राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर स्कूली बच्चों एवं शिक्षकों को किया गया जागरूक

पटना:-राष्ट्रीय डेंगू दिवस के अवसर पर पटना के दो स्कूलों पटना मुस्लिम हाई स्कूल एवं मध्य विद्यालय, बक्सरिया टोला, महेन्द्रू में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया।           इस अवसर पर अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम, बिहार, डॉ. अशोक कुमार ने कहा कि सही एवं पूरी जानकारी ही डेंगू से बचाव का सर्वोत्तम तरीका है. इस अवसर पर डॉ. अशोक कुमार के साथ स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के क्षेत्रीय अपर निदेशक डॉ. रविशंकर, पटना के क्षेत्रीय अपर निदेशक डॉ. अखिलेश कुमार, सिविल सर्जन डॉ. मिथिलेश्वर कुमार, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी, डॉ. सुभाष चंद्र प्रसाद, विश्व स्वास्थ्य संगठन के स्टेट एनटीडी कोऑर्डिनेटर डॉ. राजेश पांडेय, कई वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी उपस्थित रहे.स्कूल में बच्चों ने दिखाया उत्साह:-पटना मुस्लिम हाई स्कूल एवं मध्य विद्यालय, बक्सरिया टोला, महेन्द्रू में बच्चों ने पूरे उत्साह के साथ जागरूकता कार्यक्रम में अपनी शिरकत की।          दोनों स्कूलों में छात्रों को संबोधित करते हुए जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. सुभाष चंद्र प्रसाद ने कहा कि डेंगू वायरस संक्रमित मादा मच्छरों मुख्य रूप से एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से लोगों के बीच फैलता है. गर्मी के दिनों में सबसे अधिक लोग डेंगू के शिकार होते हैं. जिसमें कई बार तो लोगों की जान भी चली जाती है. हर वर्ष 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है. उन्होंने कहा कि आज भी लोगों के बीच डेंगू जैसी गंभीर बुखार के प्रति जागरुकता की कमी है. इसलिए डेंगू दिवस को मनाने के पीछे का मकसद लोगों को इस खतरनाक बीमारी से जागरूक करना है.शिक्षक हुए डेंगू के खतरों से अवगत:-
पटना मुस्लिम हाई स्कूल एवं मध्य विद्यालय, बक्सरिया टोला, महेन्द्रू में राष्ट्रीय डेंगू दिवस के अवसर पर स्कूलों के शिक्षकों एवं कर्मचारियों का उन्मुखीकरण किया गया।           इस अवसर पर डॉ. सुभाष चंद्र प्रसाद ने कहा कि मादा ऐडीज नामक मच्छर के काटने से डेंगू बुखार होता है. यह मच्छर साफ़ पानी में पनपता है जो ज़्यादातर दिन में ही काटता है. डेंगू को हड्डी तोड़ बुखार भी कहा जाता है. 3 से 7 दिन तक लगातार बुखार, तेज सर में दर्द, पैरों के जोड़ों मे तेज दर्द, आँख के पीछे तेज दर्द, चक्कर एवं उल्टी, शरीर पर लाल धब्बे आना एवं कुछ मामलों में आंतरिक एवं बाह्य रक्त स्त्राव होना डेंगू के लक्ष्ण में शामिल है।           कुशल प्रबंधन एवं चिकित्सकों की निगरानी से डेंगू को जानलेवा होने से बचाया जा सकता है. इसलिए जरुरी है कि डेंगू के लक्ष्ण दिखाई देने पर चिकित्सकीय सलाह ली जाए।

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