मच्छर जनित रोगों से हर साल दुनिया में लाखों लोगों की मौत हो जाती है:-सिविल सर्जन

आरा:-सिविल सर्जन कार्यालय में सीएस डॉ. शिवेंद्र कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में विश्व मच्छर दिवस मनाया गया। इस दौरान अधिकारियों और कर्मियों को मच्छरों से होने वाली बीमारियों मसलन फाइलेरिया, डेंगू, कालाजार, मलेरिया, चिकनगुनिया आदि के बारे में बताया गया।          मौके पर सिविल सर्जन डॉ. सिन्हा ने बताया कि मच्छर दुनिया के सबसे खतरनाक कीटों में से एक हैं। इनके काटने से डेंगू, चिकनगुनिया, जीका वायरस और मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ध्यान न देने पर ये बीमारियां जानलेवा भी साबित हो सकती है। मच्छर जनित रोगों से हर साल दुनिया में लाखों लोगों की मौत हो जाती है। एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2010 में अफ्रीका में सबसे ज्यादा मौतें मच्छरों के काटने से हुई थी। इस दिन को मनाने का मकसद लोगों को इन्हीं खतरनाक बीमारियों के प्रति सचेत करना है और मच्छरों से बचाव के तरीकों के बारे में बताना है। तेजी से उभर रहा है डेंगू का प्रकोप:-एसीएमओ सह प्रभारी जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. केएन सिन्हा ने बताया कि भोजपुर समेत पूरे देश में मच्छरों का प्रभाव देखा जाए तो, पिछले दो सालों में डेंगू, चिकनगुनिया, लिम्फैटिक फाइलेरिया और लीशमनियासिस जैसी प्रमुख वेक्टर जनित बीमारियों में कमी आई है। लेकिन, इन सभी वेक्टर जनित बीमारियों में से डेंगू ही एक ऐसी बीमारी है जो तेजी से उभर रहा है और इसका प्रकोप सबसे ज्यादा है। उन्होंने बताया कि मच्छरों से होने वाले खतरों के साथ ही ये भी जानना जरूरी है कि ये खतरनाक कीट हमारे पारिस्थितिकी तंत्र को सुचारू रूप से चलाने में बहुत ही अहम भूमिका निभाते हैं। पूरी तरह के इनका खात्मा करने से पारिस्थितिकी संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे कई तरह के खतरे पैदा हो सकते हैं। इसलिए हम लोगों को मच्छरों से होने वाली बीमारियों से बचाव के उपायों पर ध्यान देने की सलाह देते हैं। बरसात में सावधानी बरतने की जरूरत:-एसीएमओ डॉ. केएन सिन्हा ने बताया कि बरसात के दिनों में मच्छरों का आतंक बढ़ जाता है। इस मौसम में मच्छर के काटने से कई बीमारियां पनपती हैं। इनमें डेंगू, मलेरिया, जीका वायरस और चिकनगुनिया शामिल हैं। खासकर, डेंगू और मलेरिया से अधिक बचाव जरूरी है। इसलिए इस दौरान सावधानी बरतने की जरूरत है। हमें अपने घर एवं आस-पास मच्छरों का प्रजनन रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए। डेंगू-चिकनगुनिया मच्छर साफ पानी में पनपते हैं। इसलिए पानी के बर्तन एवं घर के पानी टंकी को ढक कर रखना चाहिए। घर के आसपास साफ-सफाई रखें। मच्छरदानी के अंदर ही सोये क्योंकि एडिस मच्छर दिन में ही काटते हैं इसलिए पूरे शरीर को ढकने वाले वस्त्र धारण करें।            डेंगू-चिकनगुनिया बुखार के उपचार के लिए कोई विशेष दवा नहीं है। यदि इसके लक्षण दिखाई दें, तो चिकित्सक से तुरंत संपर्क करें। घर के खिड़कियों एवं दरवाजों पर जाली लगाएं। मौके पर डीटीओ डॉ. ए अहमद, डीपीएम रवि रंजन, डीएएम अश्विनी कुमार, डीएमईओ धनंजय कुमार, डीडीए शशि कुमार, वीडीसीओ अजीत कुमार पटेल, एफएलए कुमारी प्रियंका, क्लर्क संतोष कुमार, पीरामल के जिला प्रतिनिधि सोमनाथ ओझा, हिमांशु, पीसीआई के डीएल रणवीर पटेल इत्यादि लोग थे।

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