वैज्ञानिकों से सीधा संवाद: किसानों को मिली खेती की समस्याओं का समाधान

पटना:-कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के तत्वावधान में संचालित ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के नवें दिन भी बिहार एवं झारखंड के विभिन्न जिलों में यह अभियान पूरे जोश, उत्साह और वैज्ञानिक प्रतिबद्धता के साथ आयोजित किया गया।    किसानों की भागीदारी, जिज्ञासा और संवाद की ऊर्जा से यह दिवस भी एक प्रेरणास्रोत बन गया। अभियान के अंतर्गत कृषि विज्ञान केंद्रों, राज्य एवं केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालयों, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के संस्थानों व केन्द्रों और राज्य सरकार के कृषि विभाग के कृषि वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने मिलकर किसानों को विशेष रूप से धान की सीधी बुआई, टपक सिंचाई, फसल विविधीकरण, ड्रोन तकनीक, मृदा स्वास्थ्य परीक्षण, सौर ऊर्जा आधारित कृषि, और फसल सुरक्षा निगरानी, पशुपालन, मत्स्य पालन आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। इस अवसर पर कई स्थानों पर कृषि वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने खेतों में जाकर किसानों से प्रत्यक्ष संवाद किया। उन्होंने तकनीकी विषयों को सरल भाषा में समझाते हुए किसानों की जमीनी समस्याओं का समाधान प्रस्तुत किया। किसानों ने भी खुलकर प्रश्न पूछे और वैज्ञानिकों से व्यावहारिक समाधान प्राप्त किए।          इसी क्रम में, ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के तहत कृषि विज्ञान केंद्र, दरभंगा में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें श्री रामनाथ ठाकुर, माननीय केंद्रीय कृषि एवं कल्याण राज्य मंत्री, भारत सरकार एवं बिहार सरकार के नगर विकास एवं आवास मंत्री श्री जीवेश कुमार ने भाग लिया। इस अवसर पर राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा के कुलपति डॉ. पी. एस. पांडेय, अटारी पटना के निदेशक डॉ. अंजनी कुमार, राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के निदेशक (प्रसार शिक्षा) डॉ. मयंक राय तथा निदेशक (अनुसंधान) डॉ. अनिल कुमार सिंह भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान अतिथियों एवं वैज्ञानिकों ने किसानों से सीधे संवाद किया और उन्हें सरकार की विभिन्न किसान-हितैषी योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने वैज्ञानिक खेती अपनाने के लाभों पर प्रकाश डालते हुए किसानों को उन्नत कृषि तकनीकों के उपयोग के लिए प्रेरित किया।          यह संवाद कार्यक्रम न केवल जानकारीपरक रहा, बल्कि किसानों में नवाचार और समावेशी विकास की दिशा में उत्साह भी उत्पन्न हुआ। वहीं विजय कुमार खेमका विधायक पूर्णिया सदर ने बेलौरी गाँव का दौरा कर वहां के किसानों से मुलाक़ात की और खेती-किसानी से संबंधित उनकी समस्याओं एवं अनुभवों को जाना। उन्होंने किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाने के लिए प्रेरित किया और राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ लेने की अपील की। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना के निदेशक डॉ. अनुप दास तथा राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र, मुजफ्फरपुर के निदेशक डॉ. बिकाश दास ने संयुक्त रूप से मुजफ्फरपुर जिले के मणिका गाँव का भ्रमण किया। इस दौरान उन्होंने स्थानीय किसानों से संवाद स्थापित कर उन्नत कृषि तकनीकों की जानकारी दी तथा खेती से संबंधित उनकी समस्याओं का समाधान भी प्रस्तुत किया। साथ ही, वैज्ञानिक दृष्टिकोण से खेती को लाभकारी और टिकाऊ बनाने पर बल देते हुए किसानों को नवीनतम तकनीकों के प्रयोग के लिए प्रेरित किया। कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (अटारी), जोन-IV, पटना एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना द्वारा अभियान के समन्वयन की भूमिका निभाई जा रही है। इनके नेतृत्व में सभी सहभागी संस्थानों की टीमों ने गांव-गांव जाकर जागरूकता फैलाने और किसानों को सशक्त बनाने का प्रयास किया।           इस अभियान की सबसे बड़ी विशेषता यह रही कि इसमें किसानों को पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक वैज्ञानिक दृष्टिकोण के समन्वय का महत्व समझाया गया, जिससे वे पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ, लाभकारी, और दीर्घकालिक कृषि रणनीतियों को अपनाने की दिशा में प्रेरित हो सकें।

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