जिले को मिले चार नए वीडीसीओ, एमडीए अभियान में आएगी गति, मिलेगा बेहतर परिणाम

सासाराम- फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर सरकार अभियान चला रही है और प्रतिवर्ष सर्वजन दवा सेवन अभियान के माध्यम से लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा खिलाकर इस बीमारी को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है। अगस्त में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान होना है इसके लिए जिला का फाईलेरिया उन्मूलन केंद्र पहले से ही तैयारी में जुट गया है। इसके लिए सहयोगी संस्थाओं के माध्यम से पहले से ही फाइलेरिया पीड़ित मरीजों की पहचान की जा रही है। साथ ही अभियान को सफल बनाने के लिए अभी से ही लोगों को अभियान की विस्तृत जानकारी भी दी जा रही है। विदित हो कि पिछले वर्ष सूबे में रोहतास जिला फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन करने में अव्वल रहा, जहां 88.33 प्रतिशत के आसपास लोगों को दवा का सेवन करवाया गया था।           इसी प्रतिशत को बरकरार रखने के लिए जिला जिला स्वास्थ्य समिति प्रयासरत है। जिले में चार वीडीसीओ के नियुक्ति से अभियान को मिलेगा बल:-रोहतास जिले में पहले से ही एक वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी कार्यरत है लेकिन अब जिले को 4 अन्य वेक्टर रोग नियंत्रण प्राधिकारी की नियुक्ति की गई है। नए वीडीसीओ के नियुक्ति से रोहतास जिले में आगामी एमडीए अभियान को बेहतर गति मिलने की असर दिखाई दे रहा है। पिछले वर्ष अगस्त महीने में चलाए गए सर्वजन दवा सेवन अभियान को लेकर रोहतास जिले में 31 लाख 3 हजार 274 लोगों को लक्षित किया गया था इसके विरुद्ध में 27 लाख 41 हजार 933 लोगों को दवा सेवन करवाया गया था। माना जा रहा है कि विभाग में मिले 4 नए वीडीसीओ की बदौलत इस बार दवा सेवन करने का प्रतिशत और भी बेहतर हो सकता है। सहयोगी संस्थाओं और जागरूकता से मिली सफलता:-वीडिसीओ जयप्रकाश गौतम ने बताया कि किसी भी अभियान को सफल बनाने के लिए लोगों को जागरूक होना जरूरी है, इसलिए एमडीए अभियान को लेकर भी लोगों के बीच लगातार जागरूकता अभियान चलाया गया जिसमें जिला स्वास्थ्य समिति के साथ-साथ सहयोगी संस्थाओं का भरपूर सहयोग मिला, जिस वजह से एमडीए अभियान के दौरान बेहतर परिणाम देखने को मिला। जेपी गौतम ने बताया कि आगामी एमडीए अभियान को लेकर अभी से ही प्लान तैयार किया जा रहा है। विभाग को चार नए वी डी सी ओ मिलने से इस बार और बेहतर परिणाम देखने को मिल सकता है। जेपी गौतम ने बताया कि पिछले वर्ष जो रणनीति अपनाई गई थी वही रणनीति इस वर्ष भी अपनाई जाएगी। साथ ही पिछले वर्ष जो कमियां नजर आई इस वर्ष उसे दूर करने का प्रयास किया जाएगा और पिछले वर्ष की परीक्षा इस वर्ष और बेहतर करने का प्रयास किया जाएगा। फाइलेरिया एक खतरनाक बीमारी:-प्रभारी सिविल सर्जन डॉक्टर अशोक कुमार ने बताया कि फाइलेरिया एक खतरनाक बीमारी है और एक बार हो जाए तो उसे ठीक नहीं किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि फलेरिया क्यूलेक्स नामक मच्छर के काटने से होता है और यह मच्छर जिसे काटता है उसे फाइलेरिया होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए क्यूलेक्स मच्छर के प्रभाव को रोकने के लिए प्रत्येक वर्ष एमडीए अभियान चलाया जाता है इसमें दवा खिलाकर फाइलेरिया के परजीवी को नष्ट किया जाता है। उन्होंने लोगों से अपील किया कि जब भी अभियान चले उस दौरान दवा का सेवन जरूर करें।

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