लोक आस्था का महापर्व छठ का नहाय खाय 25 को, खरना 26 को, 27 को होगा सायंकालिका अर्घ्य, 28 को प्रातःकालिका अर्घ्य:-पंडित तरुण झा

सहरसा:-ब्रज किशोर ज्योतिष संस्थान डॉ रहमान चौक सहरसा बिहार के संस्थापक एवं प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित तरुण झा जी ने बतलाया है की छठ महापर्व की लोकप्रियता आज देश-विदेश तक देखने को मिलती है,छठ पूजा का व्रत कठिन व्रतों में एक होता है,इसमें पूरे चार दिनों तक व्रत के नियमों का पालन करना पड़ता है और व्रती पूरे 36 घंटे का निर्जला व्रत रखती हैं,छठ पूजा में नहाय खाय,खरना, अस्ताचलगामी अर्घ्य और उषा अर्घ्य का विशेष महत्व होता है।

मिथिला विश्वविद्यालय पंचांग के अनुसार,

1)पहला दिन- नहाय खाय 25 अक्टूबर

2) दूसरा दिन- खरना 26 अक्टूबर

3) तीसरा दिन- अस्तचलगामी सूर्य को अर्घ्य 27 अक्टूबर

4) आखिरी दिन व चौथे दिन- उदीयमान सूर्य को अर्घ्य 28 अक्टूबर

छठ पर्व मूलतः सूर्य की आराधना का पर्व है,जिसे हिन्दू धर्म में विशेष स्थान प्राप्त है,हिन्दू धर्म के देवताओं में सूर्य ऐसे देवता हैं जिन्हें मूर्त रूप में देखा जा सकता है,प्रात:काल में भगवान सूर्य और सायंकाल में भी भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर प्रणाम किया जाता है एवं अर्घ्य दिया जाता है और मन्नत मांगी जाती है और सूर्य देव एवं छठी मैया सभी भक्तो के मनोकामना को पूर्ण करते हैं।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे
Donate Now
अब पायें अपने शहर के सभी सर्विस प्रवाइडर के नंबर की जानकारी एक क्लिक पर


               
हमारे  नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट , और सभी खबरें डाउनलोड करें
डाउनलोड करें

जवाब जरूर दे 

क्या आप मानते हैं कि कुछ संगठन अपने फायदे के लिए बंद आयोजित कर देश का नुकसान करते हैं?

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles

Back to top button
Close
Website Design By Mytesta.com