सदर अस्पताल पर भरोसा कर पूनम ने दिया एमडीआर टीबी को मात

सासाराम:- कभी लाइलाज और जानलेवा बीमारी के रूप में जाने जानेवाला टीबी को अब पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है। बशर्ते समय से इसकी पहचान और नियमित दवा का सेवन होना चाहिए। टीबी उन्मूलन को लेकर सरकार पूरी तरह से संकल्पित है और कई अभियान चलाकर टीबी मरीजों की खोज करके उनका इलाज किया जा रहा है। इसके अलावा सरकार टीबी मरीजों को नि:शुल्क जांच के साथ-साथ नि:शुल्क दवा एवं पौष्टिक आहार के लिए प्रतिमाह 500 रुपए राशि प्रदान कर रही है जो नवंबर से बढ़कर 1000 हो जाएगी। सरकारी स्वास्थ्य विभाग में इस तरह के सुविधा मिलने के बाद टीबी से पीड़ित मरीज का ठीक होने का सिलसिला लगता जारी है और टीबी बीमारी से ग्रसित लोग जीने की उम्मीद छोड़ अब दवा का सेवन कर पूरी तरह से ठीक हो रहे है। उन्हीं में से एक है शिवसागर प्रखंड की 24 वर्षीय पूनम कुमारी जो टीबी के एमडीआर स्टेज में पहुंच चुकी थी। परंतु सासाराम सदर अस्पताल स्थित यक्ष्मा विभाग में अपना इलाज करा कर आज वो पूरी तरह से स्वस्थ है। पूनम ही नहीं बल्कि रोहतास जिले के नौहट्टा प्रखंड के बीरेंद्र चेरो, शिवसागर प्रखंड के अखिलेश कुमार एवं करगहर प्रखंड के अनिल कुमार सहित जिले के कई ऐसे टीबी के एमडीआर स्टेज से ठीक होकर आज सामान्य जिंदगी जी रहें है। दूसरों के कहने पर पहुंचे सदर अस्पताल:-पूनम कुमारी के पति रमेश चौरसिया ने बताया कि उनकी पत्नी के नाक और मुंह से बार-बार खून आ रहा था जिसको देखकर वह काफी परेशान और तनाव में थे और इसका इलाज कई अस्पताल में कराया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।    उन्होंने बताया कि जब उन्हें मालूम चला कि उनकी पत्नी को टीबी बीमारी है तो वह डर गए और कई निजी अस्पतालों के चक्कर काटने लगे जिससे कोई फायदा नहीं हुआ| उसके बाद किसी के सलाह पर थक हार कर सासाराम सदर अस्पताल पहुंचे और पत्नी का इलाज शुरू करवाया। उन्होंने बताया कि 1 साल तक पत्नी का इलाज सदर अस्पताल में कराया उसके बाद वह पूरी तरह से स्वस्थ है। वही टीबी को मात दे चुकी पूनम कुमारी ने बताया कि गांव के लोग कहते थे कि अब यह जिंदा नहीं रहेगी इस वजह से वह काफी डरी हुई थी। परंतु पति के साथ लगातार सरकारी अस्पताल पहुंचकर इलाज करवाया और आज वह पूरी तरह से स्वस्थ है। दोनों पति-पत्नी ने बताया कि ठीक हो जाने के बाद अब वे अपने आस पास के लोगों को भी इसकी जानकारी दे रहे हैं और सरकारी अस्पताल में इस बीमारी के इलाज कराने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में इलाज के प्रति लोगों का बढ़ रहा विश्वास:-सीडीओ डॉ राकेश कुमार ने बताया कि सरकारी अस्पताल में टीबी इलाज को लेकर लोगों में पहले से कहीं ज्यादा विश्वास बढ़ा है। जिला यक्ष्मा केंद्र के साथ-साथ सहयोगी संस्था के माध्यम से टीबी मरीजों की लगातार खोज की जा रही है और उनका इलाज किया जा रहा है और इसका बेहतर परिणाम देखने को मिल रहा है। डॉ राकेश कुमार ने बताया कि टीबी बीमारी तो अभी भी जानलेवा है परंतु सही समय पर इसकी पहचान के साथ साथ इलाज शुरू हो जाने पर इस बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है। इसलिए टीबी के लक्षण दिखाई देने पर सरकारी अस्पताल में जांच जरुर करवाएं।

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