सेस वसूलने के लिए विभाग कर रहा है श्रम, मजदूरों को हक दिलाने के लिए कटिबद्ध

जमुई:-श्रम विभाग सेस वसूलने के लिए सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। जो भी भवन निर्माता सेस देने में कंजूसी कर रहे हैं, विभाग उनपर विधि सम्मत कार्रवाई करेगी। श्रम विभाग कामगारों को हक दिलाने के लिए कटिबद्ध है। श्रम अधीक्षक रतीश कुमार ने इस आशय की जानकारी देते हुए कहा कि भवन निर्माण में लिए जाने वाले उपकर (सेस) के निर्धारण में श्रम विभाग सख्ती बरत रहा है। राजस्व वसूली को लेकर उच्च पदस्थ का भी जोर है। मजदूरों के कल्याण के लिए प्रदेश सरकार ने कई योजनाएं चलाई है।           श्रम विभाग के भवन एवं सन्निर्माण कार्य से जुड़े मजदूरों के लिए प्रदेश सरकार कई योजनाओं का संचालन कर रही है। कामगारों के कल्याण के लिए विभाग निर्माणाधीन भवनों से सेस वसूलता है। श्रमिकों और उनके परिजनों को इस राशि से वांछित लाभ दिया जाता है। अगर कोई व्यक्ति या कार्यदायी संस्थान 10 लाख रुपये से अधिक का आवासीय भवन निर्माण करती है , तब उनसे श्रम विभाग एक प्रतिशत सेस वसूलती है। भवनों का सर्वे कर सेस वसूलने का कार्य प्रगति पर है। श्रम अधीक्षक के नेतृत्व में अधिकारियों की टीम भवन निर्माण स्थल जाकर वहां इस बात का जायजा ले रही है कि निर्माता कुल लागत का 01 प्रतिशत सेस जमा किया है अथवा नहीं। विभाग सेस नहीं जमा करने वाले नामित जनों पर उपयुक्त कार्रवाई करेगी। श्रम अधीक्षक ने सभी सरकारी, गैर सरकारी भवन निर्माता एवं नियोजकों से अपील करते हुए कहा कि बिहार भवन एवं अन्य सन्निमार्ण कर्मकार कल्याण उपकर अधिनियम 1986 के अंतर्गत 10 लाख से ऊपर के भवन निर्माण के लिए 01 प्रतिशत सेस जमा कराना सुनिश्चित करें अन्यथा यथोचित कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने भवनों के निरीक्षण के दरम्यान श्रमिकों का ऑन द स्पॉट निबंधन किए जाने की जानकारी दी।

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