वैश्य समाज ने बाबा साहब के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया नमन

सहरसा:-भारतीय संविधान के निर्माता, सामाजिक न्याय के प्रणेता बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी की 134 वी जयंती के अवसर पर वैश्य समाज के द्वारा उनके प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया गया। माल्यार्पण करते हुए वैश्य समाज सहरसा के जिलाध्यक्ष रामकृष्ण साह उर्फ मोहन साह ने कहा कि बाबा साहब एक व्यक्ति नहीं, एक विचार थे। वे हर पीड़ित, वंचित व शोषित की प्रखर और बुलंद आवाज थे.उनके विचार चिरकाल तक अनुकरणीय रहेंगे।         वैश्य समाज के प्रवक्ता राजीव रंजन साह ने बाबा साहब के विचारों को याद करते हुए कहा कि बाबा साहब ने विपरीत सामाजिक परिस्थितियों में न केवल स्वयं उच्च शिक्षा प्राप्त की, बल्कि उसी शिक्षा एवं ज्ञान के बल पर इस राष्ट्र को एक महान संविधान भी प्रदान किया। ऐसे महान व्यक्तित्व केवल किसी एक समाज के नहीं, बल्कि सम्पूर्ण राष्ट्र के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। उनके संघर्ष और विचार आने वाली हजारों पीढ़ियों को निरंतर प्रेरणा प्रदान करते रहेंगे। हमें गर्व है कि बिहार के एनडीए सरकार के नेतृत्वकर्ता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कुशल नेतृत्व में भाजपा गठबंधन की सरकार निरंतर बाबा साहब के पदचिन्हों पर चलते हुए राज्य के वंचित वर्गों के हक और अधिकारों की रक्षा तथा उनके सशक्तिकरण के लिए कार्य कर रही है। आज बिहार में वंचित समुदायों से लोग इंजीनियर, डॉक्टर, आईएएस, आईपीएस जैसे उच्च पदों तक पहुँचकर हर क्षेत्र में सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। नि:संदेह, यह बाबा साहेब के विचारों और मुख्यमंत्री की दूरदर्शी नीतियों की विजय है। वैश्य समाज के महामंत्री संजय कुमार ने बाबा साहेब को याद करते हुए कहा कि अम्बेडकर के सामाजिक विचार थे कि जो लोग इतिहास को भूल जाते है,वो लोग कभी भी इतिहास नही बना सकते है। उनका साफ कहना था शिक्षा प्राप्त करना एक शेरनी के दूध की तरह होती है, जो जितना पिएगा वो उतना ही दहारेगा। वैश्य समाज के युवा अध्यक्ष अजीत कुमार अजय ने बाबा साहब के चित्र पर माल्यार्पण करते हुए कहा कि बाबा साहब का साफ तौर पर कहना था कि जिसे अपने दुखों से मुक्ति चाहिए,उसे लड़ना होगा,और जिससे लड़ना है उसे उससे पहले अच्छे से पढ़ना होगा, क्योंकि ज्ञान के बिना लड़ने गए तो आपकी हार निश्चित है। वैश्य समाज के नगर महामंत्री सुरेश गुप्ता ने कहा कि अपनी झोपड़ी में राज करना, दूसरों लोगों के महलों में गुलामी करने से कई गुना अच्छा है।          राजद नेता रामदेव शर्मा ने कहा कि बाबा के विचारों को हमसबों को आत्मसात करते हुए उनके विचार जैसे जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता हासिल नही कर लेते है, तब तक कानून आपको जो भी स्वतंत्रता देता है, वो आपके किसी काम की नही होती है।

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