नाबालिग, किशोर और अनुभवहीन चालक चला रहे हैं ई-रिक्शा

बिना इंश्योरेंस और रजिस्ट्रेशन के चल रहे हजारों ई-रिक्शा, हादसे हुए तो नहीं हो पाएगी पहचान

सहरसा:-शहर में बिना रजिस्ट्रेशन, इंश्योरेंस और ड्राइविंग लाइसेंस के चलने वाले ई-रिक्शा के कारण न सिर्फ जाम की समस्या गंभीर होती जा रही है बल्कि इससे कानून व्यवस्था की नयी समस्या भी खड़ी हो रही है। अधिकतर ई-रिक्शा चलाने वाले के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है। ई-रिक्शा के कारण होने वाली दुर्घटना में कोई जख्मी होता है या किसी की जान जाती है तो पीड़ित परिवार को कौन बीमा कंपनी सहायता राशि उपलब्ध कराएगी यह अहम सवाल है। बिना रजिस्ट्रेशन के चलने वाले मोटर वाहन की वजह से कोई आपराधिक वारदात होती है तो वाहन और उसके चालक की पहचान कैसे हो पाएगी। ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां कुछ दिनों पहले आरण से जमीन की रजिस्ट्री करवाने ई-रिक्शा बीआर 19 ई आर 4580 से सहरसा रजिस्ट्री ऑफिस आ रहे लोगों को हकपाड़ा मुर्गियां टोल पुल के पास ई-रिक्शा के चालक ने रुपया छिनने की नीयत से ई-रिक्शा पलटा दिया। हालांकि स्थानीय लोगों के आने के बाद चालक फरार हो गए।           ई-रिक्शा के पलटने से घायल हुए लोगों का इलाज निजी अस्पताल में चल रहा है। सहरसा में ट्रैफिक की व्यवस्था बेहतर बनाने में जुटे पुलिस पदाधिकारी द्वारा अभी तक बेतरतीब ढंग से बढ़ रही संख्या पर नियंत्रण के ठोस इंतजाम नहीं किया गया है। शहर में करीब 4 हजार ई-रिक्शा रजिस्टर्ड हैं जबकि इससे कई गुणा अधिक बिना रजिस्ट्रेशन के वाहन शहर की सड़कों पर चल रहे हैं। शहर में लगने वाले भीषण जाम और आए दिन होने वाली छोटी-मोटी दुर्घटना का बड़ा कारण ई-रिक्शा को माना जा रहा है। हाल के वर्षों में सड़क पर ई-रिक्शा की संख्या में हुई बेतहाशा वृद्धि आम राहगीरों के आवागमन के लिए जी का जंजाल बनने लगा है। नाबालिग, किशोर और अनुभवहीन चालक ई-रिक्शा चला रहे हैं। अचानक बीच सड़क पर यू टर्न लेना, क्षमता से अधिक लोडिंग अक्सर दुर्घटना के कारण बन रहे हैं। पिता के नाम पर गाड़ी, चला रहा नाबालिग बेटा:- ई-रिक्शा चला रहे एक नाबालिग ने बताया कि गाड़ी उसके पिताजी के नाम पर है। लेकिन हम भी चलाते हैं। यह तो मात्र एक बानगी है। सच यह है कि इस पेशे में अधिकांश नाबालिग आ रहे हैं। कई तो कोरेक्स और नशीली दवा के आदी होते हैं। राहगीर के साथ इनका व्यवहार भी आक्रामक होता है। ई-रिक्शा के परिचालन में बेतहाशा वृद्धि के कारण विभिन्न चौक-चौराहों पर अक्सर भीषण जाम लगता है। मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर सिद्धार्थ त्रिपाठी ने भी माना कि सड़कों पर-ई रिक्शा परिचालन में भारी इजाफा हुआ है। जिसमें बिना निबंधन वाले ई-रिक्शा और नाबालिगों द्वारा ई-रिक्शा परिचालन की भी शिकायत है। उन्होंने कहा कि इसके लिए हमलोग लगातार स्पेशल ड्राइव चला रहे हैं और बिना निबंधन वाले ई-रिक्शा पर 5 हजार का व नाबालिग चालक रहने पर 25 हजार तक जुर्माना करते हैं। शहर में ई-रिक्शा के लिए बनाएंगे तीन रूट दो पहिया वाहन की तरह ही ई रिक्शा का भी चेकिंग की जाती है और बिना लाइसेंस वाले चालक को बाइक चालक की तरह ही जुर्माना किया जाता है।         निबंधन सम्बन्धी जांच जिला परिवहन विभाग को करना है। यातायात पुलिस उपाधीक्षक प्रवीण कुमार ने बताया कि ई-रिक्शा के व्यवस्थित परिचालन के लिए ठोस कार्य योजना तैयार है। नगर निगम क्षेत्र को तीन प्रमुख जोन में बांटकर रंग के आधार पर ई-रिक्शा का रूट बनाया जाएगा। व्यवस्था लागू होने के बाद कोई ई-रिक्शा ढाला क्रॉस नहीं करेगा। जाम की वर्तमान स्थिति नहीं दिखेगी।

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