धनतेरस को महंगाई ने दी जोरदार पटखनी, सोना-चांदी की दुकानों पर उमड़ा ग्राहकों का समुद्र

जमुई:-सोना-चांदी की ऊंची कीमत होने के बावजूद धनतेरस के दिन जमकर बिक्री हुई। रत्न एवं आभूषण की दुकानों, शोरूम में ग्राहकों की उमड़ी भीड़ ने ज्वैलर्स के चेहरे पर दिवाली की मुस्कान भर दी। पिछले धनतेरस की अपेक्षा इस बार सोने की कीमत 30 फीसदी और चांदी का भाव करीब 38 फीसदी अधिक है। इसके बावजूद आभूषण कारोबारियों ने जमकर कारोबार किया और पिछले साल के रिकॉर्ड तोड़कर नया कीर्तिमान बनाया। अन्तःपुर के नारद मुनि जमुई जिला में धनतेरस पर 25 करोड़ से ज्यादा रुपये के व्यापार होने का अनुमान लगा रहा हैं। पिछले साल धनतेरस (10 नवंबर 2023 ) के दिन सोना 60 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी 70400 रुपये प्रति किलोग्राम थी जो कि इस बार बढ़कर सोना 81700 रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी 98000 रुपये प्रति किलो पहुंच गई है।पिछले एक साल घरेलू बाजार में सोना 30.09 फीसदी और चांदी 38.01 फीसदी महंगी हुई है जबकि वैश्विक बाजार में पिछले एक साल में सोना 41.08 फीसदी और चांदी 53.03 फीसदी महंगा हुआ है। महंगाई की वजह से आभूषण कारोबारियों को डर था कि इस बार वजन के हिसाब से बिक्री कम होगी।
मेघा ज्वेलर्स के प्रबंधक बब्लू मोदी ने कहा कि सुबह के समय बिक्री और ग्राहकों की संख्या कम थी लेकिन इसके बाद इसमें तेजी से इजाफा हुआ। सोने की ऊंची कीमतों के बावजूद ग्राहकों की निगाह में इसकी चमक बनी रही। नारद मुनि धनतेरस पर कारोबार पिछले साल की तुलना में पांच प्रतिशत कम या इसके बराबर रहने का अनुमान लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें इस धनतेरस पर धातु के क्विंटल में बिक्री की उम्मीद है जो पिछले साल के बराबर है।          अंकित करने वाली बात है कि धनतेरस पर सोना-चांदी खरीदना शुभ माना जाता है। शुभता के इस प्रतीक ने महंगाई को पटखनी दे दी। ज्वैलर्स डीडी वर्मा कहते हैं कि सभी शो रूम में ग्राहकों की सुबह से भीड़ है। धनतेरस पर जिला में सोना और चांदी की जबरदस्त बिक्री हुई है। जिला में करीब एक हजार छोटे और बड़े ज्वेलर्स काम करते हैं। भारतीय मानक ब्यूरो में देश भर में दो लाख से ज्यादा ज्वेलर्स पंजीकृत हैं , जिन्होंने आज लगभग 25 टन सोने की बिक्री की जिसका मूल्य 20 हज़ार करोड़ रुपये तथा इसी तरह देशभर में 250 टन चांदी की बिक्री हुई , जिसकी कीमत लगभग 2500 करोड़ रुपये है।
उधर इस दिवाली पर वोकल फॉर लोकल का दर्शन पूरी तरह बाजारों में दिख रहा है क्योंकि लगभग सारी खरीदारी भारतीय सामानों की ही हो रही है। एक अनुमान के अनुसार दिवाली से जुड़े चीनी सामानों की बिक्री अब न होने से चीन को लगभग 01 लाख 25 हज़ार करोड़ रुपये के व्यापार की चपत लगी है। धनतेरस के दिन नई वस्तु खरीदना शुभ माना जाता है। इस दिन ख़ास तौर पर सोना-चांदी के आभूषण तथा अन्य वस्तुएं , सभी प्रकार के बर्तन , रसोई का सामान , वाहन , कपड़े एवं रेडीमेड गारमेंट , इलेक्ट्रॉनिक्स , बिजली का सामान एवं उपकरण , व्यापार करने के उपकरण जैसे कंप्यूटर एवं कंप्यूटर से जुड़े उपकरण , मोबाइल , बही खाता , फर्नीचर , एकाउंटिंग का अन्य सामान आदि विशेष रूप से खरीदे जाते हैं। नारद मुनि का कहना है कि वैश्विक अनिश्चितताओं तथा भू-राजनीतिक स्थितियों के बीच सोने की चमक कायम है जबकि चांदी एक किफायती विकल्प के रूप में लोकप्रिय बनी हुई है। धातु द्वय के आने वाले दिनों में और भी चमकने के आसार हैं। इधर फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (एमओएफएसएल) ने अनुमान लगाया है कि चांदी की कीमतें संभावित रूप से सोने से आगे निकल सकती हैं।एमओएफएसएल का अनुमान है कि औद्योगिक मांग तथा सुरक्षित निवेश के लिए खरीदारी के कारण 12-15 महीने के भीतर एमसीएक्स पर चांदी 125000 रुपये तक पहुंच सकती है। वहीं सोना 86000 रुपये तक पहुंचने का अनुमान है।

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