इस वर्ष अप्रैल से नवंबर तक राज्य में हुए करीब 24 हजार सुरक्षित गर्भसमापन

पटना:-सुरक्षित गर्भपात मातृ मृत्यु दर को कम करने में महत्वपूर्ण है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा सुरक्षित गर्भपात के प्रति आमजन में जागरूकता लायी जा रही है. असुरक्षित गर्भपात की समस्या को दूर करने के लिए युक्ति योजना कार्यक्रम संचालित है. इस कार्यक्रम का संचालन राज्य में पब्लिक प्राइवेट पार्टरनशिप के तहत 23 अप्रैल 2011 से किया जा रहा है. युक्ति योजना कार्यक्रम की मदद से मान्यता प्राप्त निजी क्लिनिकों में गर्भवती महिलाओं को गर्भकाल के प्रथम तिमाही तक नि:शुल्क और गुणवत्तापूर्ण सुरक्षित गर्भपात की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है. देश भर में बिहार ऐसा पहला राज्य है जहाँ सुरक्षित गर्भपात के लिए निजी क्लिनिकों में यह सुविधा उपलब्ध करायी गयी है और जहाँ युक्ति कार्यक्रम संचालित है.अप्रैल से नवंबर तक 24,580 सुरक्षित गर्भसमापन:-इस वर्ष अप्रैल से नवंबर तक सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों एवं निजी क्लीनिकों को मिलकर 24,580 सुरक्षित गर्भसमापन किये गए हैं।         अभी तक राज्य के 528 चिकित्सकों को सुरक्षित गर्भसमापन के लिए प्रशिक्षित किया जा चुका है. मेडिकल कॉलेज से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा सुरक्षित गर्भ समापन की सुविधा उपलब्ध है. इससे गर्भसमापन की इच्छुक महिलाओं के लिए सुविधा का विस्तार हुआ है. सभी जगह प्रशिक्षित चिकित्सकों एवं स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषग्य द्वारा गर्भसमापन कराया जाता है. इस योजना के तहत जिला स्वास्थ्य समिति के द्वारा मान्यता प्राप्त निजी क्लिनिकों को प्रथम तिमाही में प्रति सुरक्षित गर्भपात कराने पर धनराशि प्रदान करायी जाती है.असुरक्षित गर्भपात से ख़तरे:-विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक असुरक्षित गर्भपात मातृ मृत्यु का एक बड़ा कारण है. यह महिलाओं के मानिसक एवं शारीरिक स्वास्थ्य जटिलता बढ़ाने के साथ महिला, समुदाय एवं स्वास्थ्य प्रणाली पर सामाजिक एवं आर्थिक बोझ का कारण भी बन सकता है. असुरक्षित गर्भपात से महिलाओं में अपूर्ण गर्भपात, अत्यधिक रक्त स्त्राव, संक्रमण के साथ जननांग एवं आंतरिक अंगों में क्षति का खतरा भी बढ़ता है.असुरक्षित गर्भपात की भयावह दुनिया:-विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक दुनिया में हर साल करीब 5.6 करोड़ महिलाएं गर्भपात कराती हैं. इसमें 45 फीसदी गर्भपात असुरक्षित होते हैं. सुरक्षित गर्भपात प्रशिक्षित डॉक्टरों की ओर से विश्व स्वास्थ्य संगठन के निर्धारित निर्देशों का पालन करते हुए कराया जाता है. दुनिया में 55 फीसदी गर्भपात सुरक्षित गर्भपात की श्रेणी में आते हैं. विश्व में प्रत्येक साल गर्भधारण करने वाले कुल मामलों में 12 करोड़ से अधिक अनचाहे गर्भधारण के मामले होते हैं. ऐसे में सुरक्षित गर्भपात सेवाओं की पहुंच को बढ़ाने की जरूरत है।

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