बीएनएमयू में अतिथि शिक्षकों की बहाली आचार संहिता सहित अहम नियमों की अनदेखी:-राठौर

मधेपुरा:-बीएनएमयू में 389 अतिथि शिक्षकों की बहाली की प्रक्रिया पर वाम युवा संगठन एआईवाईएफ ने सवाल खड़े किए हैं।इस संबंध में एआईवाईएफ जिला अध्यक्ष हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने कुलपति और कुलसचिव को पत्र लिख इसे आचार संहिता का मजाक और कई महत्वपूर्ण नियमों की अनदेखी बताया है और कहा है कि जब विश्वविद्यालय जैसी संस्था ऐसी निम्न स्तरीय हरकत करेगी तो फिर औरों का क्या।एआईवाईएफ जिला अध्यक्ष हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने पूछा है कि ऐसी कौन सी परिस्थिति उत्पन्न हुई की आचार संहिता लागू होने की भनक लगते ही कुछ घंटे पहले अतिथि शिक्षकों की बहाली का विज्ञापन जारी कर दिया गया।                          सारी प्रक्रिया आचार संहिता के समय में ही अपनाई जा रही:-राठौर ने बीएनएमयू प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि हमेशा किसी न किसी करतूत से विवादों में रहने वाले बीएनएमयू प्रशासन का यह निर्णय चर्चा में है कि सोलह मार्च को आचार संहिता लागू होने से चंद घंटे पहले विज्ञापन जारी किया जाता है और आवेदन प्राप्ति की प्रकिया बीस मार्च से अठारह अप्रैल तक है जो पूरी तरह आचार संहिता के दायरे में आता है।विज्ञापन किसके आदेश से है इसका जिक्र तक नहीं है।राठौर ने इसे एक बड़ी साजिश बताते हुए अविलंब उस पर रोक लगाते हुए आचार संहिता के बाद बहाली प्रक्रिया अपनाने की मांग की है। सीनेट, सिंडिकेट सहित रोस्टर पर ही लगा है प्रश्न चिन्ह:-एआईवाईएफ जिला अध्यक्ष हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने कहा कि सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब पंद्रह मार्च को विज्ञापन जारी किया गया तो फिर छः और बारह मार्च को संपन्न सिंडिकेट बैठक में इसकी चर्चा और सहमति क्यों नहीं ली गई।इससे पता चलता है कि बीएनएमयू की नियत में ही खोंट है।वहीं रोस्टर संबंधी मामलों में प्रमंडलीय आयुक्त सहित सरकार से सभी बिंदुओं पर सहमति भी प्राप्त नहीं है जो कई सवालों को जन्म देती है ।राठौर ने सीधा आरोप लगाया कि आनन फानन में नियम परिनियम को किनारे कर बहाली प्रक्रिया अपनाने के पीछे मूल कारण पैसों के बड़े खेल की साजिश है जिसे कामयाब नहीं होने दिया जा सकता। पूर्व के नियुक्त अतिथि शिक्षकों को साल भर से वेतन नहीं ऊपर से नई बहाली बड़ा मजाक:-वहीं एआईवाईएफ जिला अध्यक्ष हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने बीएनएमयू प्रशासन की करतूत को हास्यास्पद बताते हुए कहा कि यह कितनी घटिया विडंबना है कि बीएनएमयू में पूर्व के बहाल हुए शिक्षकों को एक साल से वेतन नहीं मिला है ऊपर से नई बहाली का ढोंग रचा जा रहा है।                          राठौर ने बीएनएमयू प्रशासन से मांग किया कि पहले के शिक्षकों को तो वो उपयोग करने और वेतन देने में सक्षम नहीं हो पा रहा जिसके कारण उनके सामने रोजी रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई ऊपर से यह ड्रामा किसी बड़े मजाक से कम नहीं है।पत्र में राठौर ने साफ किया कि अवलिंब अगर इस पर रोक नहीं लगी तो संगठन चुनाव आयोग सहित राजभवन का भी दरवाजा खटखटाएगा और जरूरत पड़ी तो आर पार का आंदोलन भी किया जायेगा क्योंकि यह सरासर नाइंसाफी है।

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