किया जा रहा है और समय समय पर औचक निरीक्षण कर जमीनी हकीकत की भी जानकारी ली जा रही है। वही सदर अस्पताल स्थित नव निर्मित मातृ शिशु अस्पताल का निर्माण हो जाने से भी मेटरनल हेल्थ (मातृ स्वास्थ्य) से भी बेहतर परिणाम देखने को मिल रहा है। 10 महीनों में 20862 महिलाओं का हुए सफल प्रसव:-परंपरागत प्रसव की बात करें तो इसमें भी बेहतर सुधार हुआ है।        सरकारी अस्पतालों में परंपरागत प्रसव के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है जिस वजह से सरकारी अस्पतालों में प्रसव का आंकड़ा भी बढ़ा है। रोहतास जिले के सरकारी अस्पतालों में प्रतिमाह 2000 से अधिक महिलों का प्रसव कराया जा रहा है। जिला स्वास्थ्य समिति से मिली जानकारी के अनुसार दिसम्बर 2023 में 2269 महिलाओं का सफल प्रसव कराया गया। वही जनवरी 2024 में 2270 महिलाओं का प्रसव कराया गया। पहले जहां सरकारी अस्पतालों में नॉर्मल प्रसव ज्यादा देखने को मिलता था अब बेहतर प्रबंधन की वजह से सिजेरियन प्रसव में भी इजाफा देखने को मिला है। जानकारी के अनुसार दिसंबर 2023 में 43 महिलाओं का सफल सिजेरियन ऑपरेशन करके प्रसव कराया गया जबकि जनवरी 2024 में कुल 47 गर्भवती महिलाओं का सिजेरियन करके सफल प्रसव करवाया गया। पिछले 10 महीनों में 283 महिलाओं का सफल सिजेरियन के माध्यम से सुरक्षित प्रसव कराया गया। पिछले 10 महीनों की बात करे तो अप्रैल 2023 से जनवरी 2024 तक जिले में 20862 महिलाओ का सफल प्रसव कराया गया। एमसीएच में बनाए गए 5 लेबर रूम:-सदर अस्पताल प्रबंधक अजय कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य क्षेत्र में बेहतरी को लेकर जो भी सरकार का दिशा निर्देश प्राप्त हो रहा है। उसके अनुसार मरीजों के लिए बेहतर व्यवस्था किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि नए एमसीएच भवन संचालित होने से प्रसव में काफी बेहतर परिणाम देखने को मिल रहा है। एमसीएच विंग में पांच अलग से लेबर रूम बनाए गए हैं जिसमें प्रसव पूर्व महिला को रखने के लिए इंतजाम किए गए हैं, ताकि प्रसव के दौरान होने वाली गंभीर पीड़ा से अन्य मरीजों को परेशानी ना हो। साथ ही एक अलग से एचआईवी पीड़ित गर्भवती महिलाओं के लिए एचआईवी लेबर रूम भी बनाया गया है। वही सिविल सर्जन डॉक्टर के एन तिवारी ने बताया कि जिले के सभी पीएचसी के साथ साथ एपीएचसी एवं यूपीएचसी के अलावा हेल्थ एंड वैलनेस सेंटरों पर भी लगातार सुदृणिकरण किया जा रहा है। और सभी केन्द्रों पर मरीजों की भीड़ देखी जा रही है।

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