ट्रांसमिशन अस्सेस्मेंट सर्वे पर राज्यस्तरीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का हुआ आयोजन

पटना:- पटना स्थित होटल लेमन ट्री में राज्य फ़ाइलेरिया कार्यालय, विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं पिरामल स्वास्थ्य के तत्वावधान में उन्मुकीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में 9 जिलों क्रमशः पटना, अररिया, मधेपुरा, मधुबनी, दरभंगा, नालंदा, किशनगंज, जहानाबाद एवं सुपौल जिले के वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी, वीडीसीओ एवं वेक्टर जनित रोग सलाहकार शामिल हुए।           कार्यशाला में विश्व स्वास्थ्य संगठन के राज्य एनटीडी कोऑर्डिनेटर, डॉ.राजेश पांडेय, पिरामल स्वास्थ्य की तरफ से डॉ. इन्द्रनील बनर्जी एवं बासब रूज, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की तरफ से डॉ. रविशंकर, राज्य कार्यालय, फ़ाइलेरिया से राज्य प्रतिनिधि, सलाहकार, फ़ाइलेरिया डॉ. अनुज सिंह रावत, पीसीआई इंडिया की तरफ से डॉ.पंखुड़ी मिश्रा, 9 जिलों से आये वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी, वेक्टर डिजीज नियंत्रण पदाधिकारी एवं वेक्टर जनित रोग सलाहकार शामिल हुए।         राज्य के सभी जिले हैं फ़ाइलेरिया प्रभावित:-कार्यशाला में मुख्य प्रशिक्षक की भूमिका निभाते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन के राज्य एनटीडी कोऑर्डिनेटर, डॉ.राजेश पांडेय ने शामिल प्रतिभागियों को ट्रांसमिशन अस्सेस्मेंट सर्वे की पूरी प्रक्रिया की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि राज्य के सभी 38 जिले सहित देश के 20 राज्यों एवं 5 केंद्र शाषित प्रदेश में 345 जिले फ़ाइलेरिया से ग्रसित हैं. उन्होंने बताया कि 106 इम्प्लीमेंटेशन यूनिट में जहाँ प्री-टास की गतिविधि में तीन साईट में नाईट ब्लड सर्वे कराया गया और कुल 9 जिलों के 76 इम्प्लीमेंटेशन यूनिट में माइक्रोफ़ाइलेरिया दर 1 से कम पाया गया।          इन 9 जिलों में अब ट्रांसमिशन अस्सेस्मेंट सर्वे कराया जायेगा. उन्होंने सभी शामिल प्रतिभागियों से कार्यशाला का पूरा लाभ लेने को कहा और अपनी तरफ से पूरी सहयोग की प्रतिबद्धता जताई. उन्होंने टास के चारो मोड्यूल के बारे में प्रेजेंटेशन के माध्यम से विस्तार से बताया। राज्य सलाहकार, फ़ाइलेरिया डॉ. अनुज सिंह रावत ने बताया 9 जिलों से आये हुए वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी, वेक्टर डिजीज नियंत्रण पदाधिकारी एवं वेक्टर जनित रोग सलाहकार का राज्य फ़ाइलेरिया कार्यालय की ओर से स्वागत व अभिनन्दन किया इस आगामी गतिविधि टास-1 के लिए अग्रिम शुभकामनायें प्रदान की. उन्होंने कहा कि 9 जिलों ने प्री-टास में जो उत्कृष्ट कार्य किया है वह हर्ष का विषय है और मुझे उम्मीद है कि टास-1 में भी वह सफलता प्राप्त करेंगे।          कार्यशाला के दौरान जिलों से आये प्रतिभागियों ने डॉ. राजेश पांडेय के सहयोग से अपनी शंकाओं का समाधान किया। पिरामल स्वास्थ्य के तकनीकी विशेषग्य, फ़ाइलेरिया, डॉ. इन्द्रनील बनर्जी ने बताया कि प्रखंड स्तर पर टास के दौरान पिरामल स्वास्थ्य की टीम अपना पूरा सहयोग प्रदान करेगी और भविष्य की नीति तय करने में मदद करेगी. लेप्रा प्रतिनिधि दिलीप कुमार, अररिया से डॉ. अजय एवं हाल ही में चयनित वीडीसीओ मधेपुरा से सोनाली एवं सुपौल से अनिषा भारती ने अपनी शंकाओं का समाधान पाया।

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