विश्व एनटीडी दिवस पर विशेष

पटना:-विश्व उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग (नेग्लेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीज) को एनटीडी रोग कहा जाता है. जिसमें लिम्फैटिक फाइलेरिया (हाथीपांव), कालाजार, कुष्ठ, डेंगू, चिकुनगुनिया, सर्पदंश, हाइडेटिडोसिस, रेबीज जैसे कुल 20 रोगों को शामिल किया है. जिनकी रोकथाम संभव है. एनडीटी जीवन को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करने वाली बीमारियों का समूह है, जो सबसे अधिक गरीब व कमजोर आबादी को प्रभावित करता है. हालांकि, इन रोगों का रोकथाम संभव है, लेकिन फिर भी पूरी दुनिया में इन गंभीर बीमारियों से हर साल लोगों की या तो मौत हो जाती है या फिर वे विकलांग हो जाते हैं. जिसको देखते हुए पूरे विश्व के लोगों को जागरूक करने के लिए 30 जनवरी को यह दिवस मनाने का निर्णय लिया गया है.राज्य फ़ाइलेरिया सलाहकार डॉ. अनुज सिंह रावत ने बताया कि एनटीडी में शामिल बीमारियां वायरस, बैक्टीरिया, पैरासाइट फंगस और टॉक्सिन से होती हैं. जिसमें फाइलेरिया, डेंगू और कालाजार को लेकर सरकार और स्वास्थ्य विभाग सतर्क है. जिस प्रकार लगातार प्रयासों से हमने चेचक को खत्म कर दिया है। ठीक उसी प्रकार हम सभी मिलकर एनटीडी में शामिल बीमारियों को भी खत्म कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि अमूमन देखा जाता है कि इन बीमारियों के प्रति समुदाय जागरूक नहीं है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों को मजबूती देने के लिए अब सभी वर्गों के लोगों जागरूकता दिखानी होगी।         इन रोगों में लक्षणों की पहचान बेहद जरूरी है, यदि समय से मरीजों में इन रोगों की पहचान कर उनका इलाज शुरू किया जाए तो वह स्वस्थ हो जाएंगे. उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि अगर किसी मरीज को इन बीमारियों के लक्षण दिखे तो तत्काल अपने क्षेत्र की आशा को इसकी जानकारी दें और नजदीकी सरकारी अस्पताल में दिखाएं. ताकि, समय से इलाज करा कर इन बीमारी पर काबू पाया जा सके.डॉ.रावत ने बताया कि एनटीडी रोगों पर काबू पाने के लिए जनसहभागिता अत्यंत जरुरी है. उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा इन बीमारियों की रोकथाम के लिए अलग अलग कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. जिसके तहत फाइलेरिया उन्मूलन के लिए सर्वजन दवा सेवन (एमडीएम) कार्यक्रम चलाया जाता है. जिसमें आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा घर घर जाकर योग्य लाभुकों को दवाएं खिलाई जाती है. इसलिए यह हम सबकी जिम्मेदारी होती है कि एमडीए अभियान के दौरान सभी अपने उम्र के अनुसार इन दवाओं का सेवन करें और अपने परिवार और समाज को फाइलेरिया से मुक्त बनाने में अपना सहयोग दें. उन्होंने आगे बताया कि कालाजार और डेंगू उन्मूलन के लिए सरकार द्वारा अभियान चलाया जाता है, जिसमें प्रभावित गांव में क्रमशः एसपी पाउडर और डीडीटी का छिड़काव कराया जाता है।

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