फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर राज्य सलाहकार ने सवर्जन दवा सेवन और एमएमडीपी कीट की वस्तु स्थिति का लिया जायजा

कैमूर:- राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम को लेकर फाइलेरिया के राज्य सलाहकार डॉ. अनुज रावत अपने सहयोगी रणविजय कुमार के साथ दो दिवसीय दौरे पर कैमूर पहुंचे। जहां पर सबसे पहले राज्य सलाहकार ने निरीक्षण की शुरुआत मेढ़ HWC से की गई, जहां CHO से बातचीत कर फाइलेरिया मरीजों को दी जा रही सुविधाओं की जानकारी ली गई। साथ ही, फाइलेरिया क्लीनिक में दर्ज मरीजों के आंकड़ों की भी जांच की गई।      इसके बाद टीम ने सदर अस्पताल कैमूर का निरीक्षण किया। वहां ACMO, जिला VBD पदाधिकारी, वीडीसीओ रोहित, भानू और अन्य सहयोगी कर्मियों ने राज्य स्तरीय टीम का स्वागत किया और कार्यक्रम से जुड़े दस्तावेजों एवं सुविधाओं की जानकारी दी। ACMO कैमूर ने कहा कि शीघ्र ही सभी प्रखंड में MMDP के प्रशिक्षण के संबंध में आधिकारिक पत्र निर्गत कर दिया जाएगा। नवंबर माह में चलेगा नाइट ब्लड सर्वे:-इस दौरान राज्य सलाहकार ने बताया कि आगामी 10 फरवरी 2026 को जिले में सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा और 30 नवंबर 2025 तक नाईट ब्लड सर्वे गतिविधियों को पूरा कर लेना है। उन्होंने एमएमडीपी सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए जल्द से जल्द जिला स्तरीय कार्यशाला आयोजित करने और एएनएम व सीएचओ सहित सभी स्वास्थ्यकर्मियों को फाइलेरिया और एमएमडीपी का प्रशिक्षण देने की बात कही। मरीजों को एमएमडीपी किट के माध्यम से टब, टॉवल, साबुन, क्रीम, लोशन विशेष प्रकार की चप्पल जैसे कई महत्वपूर्ण सामग्री दी जा रही है। जिससे की फाइलेरिया पीड़ित मरीज एमएमडीपी किट से खुद को स्वच्छ रख अपना बचाव कर सकें। वहीं इस बीमारी से दिव्यांग हुए मरीजों को चिह्नित कर उनका ऑनलाइन पंजीकरण किया जा रहा है और सरकार योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए उन्हें दिव्यांगता प्रमाण पत्र दिया जा रही है। आईएचआईपी पोर्टल पर फाइलेरिया मरीजों का डाटा अपलोड करने का निर्देश:-डॉ. रावत ने रोहित कुमार को आईएचआईपी पोर्टल पर समयबद्ध डेटा प्रविष्टि करने और जिले के सभी प्रखंडों एवं शहरी इकाइयों की आईएचआईपी मैपिंग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। डॉ. रावत ने यह भी कहा कि लाइन लिस्टेड फाइलेरिया मरीजों की स्क्रीनिंग कर उनकी पुष्टि कर ली जाए और संबंधित डेटा को आईएचआईपी पोर्टल पर अपलोड किया जाए। उन्होंने संकेत दिया कि जल्द ही राज्य स्तरीय टीम पुनः कैमूर का दौरा करेगी। डॉ. रावत ने बताया कि आईएचआईपी पोर्टल, जो कि एकीकृत स्वास्थ्य सूचना मंच है, फाइलेरिया (लिम्फैटिक फाइलेरियासिस) के उन्मूलन कार्यक्रम के तहत की जा रही गतिविधियों की रिपोर्टिंग के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है। कार्यक्रम के तहत, ब्लॉक स्तर या उससे ऊपर के स्तर पर डेटा को प्रतिदिन एलएफ-आईएचआईपी पोर्टल पर अपलोड किया जाता है।                             फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत, आईएचआईपी पोर्टल पर समय पर रिपोर्टिंग सुनिश्चित करना आवश्यक है। यह कार्यक्रम के प्रभावी कार्यान्वयन और निगरानी के लिए महत्वपूर्ण है। इस पोर्टल के माध्यम से, बीमारियों का डेटा एकत्र किया जाता है, जिससे यह पता चलता है कि किस क्षेत्र में कौन सी बीमारी अधिक है और मरीजों को इलाज कहां मिल रहा है। इस मौके पर CFAR के जिला समन्वयक अशोक, पिरामल के जिला टीम सहित अन्य कई पदाधिकारी मौजूद रहे।

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