सदर अस्पताल समस्तीपुर के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ चंदन चौधरी के साथ हुआ बहुत बड़ा धोखा

पटना:-डॉ चंदन चौधरी को जरूरत से ज्यादा विश्वास करना पड़ा महंगा। यह वारदात है समस्तीपुर सदर अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ चंदन चौधरी के साथ हुए धोखाधड़ी और जालसाजी का। एक नमूना सामने आया है उनका कहना है कि सोशल एक्टिविटीज में काफी शरीक होने के कारण उनके ही साथ जुड़े हुए ऐसी लड़की जो सोशल सर्विस में उनके साथ शरिक होती रही और इनके साथ गलत बर्ताव करके उन्हें फंसाने का काम करने का शुरू की।  साथ ही उनके माता-पिता द्वारा उनको जालसाजी के तहत फंसा करके शादी बिवाह करने के लिए हमेशा से तंग करने लगी। ऐसी महिला, ऐसी लड़की जिसका नाम पूनम कुमारी है और मगध यूनिवर्सिटी की फिजियोथैरेपी की स्टूडेंट हैँ। सामाजिक कार्य मे एंट्री करते ही पूनम ने अपने ही जात के डॉक्टर चंदन चौधरी को अपनी गिरफ्त में लेने का काम कर शादी करने का मन बना लिया। पूनम एवं उसकी माता-पिता ने मिलकर कई तरह के झूठा आरोप लगाते हुए शादी से पहले ही दहेज़ प्रथा का केस कर दिया और जेल का डर दिखाते हुए जबरण शादी का कोशिश करने लगे। चंदन चौधरी एक नेक दिल इंसान है। उन्होंने अपने संस्था के द्वारा बच्चों को पढ़ाने लिखाने के अलावा कॉपी- किताब पेंसिल बांटने का काम करते रहे और हमेशा से अपनी नौकरी होने के बाद वेतन से हर वर्ग के लोगों की घटना को देखते हुए उसका निवारण तन मन धन से करने लगे। उतना ही नहीं डॉक्टर चौधरी के सामाजिक कार्यकर्ता होने के की वजह से उनको पूनम कुमारी एवं उनके रिस्तेदारो ने खासकर के पूनम के माता एवं पिता जबरन विवाह करवाने के लिए हर शभव कोशिश किये ताकि उनके 6 भाई बहन के से बचे सभी का शादी डॉ. चौधरी के पैसे से हो जाये।
इनलोगो ने डॉ. चौधरी पर लिविंग मे रहने एवं बलात्कार का भी आरोप लगाया।   सभी डॉ.चंदन चौधरी को फंसाने की कोशिश किये। मैं आपको बता दूं उनके केस को सब लोगों ने जाना यहां तक की जांच भी की गई लेकिन कहीं से भी चंदन चौधरी उसमें शरीक नजर नहीं आए। इस तरह के वारदात से चंदन चौधरी हमेशा से दूर रहे हैं लेकिन फिर भी ऐसी लड़कियां अपने मंसूबे में सफल नहीं होने के कारण इन पर महिला थाना में जाकर के एक झूठा मुकदमा भी की। डॉ.चंदन चौधरी अपने चिकित्सीय सेवा के दरमियान में कभी भी किसी तरह का दुख किसी को नहीं पहुंचाया। डॉ. चौधरी से फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज कर पूनम फेसबुक पर जुड़ी, फिर फ्रेंड बनी, फ्रेंड बनकर राजेंद्र नगर पटना में निशुल्क बुद्ध अंबेडकर शिक्षा केंद्र निशुल्क निशुल्क सिलाई मशीन ट्रेनिंग सेंटर और निशुल्क कंप्यूटर टीचिंग सेंटर पर आती थी, जिसका सारा खर्चा DMCH मे रहते अपने इंटरशिप स्टाइपेनड से दिया करते थे इसके बाद आईजीआईएमएस की सैलरी से भी ससरा खर्च देते थे। डॉ चौधरी सामाजिक कार्य में योगदान निशुल्क कलम कॉपी किताब बांट कर देते रहे हैँ एवं अच्छे और सामाजिक लोगों के साथ उठना बैठना उनका लगा रहा हैँ, यही ओहदा से आकर्षित हो कर पूनम ने भी अपनी दोस्ती बनाई और साथ में अपने सामाजिक कार्यों के साथ दो तीन जगह में भी घूमी और उनके साथ फोटो भी खिंचाई।   