पोषण भी, पढाई भी” कार्यक्रम के तहत आंगनवाड़ी सेविकाएँ हो रही दक्ष

पटना:- समेकित बाल विकास सेवाएं निदेशालय द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के अलोक में “पोषण भी, पढाई भी” कार्यक्रम के तहत आंगनवाड़ी सेविकाओं को अलग-अलग समूह में तीन दिवसीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है।           यह प्रशिक्षण परियोजनावार 28 फ़रवरी तक आयोजित किया जा रहा है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में राज्य के 13 जिलों अररिया, अरवल, बांका, बेगुसराय, खगड़िया, कैमूर, सुपौल, पटना, मधेपुरा, बक्सर, गोपालगंज, जहानाबाद एवं मधुबनी के 161 परियोजनाओं के 35,583 आंगनवाड़ी सेविकाएँ शामिल रहेंगी। आंगनवाड़ी केंद्रों को जीवंत आंगनवाड़ी केंद्र के रूप में विकसित करने एवं 6 साल से कम उम्र के सभी बच्चों के समग्र विकास सुनिश्चित करने के उद्देश्य से “पोषण भी, पढाई भी” कार्यक्रम शुरू किया गया है।इस कार्यक्रम के अंतर्गत पोषण पर ध्यान देने के साथ आंगनवाड़ी केंद्रों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के क्षमतावर्धन की परिकल्पना की गयी है। आंगनवाड़ी केंद्रों को उच्च गुणवत्ता वाले बुनियादी ढाँचे, खेल आधारित प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा की गतिविधियों के संचालन के लिए प्रशिक्षित आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ एक शिक्षण केंद्र में बदलने की दिशा में पहले कदम के रूप में की गयी है। इन उद्देश्यों की पूर्ति के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार के द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप तैयार किये गए 0-3 साल के बच्चों के प्रारंभिक बाल्यावस्था उत्तेजना के लिए “नवचेतना” पाठ्यक्रम एवं 3-6 साल के बच्चों के लिए राष्ट्रीय ई.सी.सी.ई. पाठ्यक्रम “आधारशिला” से गतिविधियों को बताया जा रहा है। प्रशिक्षण के बाद सेविकाएँ बच्चों को खेल खेल में आंगनवाड़ी केंद्र में बच्चों को सीखने के सुखद अवसर उपलब्ध कराते हुए प्रारंभिक वर्षों में सिखने-सिखाने की प्रक्रिया में मदद कर पायेंगी।
प्रशिक्षण के प्रमुख बिंदु:-
• 0-3 वर्ष के बच्चों के लिए प्रारंभिक उत्प्रेरण (Early Childhood Stimulation) की गतिविधियों को बढ़ावा देना।
• 3-6 वर्ष के बच्चों के लिए समावेशी पूर्व-विद्यालय शिक्षा को सुनिश्चित करना।
• दिव्यांग बच्चों सहित सभी बच्चों के लिए प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा (ECCE) को प्रोत्साहित करना।
• आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को ECCE पाठ्यक्रम और शैक्षणिक दृष्टिकोण की समझ विकसित कराना ताकि वे खेल-आधारित शिक्षण गतिविधियाँ संचालित कर सकें।
• शारीरिक, संज्ञानात्मक, सामाजिक-भावनात्मक, नैतिक, सांस्कृतिक, कलात्मक एवं मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता (FLN) विकास पर ध्यान केंद्रित करना।
• अभिभावकों को बच्चों के आयु-उपयुक्त विकास से अवगत कराने हेतु सेविकाओं को सक्षम बनाना।
• पोषण 2 और सक्षम आंगनवाड़ी के तहत पोषण में नवाचार, पोषण ट्रैकर, आहार प्रथाओं, कुपोषण प्रबंधन एवं सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी आदि विषयों पर सेविकाओं की समझ को मजबूत करना। प्रशिक्षण में सेविकाओं को प्रशिक्षण किट जिसमे आधारशिला साप्ताहिक कैलेंडर व नवचेतना मासिक पाठ्यक्रम भी उपलब्ध कराये गए हैं जिससे सेविकाएँ आंगनवाड़ी केंद्रों में 3-6 साल के बच्चों के साथ गतिविधियाँ करा पाएंगी।           इस प्रशिक्षण में लिंग समानता का वातावरण, सामुदायिक स्थान पर स्नेहपूर्ण संवेदनशील और सुरक्षित माहौल रखने, दिव्यांग बच्चों की पहचान करने एवं उन्हें सामान्य गतिविधियों में शामिल करने के गुण भी सिखाये जा रहे हैं।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे
Donate Now
अब पायें अपने शहर के सभी सर्विस प्रवाइडर के नंबर की जानकारी एक क्लिक पर


               
हमारे  नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट , और सभी खबरें डाउनलोड करें
डाउनलोड करें

जवाब जरूर दे 

क्या आप मानते हैं कि कुछ संगठन अपने फायदे के लिए बंद आयोजित कर देश का नुकसान करते हैं?

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles

Back to top button
Close
Website Design By Mytesta.com