एनीमिया माता एवं गर्भस्थ शिशु के लिए घातक

पटना:-आज की जीवन शैली में एनीमिया एक आम स्वास्थ्य समस्या है, जिससे काफी लोग ग्रसित हैं. लेकिन इसे लेकर सामान्य सी भी लापरवाही इसे गंभीरतम रोगों की श्रेणी में ला सकती है. विषेशरूप से गर्भवस्था के दौरान की अनिमिया न सिर्फ माँ बल्कि उसके गर्भस्थ भ्रूण के सम्पूर्ण विकास के लिए भी संकट है. इस दौरान शिशु के विकास के लिए शरीर को सामान्य से अधिक मात्रा में रक्त की आवश्यकता होती है. अगर इस दौरान गर्भवती पर्याप्‍त आयरन या अन्‍य पोषक तत्‍व नहीं ले रही हैं तो शरीर में अधिक खून बनाने के लिए जरूरी लाल रक्‍त कोशिकाओं का निर्माण रुक सकता है और गर्भवती में रक्त की कमी हो सकती है.एनीमिया से होने वाले नुकसान को जाने और उसे दूर करें:-चिकित्सा पदाधिकारी, मातृ स्वास्थ्य, डॉ. विजेता सिन्हा ने बताया कि खून में आयरन यानि लौह तत्व की कमी एनीमिया या रक्ताल्पता कहलाता है. रक्त में हीमोग्लोबिन का स्तर सामान्य से कम हो जाने पर शरीर में ऑक्सीज़न का प्रवाह बाधित होता है. गर्भवती महिलाओं में एनीमिया, प्रसव के दौरान या इसके बाद कई जटिलताओं व जोखिम को जन्म देता है. सभी गर्भवती महिलाओं के लिए प्रसव पूर्व जांच आवश्यक है।          प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत गर्भवती माताओं की सभी प्रसव पूर्व जांच निशुल्क और प्रत्येक सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर की जाती है. 4 प्रसव पूर्व जांच कराकर गर्भवती महिला एक सुरक्षित एवं सुखद प्रसव का आनंद ले सकती है. उन्होंने बताया कि गर्भवती को आवश्यक आयरन व फॉलिक एसिड की गोली और खानपान को लेकर परामर्श दिया जाता है. यह है राज्य की स्थिति:-राज्य में आयरन व फॉलिक एसिड की गोली के सेवन में सुधार दर्ज किया गया है. एनएफएचएस-5 की रिपोर्ट के अनुसार राज्य में 9.3 प्रतिशत गर्भवती महिलाएं अपने गर्भकाल में 180 आयरन व फॉलिक एसिड की गोली का सेवन करती हैं जबकि एनएफएचएस-4 की रिपोर्ट के अनुसार राज्य में मात्र 2.3 प्रतिशत महिलाएं ही आयरन व फॉलिक एसिड की गोली का सेवन करती थीं.पौष्टिक आहार व आयरन गोली होगा एनीमिया से बचाव में कारगर:-विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार गर्भवती महिलाओं को अपने आहार में विविधता रखनी चाहिए. मांस, मछली, अंडा, फल, सूखे मेवे को अपनी आहार में शामिल करना चाहिए. रिपोर्ट में बताया गया है कि पौष्टिक भोजन के साथ चिकित्सीय सलाह के अनुसार आयरन व फॉलिक एसिड की गोली का सेवन करना चाहिए और यह ध्यान देना चाहिए कि भोजन शुद्ध एवं साफ़ तरीके से बना हो. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया विश्व में प्रजनन आयु की 30 प्रतिशत महिलाओं की प्रभावित करता है और इसमें 42 प्रतिशत ऐसी महिलाओं का होता है जो गर्भवती होती हैं।
लक्षणों को पहचाने और सतर्क रहें:
• थकान व कमजोरी का एहसास
• सांस फूलना
• ह्रदय धड़कन तेज होना
• सिरदर्द व चिड़चिड़ापन
• होंठ का सूखना व फीकापन
• भूख कम होना
• पैरों में दर्द व ऐंठन

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे
Donate Now
अब पायें अपने शहर के सभी सर्विस प्रवाइडर के नंबर की जानकारी एक क्लिक पर


               
हमारे  नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट , और सभी खबरें डाउनलोड करें
डाउनलोड करें

जवाब जरूर दे 

क्या आप मानते हैं कि कुछ संगठन अपने फायदे के लिए बंद आयोजित कर देश का नुकसान करते हैं?

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles

Back to top button
Close
Website Design By Mytesta.com