कालाजार उन्मूलन को लेकर जिले के पांच प्रभावित इलाकों में होगा दवाओं का छिड़काव

आरा:-जिले में कालाजार उन्मूलन को लेकर दवाओं के छिड़काव की तैयारी पूरी हो चुकी है। जिसको लेकर छिड़काव दल का गठन करते हुए उनका क्षमतावर्धन भी किया जा चुका है। 12 अप्रैल से जिले के प्रभावित इलाकों में क्रमवार इंडोर अंदरूनी अवशिष्ट छिड़काव (आईआरएस) किया जायेगा है। इन कालाजार प्रभावित गांव और वार्ड में सिंथेटिक पैराथायराइड (एसपी) पाउडर का छिड़काव किया जायेगा। अभियान की सफलता को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने सारी तैयारियां पूरी कर रखी हैं।          वहीं, गांवों में छिड़काव के दौरान किसी प्रकार की कोताही न बरती जाए, इसके लिए निगरानी टीम का गठन किया जायेगा। जो घरों में हो रहे छिड़काव की निगरानी के साथ पूर्व के मरीजों का फॉलोअप भी करेंगे। एसीएमओ डॉ. केएन सिन्हा ने बताया, 2021 से लेकर अब तक प्रभावित गांवों में मिले कालाजार के नए मरीजों के आधार पर ही दवाओं का छिड़काव जायेगा। जिसके तहत जगदीशपुर प्रखंड के सियारुंवा गांव, आरा ग्रामीण में जमीरा व लक्षनपुर, तथा आरा शहरी में धरहरा वार्ड 35 व भलूंहीपुर वार्ड 33 में आईआरएस चलाया जायेगा। वहीं, गत माह नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत शीतल टोला वार्ड नंबर 37 में भी कालाजार की नई मरीज की पुष्टि हुई है। जिसको लेकर अब शीतल टोला में फोकल छिड़काव किया जा चुका है। इसलिए अगले चक्र से यहां पर दवाओं का छिड़काव किया जायेगा। कालाजार से बचाव के लिए दी जा रही जानकारी:-वीबीडीसीओ अजीत कुमार पटेल ने बताया, जगदीशपुर के सियारुंवा गांव से एसपी पाउडर छिड़काव शुरू किया जाएगा। अभियान के दौरान एक भी घर छूटे नहीं, इस बात का विशेष ख्याल रखा जायेगा। जिसको लेकर छिड़काव टीम के सदस्यों को बुधवार को प्रशिक्षण दिया गया। इसके अलावा छिड़काव अभियान के दौरान सामुदायिक स्तर पर लोगों को कालाजार से बचाव के लिए आवश्यक जानकारी भी दी जा रही है। प्रभावित गांवों में आईआरएस की शुरुआत के बाद ग्रामीणों को कालाजार के कारण, लक्षण, बचाव एवं इसके उपचार की विस्तृत जानकारी दी जाएगी। ताकि, भविष्य में किसी में यह लक्षण दिखे, तो वे आशा कार्यकर्ता या पीएचसी के कर्मियों को इसकी सूचना दें। साथ ही, छिड़काव के दौरान किन-किन बातों का ख्याल रखना चाहिए, इसकी भी जानकारी दी गई। छिड़काव के दौरान इन बातों का रखें ख्याल:-पीरामल इंडिया के वीएल डीपीओ चंदन प्रसाद ने बताया कि आईआरएस के पूर्व कई बातों का खयाल रखना जरूरी है। जिससे अभियान के दौरान या बाद में कोई परेशानी न उत्पन्न हो।            इस दौरान छिड़काव दल के साथ प्रभावित इलाकों के लोगों को भी कई सावधानियां बरतनी जरूरी होती हैं, जो निम्न है:-
– छिड़काव के पूर्व घर की अन्दरूनी दीवार की छेद व दरार बंद करा दें
– सभी कमरों, रसोई व गोहाल के अंदरूनी दीवारों पर छह फीट तक छिड़काव अवश्य करें
– छिड़काव के पूर्व भोजन सामग्री, बर्तन, कपड़े आदि को घर से बाहर रखवा दें
– ढाई से तीन माह तक दीवारों पर लिपाई-पोताई न करने की अपील करें, ताकि कीटनाशक (एसपी) का असर बना रहे।

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