15 दिवसीय अखंड ध्यानाभ्यास का हुआ समापन

सहरसा:-स्थानीय संत मेंहीं नगर सिमराहा स्थित महर्षि मेंहीं योगाश्रम सह सद्गुरु रामानंद स्वामी तपोभूमि में चल रहे 15 दिवसीय अखंड ध्यानाभ्यास का समापन रविवार को हो गया। वही आश्रम में धूमधाम से गुरु पूर्णिमा मनाया गया।           इस पावन अवसर पर सर्व प्रथम ईश-गुरु स्तुति व ग्रंथ पाठ किया गया। इस अवसर पर अपने प्रवचन में स्वामी देवव्रत बाबा ने कहा कि महान ऋषि वेदव्यास के प्रकाट्योत्सव के शुभ अवसर पर वेदव्यासजी के पूजन के साथ-साथ सभी अपने गुरुजनों की पूजा करते हैं और उनके बताए मार्ग पर चलने की शपथ लेते हैं। उन्होंने कहा कि वेदव्यास जी त्रिकालदर्शी थे। उन्हें जानकारी थी कि कलियुग में मनुष्य धर्म के प्रति उदासीन होगा। अतः मानव जाति को सद्कर्मों से जोड़े रहने के लिए चार वेद, अठारह पुराण व महाभारत जैसे जीवनोपयोगी ग्रंथों की रचना की। हमारे महर्षि मेंही परमहंस जी महाराज परम संत हैं। इन्होंने अपना सारा जीवन परमात्मा भजन व परमार्थ में लगाया। मौके पर वृक्षारोपण के साथ-साथ भंडारा का भी आयोजन किया गया। जिसमें सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।                   यह जानकारी मीडिया प्रभारी चंदन वर्मा ने प्रेस को देते हुए कहा कि स्वामी देवव्रत बाबा कुछ दिन पहले दर्शनार्थ कुप्पाघाट, भागलपुर गए थे जहाँ महासभा द्वारा सहरसा में अखिल भारतीय सत्संग के आयोजन का प्रस्ताव रखा गया और सहरसा के सत्संगियों की भी इक्षा है कि इस तरह का आयोजन सहरसा में हो। इसपर स्वामी देवव्रत बाबा ने कहा कि देखते है आगे गुरुदेव की कृपा क्या होती है।

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