योग अब वैश्विक संस्कृति का हिस्सा बन गया है:-डीडीसी

जमुई:- सदर प्रखंड के सौजन्य से इंदपै ग्राम पंचायत स्थित अमृत सरोवर के तट पर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का भव्य आयोजन किया गया। डीडीसी सुमित कुमार के कुशल नेतृत्व में बीडीओ श्रीनिवास, प्रखंड प्रमुख अमित कुमार, मुखिया संतोष कुमार, कार्यक्रम पदाधिकारी संजीव कुमार समेत कई अधिकारियों, कर्मियों और बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने कसरत किया और निरोगी रहने का संकल्प लिया।    डीडीसी ने इस अवसर पर उपस्थित जनों को प्रणायाम, भ्रामरी, अनुलोम विलोम, कपाल भांति, भुजंगासन, शलभ आसन, वज्रासन, चक्रासन, त्रिकोणासन, ताड़ासन आदि प्रक्रिया को स्वयं भी किया और लोगों से भी कराया साथ ही नियमित योग करने का संदेश दिया। डीडीसी ने मौके पर कहा कि योग एक प्राचीन भारतीय परंपरा है जो अब वैश्विक संस्कृति का हिस्सा बन गया है। इसके माध्यम से देश-विदेश के योगी एक-दूसरे से जुड़ रहे हैं और सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा दे रहे हैं। योग स्वस्थ एवं संतुलित जीवन शैली को प्रोत्साहित करता है। ध्यान और योग से मानसिक शांति मिलती है जिससे समाज में सकारात्मक सोच बढ़ती है।          यह शरीर के साथ-साथ मन को भी स्वस्थ रखता है और हमें बीमारियों से बचाता है। अगर कोई किसी बीमारी से पीड़ित है तो उसके ईलाज के लिए नियमित योग कारगर साबित होता है। योग हमारे शरीर, मन, विचार और प्रकृति के बीच सामंजस्य स्थापित करता है। यह स्वास्थ्य और खुशहाली का मार्ग प्रशस्त करता है। योग सिर्फ व्यायाम नहीं है बल्कि शारीरिक और बौद्धिक विकास में सहायक सिद्ध होता है। यह स्वयं के साथ-साथ दुनिया और प्रकृति के साथ एकत्व की भावना लाती है। उन्होंने कहा कि योग हमारे जीवन शैली में बदलाव लाकर और प्राकृतिक बदलावों के जरिए शरीर को स्वस्थ बनाने में मददगार साबित होता है।          यह न केवल हमें स्वस्थ रखता है बल्कि हमारे आचरण, विचार और व्यवहार में भी बदलाव लाता है। वास्तव में हमारे लिए गर्व की बात है कि हमारे देश की योग विद्या को आज वैश्विक मान्यता मिली है। बीडीओ श्रीनिवास ने आगत अभ्यागतों को अंग वस्त्र देकर उनका यथोचित सम्मान करते हुए कहा कि सभी स्वजन स्वयं तथा परिवार के लोगों के साथ घर पर नियमित योग करें और स्वस्थ एवं खुशहाल जीवन जीएं। उन्होंने अच्छी सेहत के लिए इसे अनिवार्य करार दिया।
अंकित करने वाली बात है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता दी थी। इसके बाद 2015 के 21 जून को पहली बार अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया था। तब से यह हर साल इस तिथि को यह दिवस उल्लास और उमंग के वातावरण में मनाया जाता है।

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