महिलाओं की शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की है जरूरत:-ई.पम्मी गौतम झा

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष…..

लड़कियों की शिक्षा पर विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत, इसके बिना महिलाओं का सशक्तिकरण संभव नहीं है:-ई.पम्मी गौतम झा

सहरसा:- महिलाओं की स्थिति में सुधार नहीं हुआ है। यह कहना बेमानी होगा। परंतु अपेक्षित विकास नहीं हुआ है। सिर्फ कानून बनने से इस समस्या का हल नहीं होगा बल्कि समाज को अपनी मानसिकता बदलनी होगी। आज भी हम सामंतवादी मानसिकता में जी रहे हैं। लड़़कियों को स्वतंत्र छोड़ने की जरूरत है। जो कानून बने उसका ठीक से क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है। आज भी हमें बच्चियों को अकेले भेजने पर चिता बनी रहती है।                   इस व्यवस्था को बदलने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति की जरूरत है। ताकि हमारे अंदर बाहर से नहीं अंदर से सशक्तिकरण आएं। उक्त बातें किड्जी स्कूल बटराहा की डायेरक्टर ई.पम्मी गौतम झा ने कहा। उन्होंने कहा की आजादी के बाद से लगातार महिलाओं की स्थिति में सुधार हो रहा है। महिलाएं समाज का सशक्त रूप होती है। जब एक पुरूष शिक्षा प्राप्त करता, तो सिर्फ एक व्यक्ति शिक्षित होता है, परंतु जब महिलाएं शिक्षा ग्रहण करती है, तो पूरा परिवार शिक्षित होता है। इससे बहुआयामी विकास होता है। महिलाओं की शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कही की आज भी सक्षम परिवार की बच्चियां ही लगातार सफलता की ऊंचाई चढ़ रही है। कमजोर परिवार में पैदा होनेवाली इक्का- दुक्का को छोड़कर प्रतिभाशाली बच्चियां भी अपेक्षित मुकाम हासिल नहीं कर पा रही है। इसके लिए सरकार की योजनाओं को धरातल पर उतारने के साथ ही परिवार के लोगों को भी बच्चियों का उत्साह बढ़ाने की जरूरत है। आज महिलाएं पुरूषों के कंधे में कंधा मिलाकर हर क्षेत्र में अपना लोहा मनवा रही है। महिलाएं सृजनकर्ता है। लेकिन इसके प्रति समाज को मानसिकता बदलने की जरूरत है। सिर्फ सरकार के भरोसे महिलाएं पूर्ण रूप से सशक्त नहीं हो सकती। शिक्षा वह मूलमंत्र है, जो व्यक्ति के साथ-साथ परिवार, समाज और राष्ट्र के विकास में सहभागी होता है। इस लिहाज में महिलाएं अभी भी पीेछे चल रही है। हमें लड़कियों की शिक्षा पर विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत है। इसके बिना महिलाओं का सशक्तिकरण संभव नहीं है। उन्होंने कहा की महिला अपने आप में संपूर्णता का बोध कराती है। आज महिलाएं हर क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रही है। जरूरत इस बात की है कि महिलाएं शिक्षा ग्रहण करें, ताकि वे खुद पर आत्मनिर्भर हो सके। आत्मनिर्भरता ही उन्हें परिवार और समाज में सम्मान दिला सकता है।                            बच्चियों की शिक्षा पर सरकार और प्रशासन की ओर से काफी प्रयास चल रहा है। बावजूद उसके जब तक समाज के लोग खुद जागरूक नहीं होंगे तब तक नारी सशक्तिकरण का यह अभियान पूर्ण सफल नहीं हो सकता है। इसके साथ ही बच्चियां खुद पढ़ाई के लिए आगे आएं। अपने स्वाभिमान को विकसित करें। तभी नारी सशक्तिकरण का उद्देश्य पूरा होगा।

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