जिले में टीबी जांच का दायरा बढ़ा, अब यूपीएचसी पर भी ट्रू नेट से होगी जांच

सासाराम:- टीबी मुक्त भारत अभियान को लेकर सरकार ने पूरी तरह से कमर कस लिया है| इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सभी जिला स्तर के अस्पतालों पर विशेष बल दिया जा रहा है, ताकि टीबी मुक्त भारत में मदद मिल सके। इसी के तहत रोहतास जिले में टीबी जांच का दायरा बढ़ा दिया गया है। जिले के शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर भी टीबी जांच को लेकर ट्रू नेट मशीन उपलब्ध करा दिया गया है। अब इन सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर ट्रू नेट के माध्यम से टीबी जांच की जाएगी। इसके पूर्व सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर टीबी के लक्षण वाले मरीजों का स्वाब लेकर सासाराम सदर अस्पताल या डेहरी अनुमंडल अस्पताल में भेजा जाता था, लेकिन अब जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर ट्रू नेट की सुविधा होने से अब यही पर टीबी का जांच किया जाएगा और मरीज को तुरंत रिपोर्ट उपलब्ध करा दी जाएगी। रोहतास जिले में कुल पांच शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है, जिसमें तीन सासाराम एवं दो डेहरी अनुमंडल में मौजूद है। इन दोनों अनुमंडलों के पांचो शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर ट्रू नेट मशीन उपलब्ध करा दिया गया है। जिले के आठ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में मौजूद है ट्रू नेट:-जिले के आठ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर ट्रू नेट मशीन पहले से ही मौजूद है, जहां टीबी की लगातार जांच की जा रही है।          जिला यक्ष्मा विभाग के एसटीएलएस शाहिद ने बताया कि जिले के सासाराम सदर अस्पताल, डेहरी अनुमंडल अस्पताल, नोखा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, शिवसागर, नौहट्टा, करगहर एवं बिक्रमगंज अनुमंडल अस्पताल में पहले से ही ट्रूनेट मशीन मौजूद है। इसके अलावा दिनारा एवं सासाराम में सीबी नेट भी मौजूद है जिसके माध्यम से टीबी की जांच की जा रही है। वहीं जिला शहरी स्वास्थ्य सलाहकार तारिक अनवर ने बताया कि जिला शहरी स्वास्थ्य केंद्र पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधा को लेकर कार्य किया जा रहा है। लोगों को घर के नजदीक बेहतर प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध हो इसके लिए सभी व्यवस्थाओं से लैस किया जा रहा है। वहीं अब ट्रू नेट मशीन उपलब्ध होने से इन शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर टीबी का भी जांच किया जाएगा जिससे जिला को टीबी मुक्त बनाने में मदद मिलेगा। टीबी मुक्त जिला बनाने पर बल:-सीडीओ डॉक्टर राकेश कुमार ने बताया कि जिला को टीबी मुक्त बनाने के लिए लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिला में प्रतिमाह डेढ़ सौ से अधिक टीबी मरीज पाए जा रहे हैं। टीबी जांच का दायरा बढ़ने से टीबी मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है और उनका इलाज भी शुरू कर दिया गया है इस तरह से जिला को टीबी मुक्त बनाने को लेकर जिला यक्ष्मा विभाग अग्रसर है। सीडीओ डॉ राकेश कुमार ने बताया कि टीबी मुक्त जिला बनाने के लिए टीबी मुक्त पंचायत पर भी विशेष बल दिया जा रहा है।

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