डायबिटीज, समस्या और समाधान पुस्तक का हुआ विमोचन

अररिया:-डायबिटीज रोग पर समास्या और समाधान पुस्तक के लेखक राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय पूर्णिया बिहार के कम्युनिटी मेडिसिन के विभाग प्रमुख डॉ अभय कुमार द्वारा रचित पुस्तक का विमोचन किया गया। यह पुस्तक सर्व साधारण व आम लोगों के लिए प्रकाशित किया गया है ,जो सही मायने में लोगों के लिय पढ़ कर काफी फायदा होगा। डा अभय कुमार द्वारा लिखित डायबिटीज रोगीयों के लिए यह पुस्तक वास्तव में मील का पत्थर साबित होगा। साथ ही साथ यह पुस्तक मेडिकल स्टूडेंट्स, पैरामेडिकल छात्र, नर्सिंग स्टूडेंट्स, स्वास्थ्य कर्मिओं के लिए भी लाभदायक होगा। कम्युनिटी मेडिसिन विभाग, गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज पूर्णियां के विभाग-प्रमुख डॉ अभय कुमार मधुमेह सप्ताह के अवसर पर पुस्तक लोकार्पण कार्यक्रम आयोजित किया गया ।इस पुस्तक में आम जनों को डायबिटीज से लड़ने के चार हथियार को डॉ अभय कुमार ने बताया। इस पुस्तक को रचित करने का उद्देश्‍य है कि लोगों को सही समय पर सही इलाज और इसकी सही जानकारी मिले। डा अभय कुमार बताते हैं कि आजकल के बदलते खानपान और लाइफस्टाइल की वजह से डायबिटीज एक आम समस्या हो गई है।यह स्‍वास्‍थ्‍य के लिए काफी हानिकारक है। डा अभय कुमार ने बताया कि यह पुस्तक का उद्देश्य है कि अधिक से अधिक लोगों को डायबिटीज रोगी को जागरूक करना है और इससे होने वाले नुकसान, इसके सही इलाज और सावधानी को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाना है।  डा अभय कुमार कहते हैं कि दुनिया में हर 5 सेकंड में एक व्यक्ति डायबिटीज के कारण अपनी जान गंवाता है. प्रत्येक 70 सेकंड में पैरों (डायबिटीज फुट) में होने वाली बीमारी गैंगरीन के चलते एक टांग काटनी पड़ती है. 50 से 70 प्रतिशत पीड़ितों को यह नहीं मालूम कि उन्हें डायबिटीज है. अंधेपन, लकवे, ह्रदयाघात के सबसे अधिक मामले डायबिटीज की देन हैं। पिछले वर्ष दुनिया भर में डायबिटीज के कारण 67 लाख इंसानों की मौत हुई है जो उसके पिछले साल से 22 लाख ज्यादा (45 लाख) है। डा अभय कुमार ने कहा डायबिटीज एक आजीवन रहने वाली बीमारी है। यह एक मेटाबॉलिक डिसॉर्डर है, जिसमें मरीज़ के शरीर के रक्त में ग्लूकोज़ का स्तर बहुत अधिक होता है। जब, व्यक्ति के शरीर में पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बन पाता है और शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति ठीक से प्रतिक्रिया नहीं कर पाती हैं। जैसा कि, इंसुलिन का बनना शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह रक्त से शरीर की कोशिकाओं में ग्लूकोज़ का संचार करता है। इसीलिए, जब इंसुलिन सही मात्रा में नहीं बन पाता तो पीड़ित व्यक्ति के बॉडी मेटाबॉलिज्म पर भी इसका प्रभाव पड़ता है। हम जो भोजन करते हैं उससे, शरीर को ग्लूकोज प्राप्त होता है जिसे कोशिकाएं शरीर को ऊर्जा प्रदान करने में उपयोग करती हैं। यदि शरीर में इंसुलिन मौजूद नहीं होता है तो वे अपना काम सही तरीके से नहीं कर पाती हैं और ब्लड से कोशिकाओं को ग्लूकोज नहीं पहुंचा पाती हैं। जिसके कारण ग्लूकोज ब्लड में ही इकट्ठा हो जाता है और ब्लड में अतिरिक्त ग्लूकोज नुकसानदायक साबित हो सकता है। उपयोग नहीं कर पाता। तब, व्यक्ति को डायबिटीज़ की समस्या हो जाती है। डायबिटीज या मधुमेह के लक्षण दिखने पर डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक हर लोगों को पढ़ना चाहिए।

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