एचडब्ल्यूसी व एपीएचसी पर प्रतिमाह का ओपीडी लक्ष्य निर्धारित

पटना:- राज्य में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर और अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की सूरत संवारने के लिए स्वास्थ्य विभाग काफी सक्रिय है। राज्य स्वास्थ्य समिति में जुलाई के अंतिम हफ्ते हुई उच्च स्तरीय बैठक के दौरान सभी जिलों के एचडब्ल्यूसी पर दी जाने वाली सेवाओं की समीक्षा की गयी। इसमें ओपीडी सेवाओं के विस्तार पर बल दिया गया। बैठक में तय किया गया कि एचडब्ल्यूसी पर 3 सौ और एपीएचसी स्तर पर 1800 मरीजों का इलाज ओपीडी के दौरान प्रतिमाह किया जाए। इसके अलावा, 2 अक्टूबर यानी गांधी जयंती तक सभी जिले के एचडब्ल्यूसी पर 80 प्रतिशत दवा की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया। वैसे एचडब्ल्यूसी जिनके पास अपना भवन नहीं है, उन्हें दवा के रखरखाव में असुविधा न हो, इसलिए वहां उन्हें एक आलमारी रखने को कहा गया, ताकि दवाओं को सुव्यवस्थित रखा जा सके। वहीं प्रत्येक एचडब्ल्यूसी पर 12 प्रकार के रैपिड डायग्नोस्टिक किट भी रखने को कहा गया।           राज्य के पांच जिले जहां ओपीडी के दौरान मरीजों का फुटफॉल (मरीजों का आगमन) सबसे ज्यादा है, उनमें गया, बक्सर, भोजपुर, नवादा एवं दरभंगा जिले शामिल है। स्थानीय स्तर पर योग प्रशिक्षकों की हो नियुक्ति:-योग सत्रों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से समीक्षा के दौरान कम योग प्रशिक्षकों वाले जिलों को स्थानीय स्तर पर योग शिक्षक नियुक्त करने को कहा गया। मालूम हो कि पूर्व में ही राज्य स्वास्थ्य समिति के द्वारा जिलों को स्थानीय स्तर पर उपलब्ध योग प्रशिक्षकों की सूची उपलब्ध कराई जा चुकी है। इसके अलावा, एचडब्ल्यूसी के रखरखाव की समुचित व्यवस्था के लिए सूबे केएचडब्ल्यूसी पर जन आरोग्य समिति का गठन कर खाता खोलने का निर्देश दिया गया जा चुका है। समीक्षा के दौरान प्रत्येक प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को संबंधित सिविल सर्जन के स्तर से पत्र भेजकर तीन अच्छे एचडब्ल्यूसी को चिन्हित कर उसमें सबसे अच्छे एचडब्ल्यूसी का आंतरिक और बाह्य असेसमेंट कराकर उसे भारत सरकार से वर्चुअल असेसमेंट के लिए अनुरोध किये जाने का निर्णय भी किया गया।

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