टीबी के 61 प्रतिशत मरीज सहमत कि उन्हें चाहिए पौष्टिक आहार

पटना:-राज्य में उपचाराधीन कुल टीबी मरीजों में 61 प्रतिशत ने इस बात पर सहमति दी है कि उन्हें आवश्यक पौष्टिक आहार का भी सहयोग चाहिए. दवा पहले से उन्हें सरकारी संस्थानों से मुफ्त मिलती है. दरअसल टीबी का इलाज थोड़ा लंबा चलता है और इस दौरान मरीजों को संतुलित व पौष्टिक आहार की बेहद जरूरत होती है. हर मरीज अपने दम पर इसे पूरा करने में कई बार सक्षम नहीं भी हो पाता है. प्रधानमंत्री टीबी मुक्त कार्यक्रम के तहत निक्षय मित्र योजना ऐसे ही मरीजों के लिए जीवनदायिनी बनकर उभरा है. इस योजना में उपचाराधीन मरीजों को पोषण की पोटली या पौष्टिक फूड बास्केट 6 महीने तक मासिक आधार पर उपलब्ध कराया जाता है. राज्य में अभी ऐसे 2 हजार 488 निक्षय मित्र निबंधित हैं जो दो से लेकर सौ-डेढ़ सौ लोगों के लिए हर महीने पौष्टिक आहार उपलब्ध करा रहे है।          बचे उपचाराधीन मरीजों की सहमति का प्रयास तेज:-अभी राज्य में टीबी के 1 लाख 19 हजार 834 मरीज उपचाराधीन हैं. इनमें से 73 हजार 336 ने पोषण आहार की प्राप्ति के लिए सहमति दी है. जबकि केवल 104 उपचाराधीन मरीजों ने निक्षय मित्रों से पोषण आहार प्राप्त करने से मना किया है. राज्य सरकार ने बाकी बचे 46 हजार 394 मरीजों से सहमति लेने का प्रयास तेज कर दिया है. इस सन्दर्भ में अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, यक्ष्मा, डॉ. बाल कृष्ण मिश्र ने सभी अपर उपाधीक्षक-सह-सहायक अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, संचारी रोग को पत्र जारी कर आवश्यक निर्देश दिया है. पत्र में कहा गया है कि सम्बन्धित जिले के एसटीएस, प्रभारी एसटीएस, डीपीसी इस काम में तेजी लायेंगे. पत्र में बताया गया है कि प्रदेश के कुल 46 हजार 394 मरीजों का कंसेंट/सहमति पेंडिंग है. इनमें 8 जिले क्रमश: दरभंगा, समस्तीपुर, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, मुजफ्फरपुर, पटना एवं वैशाली में 52 फीसदी मरीजों की सहमति मिलनी बाकी है. राज्य में कुल 2 हजार 488 निक्षय मित्र निबंधित:-राज्य में अभी कुल 2 हजार 488 निक्षय मित्र निबंधित हैं जो टीबी के करीब 73 हजार 336 उपचाराधीन मरीजों को हर महीने पोषण आहार उपलब्ध करा रहे हैं. निक्षय मित्रों द्वारा अब तक कुल 31 हजार 710 पोषण आहार किट दिए गए हैं. निक्षय मित्र योजना के तहत कोई भी सक्षम व्यक्ति अथवा संस्थान अपनी क्षमता के अनुसार टीबी मरीजों को गोद लेकर उनकी पोषण की जरूरतों का ध्यान रख सकते हैं।

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