बेरोजगार युवाओं के लिए मील का पत्थर साबित हो रहा डीआरसीसी कार्यालय

सहरसा:-डीआरसीसी अर्थात जिला निबंधन एवं परामर्श केन्द्र कार्यालय के माध्यम से सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाएं बिहार के युवाओं के लिए मील का पत्थर साबित हो रही है। डीआरसीसी कार्यालय के माध्यम से चलायी जा रही योजनाएं बिहार स्टूडेन्ट क्रेडिट कार्ड योजना, मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना एवं कुशल युवा कार्यक्रम योजना का लाभ लेकर कई युवाओं ने अपना शैक्षणिक व बौद्धिक विकास कर खुद को विभिन्न क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बनाया है।          आज से कुछ वर्ष पहले तक आर्थिक समस्या के कारण जिले के कई अभिभावक 12 वीं कक्षा के उपरांत अपने बच्चों को उच्च शिक्षा नहीं दे पाते थे। परन्तु बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के कारण आर्थिक समस्या के बावजूद भी उच्च शिक्षा प्राप्त करना काफी आसान हो गया है। इस महत्वकांक्षी योजना के तहत उच्च शिक्षा के लिए सरकार बिहार राज्य शिक्षा वित्त निगम के माध्यम से 04 लाख रूपये तक शिक्षा ऋण उपलब्ध करा रही है। यह शिक्षा ऋण पॉलिटेकनिक इंजीनियरिंग, मेडिकल जैसे तकनीकी एवं व्यवसायिक पाठ्यक्रमों के साथ-साथ स्नातक तथा परास्नातक के सामान्य पाठ्क्रमों के लिए भी दी जाती है। इस योजना की विशेषता यह है कि सामान्य शिक्षा ऋण के विपरित इस योजना के तहत प्राप्त राशि पर पूरे पाठ्यक्रम अवधि में न कोई ब्याज लगता है और न ही राशि की वापसी हेतु कहा जाता है। ऋण राशि की वापसी पाठ्यक्रम पूर्ण होने के एक वर्ष के उपरांत प्रारंभ होती है, जो दो लाख रूपये के शिक्षा ऋण के लिए 60 मासिक किस्त (यानी 05 वर्ष) तथा दो लाख रूपये से अधिक के लिए 84 मासिक किस्त (यानी 07 वर्ष) के रूप में वापस करनी होती है।          ऋण राशि पर ब्याज भी पाठ्यक्रम पूर्ण होने के एक वर्ष के उपरांत ही प्रारंभ होता है, जो लड़कों के 04 प्रतिशत सालाना तथा लड़कियों, ट्रांस्जेंडर एवं दिव्यांगों के लिए मात्र 01 प्रतिशत सालाना होता है। ऋण राशि पर इतना कम ब्याज दर होने के कारण इसे ऋण न मानकर आर्थिक सहायता मानना ज्यादा उचित होगा। इस योजना के तहत पाठ्यक्रम पूर्ण होने के एक वर्ष के उपरांत रोजगार प्राप्त न होने की स्थिति में ऋण वापसी का समय बढ़ाये जाने का भी प्रावधान है। डीआरसीसी के प्रबंधक डॉ. राजीव रंजन ने बताया कि जिला में इस योजना के तहत गत माह तक आवेदन करनेवाले 7467 विद्यार्थियों में से अब तक 5750 विद्यार्थियों के लिए कुल 121 करोड़ 18 लाख रूपये शिक्षा ऋण के रूप में स्वीकृत किये जा चुके हैं। कार्यालय के माध्यम से संचालित दूसरी योजना मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना के तहत 20 से 25 वर्ष आयु वर्ग के 12 वीं पास वैसे विद्यार्थी जो अध्ययनरत् नहीं हों अथवा उच्च शिक्षा प्राप्त नहीं किये हों, उन्हें रोजगार तलाशने के दरम्यान प्रति माह 1000 रूपये की दर से 02 वर्षों तक अर्थात कुल 24000 रूपये भत्ता की राशि उनके बैंक खाते में हस्तांतरित की जाती है। इस राशि का उपयोग वे रोजगार तलाशने के दरम्यान होने वाले खर्चों जैसे रोजगार से संबंधित आवेदन शुल्क, किताब पत्रिकाएं खरीदने अथवा परीक्षा केन्द्र जाने-आने में होने वाले खर्च में कर सकते हैं। उक्त राशि सरकार को वापस नहीं करनी होती है। योजना के तहत आवेदन करने वाले विद्यार्थियों को कुशल युवा कार्यक्रम का प्रशिक्षण भी दिया जाता है। इस योजना के तहत अबतक 7922 आवेदकों ने आवेदन दिया है, जिनके बीच अबतक 7 करोड़ 90 लाख रूपये हस्तांतरित किये जा चुके हैं। कुशल युवा कार्यक्रम के तहत 15 से 28 वर्ष के युवा, युवती (पिछड़े वर्ग के लिए अधिकतम 31 वर्ष एवं एवं अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, दिव्यांग के लिए अधिकतम 33 वर्ष) जो मैट्रिक उत्तीर्ण हैं अथवा उच्च शिक्षा में अध्ययनरत, उपाधि प्राप्त कर चुके हैं, उन्हें भाषा संवाद (हिन्दी,अंग्रेजी), व्यवहार कौशल तथा बुनियादी कम्प्यूटर कौशल का निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है।         प्रशिक्षण केन्द्र सभी प्रखण्डों में अवस्थित है। इस योजना के तहत आवेदन करने वाले 50956 विद्यार्थियों में से 30228 विद्यार्थी कुशल युवा कार्यक्रम का प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं तथा 3056 जिले के विभिन्न प्रशिक्षण केन्द्रों पर प्रशिक्षणरत हैं। उक्त योजनाओं के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया ऑनलाईन, निःशुल्क एवं बहुत ही सरल है। इच्छुक विद्यार्थियों को अपने शैक्षणिक योग्यताओं से संबंधित प्रमाण-पत्र, निवास प्रमाण-पत्र, आधार कार्ड, बैंक पासबुक, फोटोग्राफ इत्यादि के मूल प्रति एवं छायाप्रति के साथ जिला निबंधन एवं परामर्श केन्द्र कार्यालय में उपस्थित होना होता है। कार्यालय में मूल प्रति का सत्यापन कर उन्हें वापस कर दिया जाता है। तत्पश्चात आवेदक को नियमानुसार योजना का लाभ प्राप्त होने लगता है।

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