वक्फ एक इबादत है, वक्फ की जायदाद अल्लाह की अमानत है, इसको लेकर कोई बिल मंजूर नही:-मौलाना

अररिया:-वक्फ भी एक इबादत है, लोगों के द्वारा वक्फ की गई जायदाद वक्फ करने के बाद अल्लाह की अमानत हो जाती है, इसमें किसी भी तरह का गैर कानूनी तरीके से कब्जा और इसको लेकर किसी नए संशोधन बिल की कोई जरूरत नही है।            ये बातें इमारत ए शरिया बिहार उड़ीसा, झारखंड और बंगाल के नायब अमीर ए शरीयत मौलाना शमशाद रहमानी अल कासमी ने बीते रात दीनी असरी तालीम व तरबियत का मशहूर अदारा मदरसा अल जामियातुल फारूकिया मिन्नत नगर रेही रजोखर में कही। वो यहां दरूद शरीफ की इस्लाही मजलिस में तशरीफ लाए थे। उन्होंने बताया कि हर माह  दरूद शरीफ की मजलिस का आयोजन होता है जहां इस इलाके के सैकड़ों लोग शामिल होते हैं। नायब अमीर ए शरीयत और इस्लामिक स्कॉलर  मौलाना शमशाद रहमानी ने इस मौके पर कहा की वक्फ की जायदाद मुसलमानो ने अपनी स्वेच्छा से दान यानी वक्फ किया है, जिसपर आज मस्जिद, ईदगाह, कब्रिस्तान, मदरसा, मजार और खानकाह आदि बने हुए है जिसे उनके पुरखों ने वक्फ कर दिया था जहां पर इस तरह के इबादतगाह और अन्य तंजीमी इमारत बनी हुई है सरकार ने इसकी हिफाजत के लिए वक्फ बोर्ड भी बनाया हुआ है जिसमे मुस्लिम समुदाय के लोग शामिल है लेकिन सरकार अचानक वक्फ की संपत्ति को लेकर एक संशोधन बिल लाकर वक्फ की भूमि का संरक्षण नही बल्कि इसको हड़पने की साजिश कर रही है, जिसे किसी भी तरह से बर्दास्त नही किया जा सकता।          इसको लेकर पहली बार मुल्क की सभी विपक्षी पार्टियां एक जुट हैं, जो इस तुगलकी बिल के खिलाफ हैं। मौलाना रहमानी ने कहा आज मुल्क में वक्फ की हजारों एकड़ भूमि पर अवैध कब्जा कर सरकारी संस्थान बना दिए गए है। अब जो बचा हुआ है, उसपर भी इनकी गलत नजर है। इसके खिलाफ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, इमारत शरिया, जमीयतुल उलमाए हिंद जैसी मिल्ली तंजीमें एकजुट होकर इस काले बिल के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे है। उन्होंने बताया की इसके लिए राय शुमारी कराई जा रही है। मौलाना ने कहा ये मामला सिर्फ मुसलमानो का नही बल्कि संविधान और कानून की हिफाजत का है। बीते दिनों रानीगंज के रामपुर में भी मौलाना ने इसपर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा की सभी धर्म के लोग अपने-अपने धार्मिक स्थान के लिए भूमिदान करते हैं ये उनका धार्मिक अधिकार है।         इसमें सरकार को हस्तक्षेप और संशोधन करने की कोई जरूरत ही नही है।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे
Donate Now
अब पायें अपने शहर के सभी सर्विस प्रवाइडर के नंबर की जानकारी एक क्लिक पर


               
हमारे  नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट , और सभी खबरें डाउनलोड करें
डाउनलोड करें

जवाब जरूर दे 

क्या आप मानते हैं कि कुछ संगठन अपने फायदे के लिए बंद आयोजित कर देश का नुकसान करते हैं?

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles

Back to top button
Close
Website Design By Mytesta.com