राजेंद्र नगर पटना वाला केंद्र एक टीम के रूप में चलता था जिसमें आई.जी. आई.एम.एस के 2 मेडीकल छात्र, फिजियोथेरेपी से अशोक और पूनम उर्फ पुनीता आर्या तथा आयुर्वेद के दीपक और रवि भी थे। यह लोग मिलकर के अच्छा काम कर रहे थे लेकिन पूनम कुमारी जो पुनीता के नाम से भी जानी जाती है इनके साथ जालसाजी कर दी उतना ही नहीं अपने जाल में फंसा कर शादी करना चाहती थी। उतना ही नहीं पता लगा कि उनके जमीन ब्रोकर पिताजी जमीन की खरीद बिक्री करते हैं तो उसमें डॉ.चंदन चौधरी से भी पैसे लेकर के जमीन देने के नाम पर उनके साथ धोखाधड़ी कर दी जिसके कारण उनका आर्थिक स्थिति ख़राब हो गयी। पूनम के पिताजी ने डॉ चौधरी पर लोन लेने के लिए दबाव देने लगे ताकि चंदन जी लोन ले कर के इन्हे पैसा दे सके। लेकिन ऐसा हुआ कि यह सारा चीज डॉ.चंदन को समझ में आने लगा था और वह इन लोगो से दूर होने लगे थे जिसके कारण पूनम यह गलत करने का सोचने लगी। उतना ही नहीं, डॉ.चंदन चौधरी ने सेल डीड की कॉपी रजिस्ट्री ऑफिस से निकाली और उसके बाद विक्रेता के डिटेल से दिए गए नंबर पर बात करने पर पता चला कि जमीन का कीमत 17लाख ही हैँ एक कट्ठा का। उसके बाद गर्दनीबाग महिला थाना में एफ.आई.आर दर्ज होने के बाद पूनम के मेडिकल जांच में भी कुछ नहीं निकला, अल्ट्रासाउंड में भी कुछ नहीं निकला ना ही भेजाइनल स्वाब में कुछ निकला। झूठा केस बनाने की कोशिश की और संपत्ति पर राज करने की सोच रही थी। मैं आपको बता दूं तब डॉ.चौधरी 7 जून को लिखित आवेदन पटना के अधिकारी- डी.एस.पी सचिवालय, एस.एस.पी पटना ए.डी.जी कमजोर वर्ग ए.डी.जी विधि- व्यवस्था एवं उच्च अधिकारी को दिया। फिर 12 जून को स्पीड पोस्ट से गोपालपुर थाना, सिटी एसपी सेंट्रल एवं एस.एस.पी पटना को भी दिया। इसके बाद चौधरी ने धारा 139 सीआरपीसी के तहत सीजीएम कोर्ट दानापुर में 13 जून 20-22 को इंफॉर्मेशन पिटीशन दायर किया यह दर्शाते हुए कि कैसे पूनम और उसके माता-पिता एवं संबंधित द्वारा झूठा केस में फंसाने की धमकी दी जा रही हैं और शादी करने के लिए इन पर डबाव डाल रहे हैं। इसके बाद पूनम और उनके माता-पिता द्वारा 23 जून 2022 को झूठा एफ.आई.आर दर्ज करवाया गया। डॉक्टर चौधरी 19 अक्टूबर को एडीजी कमजोर को पत्र लिखकर सही जांच करने की गुहार भी लगाया। इसके वाद दिनांक 9/ 11/22 को फिर सभी संबंधित अधिकारियों और समस्तीपुर नगर थाना, सिविल सर्जन समस्तीपुर को लिखित आबेदन दी गयी स्पस्टीकरण के रूप मे। साक्ष्य के साथ खंडन एवं स्पष्टीकरण भेजा एवं न्याय की गुहार लगाई। डॉक्टर चौधरी एक अच्छे समाज सेवी के साथ-साथ चिकित्सक भी हैं जिन्होंने लोगों की सेवा के लिए रात दिन लगा दिया और वे उनके जैसे व्यक्तियों को ऐसे छात्राओं द्वारा ऐसे गानों को द्वारा प्रताड़ित करना उचित नहीं है इसलिए इस पर जांच होनी चाहिए और यदि गलत हैं तो उन्हें सजा मिलनी चाहिए। यदि गलत नहीं है तो उनको हर तरह से बड़ी करना चाहिए ताकि उन पर गलत आरोप नहीं लगे इससे अच्छे लोगों का मनोबल टूटता है।

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