मुख्यमंत्री के संदेश से बढ़ा महिलाओं का आत्मविश्वास

सहरसा:- जिले में महिला सशक्तिकरण को एक नई दिशा देने के लिए शनिवार को महिला संवाद कार्यक्रमों का आयोजन 24 अलग अलग गांवो में हुआ।          इन कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में महिलाओं की भागीदारी ने इसे एक जनांदोलन का रूप दे दिया। दिलचस्प बात यह रही कि इसमें पुरुषों ने भी सक्रिय भूमिका निभाई, जिससे यह आयोजन और अधिक समावेशी बन गया। कार्यक्रम स्थलों पर चलंत स्क्रीनयुक्त संवाद वाहन लगाए गए, जो आकर्षण का केंद्र बने । इन स्क्रीन पर महिला कल्याण से जुड़ी राज्य सरकार की योजनाओं की जानकारी प्रसारित की गई। इन जानकारियों ने महिलाओं को यह विश्वास दिलाया कि उनकी समस्याओं और आकांक्षाओं को सरकार गंभीरता से ले रही है। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री का संदेश पत्र भी पढ़ा गया, जिसने महिलाओं में आत्मविश्वास और उम्मीद का संचार किया। उन्हें महसूस हुआ कि उनकी आवाज़ सरकार तक पहुँच रही है और उनके लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।        यह भावनात्मक जुड़ाव इस आयोजन की सबसे बड़ी सफलता रही। महिलाओं को संवाद का मंच मिला, जहाँ उन्होंने खुलकर अपनी बातें रखीं। रोजगार और स्वरोजगार के सीमित अवसर, पलायन की मजबूरी और स्थानीय आजीविका के अभाव को उन्होंने सबसे बड़ी चुनौती बताया। कई महिलाओं ने यह भी कहा कि वे अपने परिवार को पलायन से रोकना चाहती हैं, लेकिन स्थानीय अवसरों की कमी उन्हें विवश कर देती है। नवहट्टा प्रखंड की छात्रा रोमा कुमारी ने कन्या उत्थान योजना के लिए सरकार का आभार व्यक्त करते हुए इसे शिक्षा में आगे बढ़ने का अवसर बताया। सौर बाजार प्रखंड की लक्ष्मी देवी ने स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसरों की आवश्यकता पर जोर दिया।          खेती और पशुपालन से जुड़ी महिलाओं ने तकनीकी प्रशिक्षण, सुलभ ऋण और ब्याज दरों में छूट की मांग की। उन्होंने कहा कि इन सुविधाओं से वे अपने व्यवसाय को और बेहतर ढंग से चला सकती हैं। ग्रामीण महिलाएँ अब पारंपरिक भूमिकाओं से आगे बढ़कर आर्थिक और सामाजिक विकास की मुख्यधारा में अपनी जगह बनाना चाहती हैं। कहरा प्रखंड की भारती देवी ने कहा कि महिलाएं अब पहले से अधिक सुरक्षित महसूस कर रही हैं और शिक्षा, कौशल विकास और स्वरोजगार के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रही हैं। उन्होंने सरकार की योजनाओं को आत्मनिर्भरता का साधन बताया। महिला संवाद कार्यक्रमों ने महिलाओं को प्रशासनिक तंत्र से जोड़ने और उनकी आवाज़ को नीति निर्माण तक पहुँचाने का अवसर दिया।          यह पहल केवल सरकारी कार्यक्रम तक सीमित नहीं रही, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में महिला नेतृत्व और सामाजिक बदलाव की एक सशक्त लहर बन चुकी है। महिला संवाद कार्यक्रम ने महिलाओं को न केवल आत्मनिर्भर बनाया है, बल्कि उन्हें निर्णय लेने की प्रक्रिया में भागीदार भी बनाया है। इस पहल के माध्यम से समाज में एक व्यापक और स्थायी परिवर्तन की उम्मीद की जा रही है।

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