जिले में 1 जुलाई से शुरू होगा नाईट ब्लड सर्वे अभियान, तैयारी पूरी

सासाराम:-फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर चलाए जा रहे अभियान के तहत जिले में 1 जुलाई से नाइट ब्लड सर्वे की शुरुआत की जाएगी। जिले के सभी 19 प्रखंडों में रात्रि 8:00 से अभियान की शुरुआत की जाएगी। इसके लिए जिला फाइलेरिया विभाग ने सभी तैयारियां पूरी कर ली है। फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर आगामी 10 अगस्त से जिले में एमडीए (मांस ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) सर्वजन दवा सेवन अभियान की शुरुआत होनी है उसके पूर्व लोगों में मौजूद फाइलेरिया के परजीवी की पहचान को लेकर नाइट ब्लड सर्वे अभियान चलाया जाएगा। इसके तहत लोगों के खून का सैंपल लेकर फाइलेरिया परजीवी की जांच की जाएगी। नाईट ब्लड सर्वे के दौरान प्रत्येक प्रखंड से 600 रक्त सैंपल एकत्रित किए जाएंगे। सैंपल के लिए जिले में गांव का भी चयन कर लिया गया है। प्रत्येक प्रखंड 2 गांव को चयनित किया गया है। जिले के 19 प्रखंडों में कुल 42 गांव का चयन किया गया है जहाँ एक साथ नाइट ब्लड सर्वे किया जाएगा। प्रत्येक प्रखंड में एक रेंडम और एक सेंटिनल साइन का चयन किया गया है। प्रत्येक साईट से 300- 300 सैंपल लिए जाएंगे।           रक्त की सैंपल के जांच के बाद माइक्रोफाइलेरिया दर का पता चलेगा। 1 प्रतिशत से कम माइक्रोफाइलेरिया दर वाले गांव में एमडीए अभियान नहीं चलाया जाएगा, जबकि 1 प्रतिशत से अधिक माइक्रो फाइलेरिया दर वाले गांव में अभियान चलाया जाएगा। किन किन गांव मे चलेगा नाईट ब्लड सर्वे अभियान:-फाइलेरिया जांच के लिए रक्त संग्रह को लेकर जिले के 19 प्रखंडों के 42 गांव में जांच शिविर का आयोजन किया जाएगा। जिसमें अकोढ़ीगोला के बलिगांवा एवं कपसियां, बिक्रमगंज के तुर्ति एवं नोनहर, चेनारी के ख़ुरमाबाद एवं तेलारी, दावथ के बिथवा एवं सेमरी, डेहरी के चिलबिला एवं सुजानपुर, दिनारा के लीलवछ एवं महरोड, करगहर के बभनी एवं सिरिसियां, काराकाट के चिकसील एवं करूप, कोचस के चितांव एवं उतरांव, नासरीगंज के अतिमी एवं धनाव इंग्लिश, नौहट्टा के बल्तुआ एवं तीउरा, नोखा के कैथी एवं बरांव, राजपुर के तराव एवं महुरी, रोहतास के तुंबा एवं जमुआ, संझौली के चैता नरवर एवं राजड़ीह, सासाराम के मोकर एवं करपुरवा, शिवसागर के कुमहउँ एवं कोनार, सूर्यपुरा के सूर्यपुरा एवं बारुण, तिलौथू के सेवही एवं रेडिया, सासाराम शहरी में सागर, बौलिया, तथा डेहरी शहरी में मथुरापुर कॉलोनी एवं ईदगाह मुहल्ला शामिल है। नाईट ब्लड सर्वे जरूरी:-वेक्टर जनित रोग नियंत्रण प्राधिकारी जयप्रकाश गौतम ने बताया कि फाइलेरिया एक लाइलाज बीमारी है। यह बीमारी फाइलेरिया संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलती है। यह मच्छर क्यूलेक्स एवं मेमसोनाइडिस प्रजाति के होते हैं। जिसमें मच्छर एक धागे के समान परजीवी को छोड़ता है और वह परजीवी हमारे शरीर में प्रवेश कर जाता है। इस बीमारी का लक्षण 10 से 12 वर्षों के बाद दिखाई है। इस बीमारी की पहचान के लिए रात में ही ब्लड का सैंपल लेकर किया जाता है। सैंपल के माध्यम से लोगों में मौजूद परजीवी की जांच की जाती है। उन्होंने बताया कि लोगों के शरीर में मौजूद परजीवी मुख्यतः रात में 8:00 के बाद ही सक्रिय होते हैं, इसलिए इसकी जांच रात्रि 8:00 बजे से लेकर 12:00 बजे तक किया जाता है और फिलहाल यह जांच साल में एक बार ही किया जाता है। नाइट ब्लड सर्वे 1 जून से लेकर 8 जून तक जिले की विभिन्न प्रखंडों में चलाया जाएगा।

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