डायरिया से बचाव के लिए साफ सफाई और स्वच्छ पानी का करें इस्तेमाल:- एसीएमओ

बक्सर:- जिले में डायरिया का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। बीते दिनों डुमरांव प्रखंड के बनकट गांव में 100 से भी अधिक डायरिया से ग्रसित मरीजों का इलाज किया गया। वहीं, अब सदर प्रखंड के बरूणा गांव में सोमवार को 40 से 45 लोगों में डायरिया के लक्षण पाए गए। जिनमें आठ लोगों को बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल रेफर किया गया।           वहीं, शेष मरीजों का चिकित्सीय टीम की निगरानी में उनके घर पर ही इलाज चल रहा है। हालांकि, चिकित्सकों के अनुसार सभी मरीजों की स्थिति सामान्य है। वहीं, मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य महकमा पूरे दिन गांव के अन्य घरों में डायरिया के लक्षण वाले मरीजों को चिह्नित करने में लगा रहा। ताकि, डायरिया से ग्रसित मरीजों का बेहतर और ससमय इलाज कराया जा सके। इस संबंध में अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. शैलेंद्र कुमार ने बताया कि जैसे ही डायरिया के मरीजों की पुष्टि हुई, जिला स्वास्थ्य समिति के द्वारा तत्काल बरूणा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर से चिकित्सकों का एक दल प्रभावित इलाके में भेजा गया। जहां चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. ज्ञान प्रकाश सिंह के नेतृत्व में मरीजों को डायरिया के लक्षण के अनुसार चिकित्सीय सुविधा मुहैया कराई गई। उसके बाद गांव में घर घर जाकर डायरिया के लक्षण वाले मरीजों की खोज की गई। उसके बाद सदर प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. मिथिलेश एक टीम गांव में डायरिया के कारणों को चिह्नित करने के लिए भेजा गया। बरसात में बढ़ जाती है डायरिया के प्रसार की संभावना:-एसीएमओ डॉ. शैलेंद्र कुमार ने बताया कि डायरिया एक संक्रामक रोग है। बरसात के दिनों में डायरिया का प्रसार होने की संभावना बढ़ जाती है। जिसको देखते हुए विभाग द्वारा जिले में भी विशेष अभियान शुरू किया गया है। ताकि, लोगों को डायरिया के प्रति जागरूक किया जा सके। उन्होंने बताया कि बरसात के दिनों में डायरिया का प्रसार होने का मुख्य कारण दूषित पानी और साफ-सफाई की कमी है। इसलिए इससे बचाव के लिए लोगों को साफ-सफाई के साथ शुद्ध पेयजल का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है। डॉ. कुमार ने बताया कि बरूणा गांव में जिन इलाकों में डायरिया से लोग ग्रसित हुए हैं, वहां पर स्वच्छ पानी का अभाव है। यहां टंकी से लोगों के घरों तक पानी सप्लाई की जा रही है। लेकिन जिन पाइप्स के द्वारा पानी की सप्लाई की जा रही है, वह नालियों से गुजर है। वहीं, पाइप्स कई स्थान पर क्षतिग्रस्त है, जिसके कारण लोग डायरिया की चपेट में आए हैं। लोगों को दी जा रही है ओआरएस बनाने की जानकारी:-जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. विनोद प्रताप सिंह ने बताया कि जहां कहीं भी गंदगी होती है वहां इसके कीटाणुओं का वास रहता है। इसके साथ सफाई नहीं रहने के कारण भी इस यह बीमारी तेजी से फैलता है। जिसमें कई जानें भी चली जाती है। इस बीमारी में दस्त अधिक होता है। इसके साथ उल्टी भी होती है। धीरे-धीरे शरीर से पानी कम होता जाता है। इसलिए इसमें सावधानी बरतना जरूर है।           डायरिया से बचने के लिए स्वच्छता जरूरी है। गर्मी या किसी भी मौसम में बासी खाना न खाएं। पानी व भोजन सामग्री को ढंक कर रखें। जहां खाना बनता हो वहां सफाई रखें। जिससे वहां इसके कीड़े पनप नहीं सके। खाना परोसने से पूर्व अच्छी तरह हाथ को साबुन से साफ कर लें। खाना खाने वाले भी भोजन से पूर्व हाथों की सफाई कर लें। डायरिया हो जाने पर घबराना नहीं चाहिए। अपने घर पर एक चुटकी नमक, एक चम्मच चीनी को एक गिलाश पानी में घोल कर पीड़ित को पानी पिलाते रहें। ताकि उनके शरीर में पानी की सामान्य मात्रा बनी रहे।

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