माइक्रोफाइलेरिया दर की पहचान के लिए नाइट ब्लड सर्वे जरूरी

सासाराम:- फाइलेरिया जैसी गंभीर बीमारी को जड़ से मिटाने के लिए अगस्त महीने में शुरू होने वाले सर्वजन दवा सेवन अभियान को लेकर तैयारियां जोरों पर है। दवा सेवन अभियान से पूर्व रोहतास जिले में फाइलेरिया दर को जांचने के लिए भी जिला फाइलेरिया उन्मूलन केंद्र की तैयारी पूरी हो गई है। इसके लिए रोहतास जिले के 21 लैब टेक्नीशियन को राज्य स्तरीय प्रशिक्षण प्रदान कर दिया गया है। सभी प्रशिक्षण प्राप्त लैब टेक्नीशियन वापस आ चुके हैं और नाइट ब्लड सर्वे को लेकर पूरी तरह से तैयार हैं। सर्वजन दवा सेवन अभियान के शुरू होने से पूर्व जिले में नाइट ब्लड सर्वे चलाया जाता है जिसके माध्यम से जिले का माइक्रोफाइलेरिया दर मालूम चलता है और दर के अनुसार ही उक्त गांव या पंचायत में दवा सेवन का अभियान चलाया जाएगा। वही नाइट ब्लड सर्वे को लेकर अभी राज्य स्तर से किसी प्रकार का कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है। बावजूद इसके रोहतास जिला स्वास्थ्य समिति के साथ जिला फाइलेरिया उन्मूलन केंद्र पूरी तरह से तैयार है। रोहतास जिले में दो हजार से अधिक फाइलेरिया पीड़ित:-रोहतास जिले में फाइलेरिया से पीड़ित लोगों का लगातार डाटा तैयार किया जा रहा है। फाइलेरिया विभाग के साथ-साथ सहयोगी संस्थाओं के द्वारा जिले के विभिन्न प्रखंडों में फाइलेरिया पीड़ित मरीजों का लाइन लिस्टिंग किया जा रहा है। रोहतास जिले में 2000 से अधिक हाथीपांव के मरीज पाए गए हैं। और उनके माध्यम से भी लोगों को फाइलेरिया के बारे में बताया जा रहा है और सर्वजन दवा सेवन को लेकर भी लोगों को जागृत किया जा रहा है। बार बार पांव फूलने पर न करें नजरंदाज:-फ़ाइलेरिया एक संक्रमित बीमारी है जो क्यूलेक्स नामक मच्छर के काटने से फैलता है। हालांकि इस बीमारी का लक्षण 10 से 12 साल के बाद नजर आता है परंतु एक बार लक्षण दिख जाए तो इस बीमारी को ठीक नहीं किया जा सकता है।           सावधानी बरत कर इस बीमारी को बढ़ने से रोका जा सकता है। इसकी जानकारी देते हुए वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी जयप्रकाश गौतम ने बताया कि यदि किसी व्यक्ति का बार-बार पांव में सूजन आता हो तो इसे नजर अंदाज न करें क्योंकि यह फाइलेरिया का भी लक्षण हो सकते हैं।फाइलेरिया बीमारी में व्यक्ति का पांव हाथी के पांव के समान हो जाता है और इसका अभी तक कोई इलाज या सर्जरी नहीं है। उन्होंने बताया कि सावधानी बरत कर ही इस बीमारी को बढ़ने से रोका जा सकता है। यदि बार-बार पांव फूलने की शिकायत हो रही हो तो सरकारी अस्पताल स्थित फाइलेरिया विभाग में जरूर संपर्क करें। खून की कराएं जांच:-जयप्रकाश गौतम ने बताया कि फाइलेरिया जांच को लेकर जल्द ही नाइट ब्लड सर्वे किया जाएगा। उन्होंने लोगों से अपील किया कि नाइट ब्लड सर्वे के दौरान खून की जांच जरुर करवाए। उन्होंने बताया की फाइलेरिया की पहचान के लिए लिए नाइट ब्लड सर्वे जरूरी है। फाइलेरिया के परजीवी मुख्यत: रात को 8.30 बजे के बाद ही एक्टिव होते हैं इसलिए इसकी जांच रात्रि में ही की जाती है। उन्होंने बताया कि नाइट ब्लड सर्वे को लेकर विभिन्न प्रखंडों में जांच कैंप लगाया जाएगा। इसके पूर्व लोगों को जांच का स्थल एवं तारीख को लेकर विभिन्न माध्यमों से जानकारी दी जाएगी।

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