परिवार नियोजन पर सीएचओ को किया गया प्रशिक्षित

सासाराम:-मातृ शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए सरकार लगातार अभियान चला रही है और स्वास्थ्य विभाग से से जुड़े सभी स्वास्थ्य कर्मियों को समय-समय पर प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं और मृत्यु शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए समुदाय स्तर तक के लोगों को जागृत करने के लिए प्रयास भी किया जा रहा है।          इसी को लेकर सासाराम सदर अस्पताल स्थित ओपीडी के सभागार में जिलास्तरीय सभी हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर की सीएचओ का प्रशिक्षण प्रदान किया किया। प्रशिक्षण के दौरान मातृ शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए परिवार नियोजन के अंतर्गत अस्थाई संसाधनों पर विशेष बल देने के लिए उनका उन्मुखीकरण किया गया, जिसे बताया गया कि दो बच्चों के जन्म के बीच के अंतर पर विशेष बल दिया जाए ताकि पहले बच्चे के जन्म के बाद दूसरे बच्चे के जन्म के लिए मां पूरी तरह से तैयार हो सके। इसके लिए सभी सीएचओ को बास्केट ऑफ चॉइस के तहत अस्थाई परिवार नियोजन के विभिन्न साधनों का इस्तेमाल करने के लिए महिलाओं को प्रेरित करने पर बल दिया गया। इस दौरान अंतरा इंजेक्शन पर विशेष बल दिया गया। प्रशिक्षण प्रदान कर रहे पिरामल स्वास्थ्य के प्रोग्राम लीडर हेमंत कुमार ने वहां मौजूद सभी सीएचओ को बताया कि अंतरा अस्थाई परिवार नियोजन का एक बेहतर माध्यम है जो प्रत्येक 3 महीने पर महिलाएं ले सकती हैं। उन्होंने बताया कि इसे लेने के बाद गर्भधारण का खतरा लगभग खत्म हो जाता है। इस इंजेक्शन से अस्थाई परिवार नियोजन को बल दिया जा सकता है। साथ ही साथ दो बच्चों के जन्म के बीच अंतर बनाने में भी यह काफी कारगर होता है। हेमंत कुमार ने बताया कि दो बच्चों के जन्म के बीच यदि दो से 3 साल का अंतर रहता है तो पहला बच्चा के साथ-साथ दूसरा बच्चा एवं मां भी पूरी तरह से स्वस्थ रहती है। अंतरा इंजेक्शन के लेकर भ्रांतियों को करें दूर:-प्रशिक्षण प्रदान कर रहे पीएसआई इंडिया के कार्यक्रम प्रबंधक शैलेश तिवारी ने बताया कि अंतरा को लेकर महिलाओं में फैले भ्रम को तोड़ना होगा। उन्होंने बताया कि यदि इंजेक्शन के बाद जो भी समस्या या कोई साइडडेक्ट होता है उसकी पूर्ण जानकारी लाभार्थी को दें। साथ ही लाभार्थी से मिलकर लगातार उसका काउंसलिंग करते रहना चाहिए। उन्होंने बताया कि अंतरा इंजेक्शन का साइड इफेक्ट बहुत कम होता है यदि होता भी है तो उसे बेहतर काउंसलिंग के माध्यम से दूर किया जा सकता है। फिर भी साइडइफेक्ट गंभीर हो तो डॉक्टर से संपर्क कर उचित सलाह लें। अंतरा इंजेक्शन पर बढ़ा विश्वास:-अस्थाई परिवार नियोजन में इस्तेमाल किए जाने वाली अंतरा इंजेक्शन को लेकर महिलाओं में काफी विश्वास बढ़ा है जिला जानकारी के अनुसार पिछले वर्ष लक्ष्य के विरुद्ध 95 प्रतिशत महिलाओं को अंतरा इंजेक्शन लगाया गया। वहीं वर्ष 2024 में अक्टूबर तक लक्ष्य से अधिक 134 महिलाओं ने अंतर इंजेक्शन लगवाया है।        डीपीसी संजीव मधुकर ने बताया कि मिशन परिवार विकास कार्यक्रम अंतर्गत अस्थाई परिवार नियोजन के तहत अंतरा इंजेक्शन को लेकर जिले के सभी सीएचओ को विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है जो अपने केंद्र पर फ्रंटलाइन वर्कर को प्रशिक्षण प्रदान कर के इसके इस्तेमाल पर बल देंगी। उन्होंने बताया कि अंतरा इंजेक्शन में रोहतास जिला का बेहतर परिणाम देखने को मिल रहा है और लोग इसके इस्तेमाल पर भरोसा कर रहे हैं। मौके पर डिस्ट्रिक कंसलटेंट क्वालिटी एश्योरेंस डॉक्टर राजीव कुमार भी मौजूद रहे।

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