जिलाधिकारी ने फाइलेरियारोधी दवा खाकर एमडीए अभियान की शुरुआत की

भभुआ:- फाइलेरिया जैसी गंभीर बीमारी के उन्मूलन को शनिवार को जिले में भभुआ के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से एमडीए अभियान की शुरुआत की गई। कैमूर जिलाधिकारी सावन कुमार ने फीता काटकर एवं खुद फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन कर 17 दिवसीय सर्व जन दवा सेवन अभियान का शुभारंभ किया। दवा खाकर जिलाधिकारी ने कहा कि फ़ाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है और इससे निपटने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है।      इसी को लेकर प्रत्येक वर्ष (एमडीए) सर्वजन दवा सेवन अभियान चलाया जाता है जिसके माध्यम से लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा खिलाई जाती है। जिलाधिकारी ने कहा कि यह दवा पूरी तरह से सुरक्षित एवं कारगर है। इसे खाने से कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है इसलिए दवा को लेकर मन में बैठे भ्रम को दूर करते हुए दवा का सेवन करें और गंभीर बीमारी से खुद के साथ-साथ अपने परिवार के सभी सदस्यों का बचाव करें। अभियान के उद्घाटन के दौरान मौजूद सिविल सर्जन मीना कुमारी, एसीएमओ डॉक्टर सत्य स्वरूप, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉक्टर आरके चौधरी, विक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी रोहित कुमार सहित अन्य सहयोगी संस्थाओं के कर्मियों ने दवा खाकर लोगों को सकारात्मक संदेश दिया। साथ ही हाथीपांव के कारण दिव्यांग हो चुके लोगो को जिलाधिकारी द्वारा दिव्यांगता प्रमाण पत्र भी वितरण किया गया।           फाइलेरिया रोधी दवा पूरी तरह सुरक्षित:-सिविल सर्जन डॉ मीना कुमारी ने बताया की फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर प्रत्येक वर्ष सर्वजन दवा सेवन अभियान चलाया जाता है, जिसके तहत लोगों को एल्बेंडाजोल और डीईसी की खुराक खिलाई जाती है। उन्होंने बताया कि 2 वर्ष के ऊपर सभी लोगों को यह दवा खिलाई जाएगी। सिविल सर्जन ने बताया कि 10, 12 एवं 13 फरवरी को जिला के सभी प्रखंडों के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, स्कूलों आंगनबाड़ी केंद्र के अलावा अन्य सरकारी कार्यालय में बूथ लगाकर दवा सेवन कराई जाएगी। उसके बाद 14 फरवरी से आशा कर्मी हाउस टू हाउस जाकर लोगों को दवा सेवन करवाएंगी।          उन्होंने बताया की यह दवा पूरी तरह से सुरक्षित है इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है। 19. 55 लाख घरों को किया गया है लक्षित:-जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ आर के चौधरी ने बताया की कैमूर जिले में अभियान के दौरान दवा खिलाने के लिए 19 लाख 55 हजार 666 घरों को चिन्हित किया गया है जिसमें 17 लाख लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है। डॉ चौधरी ने बताया की 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चो के अलावा गर्भवती महिलाओं एवं अति गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों को दवा नही खिलाई जायेगी। उन्होंने बताया कि अभियान को सफल बनाने के लिए जिले में 4000 के आसपास कर्मी लगाए गए हैं।           जिसमें 881 टीम बनाई गई है। हाउस टू हाउस दवा खिलाने के लिए 1524 आशा कर्मी, 237 आंगनबाड़ी सेविका एवं 211 वॉलिंटियर लगाए गए हैं। इस मौके पर वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी रोहित कुमार, पिरामल स्वास्थ्य के चंदन कुमार, अमलेश कुमार, राकेश कुमार, पीसीआई इंडिया के जिला समन्वयक मोहम्म शादाब आलम, सिफार लेपरा, डब्ल्यू एच ओ के कर्मी मौजूद रहे।

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