एनक्वास सर्टिफिकेशन के लिए राज्यस्तरीय असेसमेंट टीम ने किया ब्रह्मपुर स्थित राजपुर एचडब्ल्यूसी का निरीक्षण

बक्सर:-जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने और लोगों गुणवत्तापूर्ण सेवाएं उपलब्ध करने के लिए जिला स्वास्थ्य समिति लगातार प्रयासरत है। इस क्रम में प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के साथ जिले में आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत स्थापित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी) को भी सुदृढ़ किया जा रहा है।           ताकि, ग्रामीण स्तर पर लोगों को गुणवत्तापूर्ण सेवाओं का लाभ मिल सके। इसलिए जिले में अब एचडब्ल्यूसी को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्वास/एनक्यूएएस) का सर्टिफिकेशन दिलाने के लिए तैयारियां जोरों पर हैं। इस क्रम में ब्रह्मपुर प्रखंड स्थित राजपुर एचडब्ल्यूसी को एनक्वास सर्टिफिकेशन दिलाने की कवायद शुरू हो चुकी है। जिसके तहत गत दिनों राज्य स्तरीय टीम ने राजपुर एचडब्ल्यूसी का दौरा किया। जहां राज्य की ओर से भेजी गई एसेसर टीम के सदस्य रोहतास जिले के डीसीक्यूएम डॉ. राजीव कुमार और डीयूएचसी मोहम्मद तरीक़ अनवर ने चेकलिस्ट के अनुसार एचडब्ल्यूसी पर उपलब्ध सेवाओं और सुविधाओं के अलावा दवाओं का स्टॉक, पंजीकरण, सभी रजिस्टर और पंजियों की गहनता से जांच की। साथ ही, उन्होंने एचडब्ल्यूसी पर आने वाले मरीजों और ग्रामीणों से भी सेवाओं और सुविधाओं को लेकर पूछताछ भी की। एनक्वास प्रामाणीकरण होने से मिलेगी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं:-डीसीक्यूएम रुचि कुमारी ने बताया कि राजपुर एचडब्ल्यूसी के निरीक्षण के बाद राज्य स्तरीय टीम काफी संतुष्ट रही। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि ओपीडी सर्विसेज और लैब टेस्ट अच्छे से होते हैं। साथ ही, परफोर्मेंस इंडिकेटर्स (केपीआई), आउटकम इंडिकेटर और ड्रग फॉरकास्टिंग शीट जैसे सभी जरूरी डॉक्युमेंट्स और रजिस्टर पूरी तरह से अपडेट थे। बताया कि एचडब्ल्यूसी को एनक्यूएएस का प्रमाणीकरण मिलने से स्थानीय स्तर पर मिलने वाली सात तरह की स्वास्थ्य सेवाओं के साथ एएनसी, टीकाकरण, ओपीडी, परिवार नियोजन व आउटरीच में होने वाले कार्यक्रम का विस्तार होगा। मरीजों को दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं का मूल्यांकन होने से उक्त संस्थान पर उपलब्ध सेवाओं का विस्तार होगा। साथ ही केंद्र पर व्यवस्थाओं में सुधार होगा। जिसका सीधा असर स्वास्थ्य सुविधाओं पर पड़ेगा। स्थानीय स्तर पर क्लीनिकल सर्विस, क्वालिटी इंप्रूवमेंट सर्विस व डॉक्यूमेंटेशन का कार्य किया जा चुका है। एनक्यूएएस प्रमाणीकरण के बाद गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ने से स्वास्थ्य केंद्र पर मरीजों के लिए मिलने वाली सुविधाओं से स्थानीय लोगों का विश्वास भी बढ़ेगा। पहले चरण में कड़सर एचडब्ल्यूसी का हुआ असेसमेंट:-रुचि कुमारी ने बताया कि पहले चरण में नावानगर प्रखंड के कड़सर एचडब्ल्यूसी को एनक्वास के लिए तैयार किया गया था। जिसके बाद राज्य स्तरीय टीम ने असेसमेंट किया और 81 प्रतिशत अंक के साथ राज्य स्तरीय एनक्वास सर्टिफिकेट दिया है। अब कड़सर को राष्ट्रीय स्तर पर एनक्वास सर्टिफिकेट दिलाने के लिए आवेदन किया जाएगा। वहीं, दूसरे चरण में डुमरांव अनुमंडल के ब्रह्मपुर प्रखंड के राजपुर और बक्सर अनुमंडल के नदांव एचडब्ल्यूसी को एनक्वास के लिए तैयार किया जा रहा है। जिसके बाद तीसरे चरण में सभी प्रखंडों से एक एक एचडब्ल्यूसी के एनक्वास सर्टिफिकेशन के लिए आवेदन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक के तहत, स्वास्थ्य सेवाओं के सभी पहलुओं जैसे- चिकित्सा, नर्सिंग और रोगी देखभाल की गुणवत्ता को मानक के अनुरूप तैयार किया जाता है।           ताकि स्वास्थ्य संस्थानों में आने वाले सभी मरीजों को उच्च गुणवत्ता के साथ उचित सलाह और उसका सही उपचार मिल सकें। राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य यह भी है कि मरीजों और स्वास्थ्य संस्थानों के बीच विश्वास का निर्माण करता है। जब मरीजों को यह विश्वास हो जाता है कि वह उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं प्राप्त कर रहे हैं, तो उनकी संतुष्टि बढ़ती है।

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