एमएमडीपी किट हाथीपांव से पीड़ित मरीजों के लिए जरूरी:-सीडीओ

सासाराम:-हाथीपांव एक गंभीर बीमारी है। इससे निपटने के लिए सरकार कई कार्यक्रम चला रही है जिसमें सर्वजन दवा सेवन अभियान के साथ-साथ फाइलेरिया पीड़ित मरीजों को एमएमडीपी किट एवं दिव्यांगता प्रमाण पत्र प्रदान करना शामिल है। इधर रोहतास जिले में भी हाथीपांव से पीड़ित मरीजों को इन सुविधाओं से लाभ दिलाने के लिए जिला फाइलेरिया उन्मूलन इकाई लगातार कार्य कर रही है। फाइलेरिया पीड़ित लोगों को एमएमडीपी किट के साथ-साथ दिव्यांगता प्रमाण पत्र मुहैया कराया जाए इसके लिए भी जिला स्वास्थ्य समिति लगातार कार्य कर रही है। रोहतास जिले में 1500 के आसपास हाथीपांव से पीड़ित मरीज की पहचान की गई है। ऐसे मरीजों को सबसे पहले एमएमडीपी किट मुहैया कराने को लेकर कार्य किया जा रहा है।एमएमडीपी किट में मरीजों को टब, टॉवल, साबुन, क्रीम, लोशन, चप्पल जैसे कई महत्वपूर्ण सामग्री दिए जा रहे हैं जो फाइलेरिया पीड़ित मरीजों के लिए काफी उपयोगी होता है। जिला फाइलेरिया उन्मूलन इकाई से मिली जानकारी के अनुसार जिले के सभी पीएचसी के 45-45 एमएमडीपी किट उपलब्ध करा दिया गया है। सभी पीएचसी अपने अपने स्तर से इस किट का वितरण जरूरतमंद फाइलेरिया पीड़ित मरीजों के बीच करेंगे। इसके पूर्व सभी एमओआईसी, बीसीएम एवं सीएचओ को एमएमडीपी किट का इस्तेमाल करवाने का प्रशिक्षण भी प्रदान किया जा चुका है।          एमएमडीपी किट फायदेमंद:-वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी जयप्रकाश गौतम ने बताया कि हाथीपांव से पीड़ित मरीजों के लिए एमएमडीपी किट काफी फायदेमंद होता है। क्योंकि इस किट में कई समान और दवाइयां होती जिसके इस्तेमाल से हाथीपांव से पीड़ित मरीजों को राहत मिलता है। उन्होंने बताया कि इस किट का इस्तेमाल करने के लिए भी हाथीपांव के मरीजों को समय-समय पर प्रशिक्षण दिया जाता है और बताया जाता है कि यह किट कितना आवश्यक है। वेक्टर जनित रोग नियंत्रक अधिकारी जयप्रकाश गौतम ने बताया कि इस किट में एक विशेष प्रकार का चप्पल भी होता है जो हाथीपांव के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद होता है, क्योंकि हाथीपांव के मरीजों को ईफेक्टेड हिस्से को धूल और गंदगी से बचाना होता है। इसमें चप्पल अहम् भूमिका निभाता है। इसके अलावा उस हिस्से को साफ करने के लिए साबुन और लगाने के लिए क्रीम भी दिया जाता है और इसके इस्तेमाल की पूरी जानकारी भी दी जाती है।सभी पीएचसी को दिया गया है निर्देश:-जिला कलेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ आसित रंजन ने बताया कि हाथीपांव से पीड़ित मरीजों के लिए जो भी सामग्री उपलब्ध कराए जा रहे हैं वह सही और समय से पीड़ित मरीजों को मिल सके इसके लिए लगातार दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को कीट वितरण के लिए दिशा निर्देश भी दिए गए हैं। इसके अलावा हाथी पांव से पीड़ित मरीजों का दिव्यांगता प्रमाण पत्र भी प्रदान किया जा रहा हैं। कैंप के माध्यम से इस बीमारी से पीड़ित मरीज की जांच कर उन्हें यह प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया जा रहा है।

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