टीबी उन्मूलन में निजी चिकित्सकों की भी रहेगी अहम भूमिका:-सिविल सर्जन

15 फरवरी को जिले के सभी निजी चिकित्सकों के साथ कार्यशाला का होगा आयोजन
सासाराम:- टीबी उन्मूलन को लेकर सरकार कई माध्यमों से अभियान चला रही है जिसमें सरकारी तंत्र के साथ-साथ सहयोगी संस्थाओं एवं निजी क्लीनिकों का सहारा का सहारा लेकर रोगी की पहचान कर उनका इलाज किया जा रहा है और संक्रमण की चेन को तोड़ने का प्रयास भी किया जा रहा है। इसी के तहत केंद्रीय यक्ष्मा प्रभाग, भारत सरकार के द्वारा यक्ष्मा के मरीजों को समुचित उपचार हेतु निजी चिकित्सकों को अद्यतन चिकित्सा निर्देशक को जानकारी देने हेतु आगामी 15 फरवरी को रोहतास जिले के सभी निजी चिकित्सकों के लिए रोहतास सिविल सर्जन की अध्यक्षता में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित किया जाएगा। इस कार्यशाला में जिला यक्ष्मा विभाग के साथ राज्य स्तरीय टीम शामिल होगी और जिले के सभी निजी चिकित्सकों टीबी पर सतत चिकित्सा शिक्षा देंगे। इस दौरान टीबी उन्मूलन में निजी चिकित्सकों की योगदान पर भी चर्चा होगी एवं जिले के निजी क्लीनिकों में इलाजरत टीबी मरीजों की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध कराने पर भी बल दिया जाएगा। रोहतास जिले में निजी क्लीनिकों से टीबी मरीजों की जानकारी उपलब्ध कराने जो लेकर सहयोगी संस्था डॉक्टर्स फॉर यू कार्य कर रही है जिससे निजी क्लीनिकों में इलाजरत मरीजों की सही आंकड़ा उपलब्ध हो रहा है।        डॉक्टर्स फॉर यू के जिला समन्वयक शशि मिश्रा से मिली जानकारी के अनुसार रोहतास जिले में फरवरी 2024 से लेकर अबतक 3100 के आसपास निजी क्लीनिकों में इलाजरत मरीजों को पहचान की गई है। वही जिला यक्ष्मा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में अभी 4 हजार से अधिक टीबी के संक्रमित मरीज है जिनका इलाज चल रहा है। निजी चिकित्सकों का भी रहेगा अहम भूमिका:-सिविल सर्जन डॉक्टर मणिराज रंजन ने बताया कि टीबी उन्मूलन को लेकर जिला स्वास्थ्य समिति लगातार कार्य कर रही है, लेकिन इस अभियान को सफल बनाने में निजी चिकित्सकों का भी अहम योगदान होगा। उन्होंने बताया कि बहुत सारे ऐसे मरीज है जो निजी क्लीनिकों में इलाज करवा रहे हैं और वैसे मरीजों की पहचान की जा रही है। इसी अभियान को सफल बनाने के लिए एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा जिसमें निजी चिकित्सकों से इस अभियान को सफल बनाने में सहयोग की अपील की जाएगी। हम सभी को इस मुहिम में होना होगा शामिल:-सीडीओ डॉ राकेश कुमार ने कहा कि टीबी एक खतरनाक एवं जानलेवा बीमारी है और यह काफी तेजी से फैलने वाला रोग है। ऐसे में हम सभी का दायित्व बनता है कि इस बीमारी को रोकने में सरकार के अभियान का हिस्सा बने। इसके लिए हमें आसपास के मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाना होगा। साथ ही टीबी का लक्षण दिखाई देने वाले मरीजों को जांच करने की सलाह देनी होगी। उन्होंने कहा कि टीबी उन्मूलन अभियान को सफल बनाने के लिए सरकारी स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ सहयोगी संस्थाएं तो तत्पर है ही, निजी चिकित्सकों के साथ-साथ समाज के सभी लोगों को इस मुहिम में शामिल होना होगा तभी हमारा जिला टीबी मुक्त होगा।

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