नाबार्ड के आरआईडीएफ निधि से आंगनवाड़ी केन्द्र भवनों का होगा निर्माण

पटना:- समेकित बाल विकास सेवा निदेशालय के अंतर्गत राज्य के सभी जिलों में नाबार्ड के आरआईडीएफ निधि के ऋण की सहायता से आंगनवाड़ी केन्द्र भवनों का निर्माण किया जाएगा। यह पहल राज्य में आंगनवाड़ी केन्द्रों को सुदृढ़ करने तथा बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को समुचित सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से की जा रही है.। नाबार्ड के आर0आई0डी0एफ0 (ग्रामीण आधारभूत संरचना विकास निधि) अंतर्गत ₹12.00 लाख (बारह लाख रूपये) प्रति आँगनवाड़ी केन्द्र की दर से कुल 2500 आँगनवाड़ी केन्द्र भवन का निर्माण किया जाना है. जिसमें अररिया-40, अरवल -15, औरंगाबाद- 60, बांका -60, बेगुसराय– 90, भागलपुर- 80, भोजपुर -70, बक्सर -60, दरभंगा -90, पूर्वी चंपारण-100, गया- 100, गोपालगंज- 70, जमुई- 60, जहानाबाद- 20, कैमूर – 60, कटिहार -75, खगडिया -20, किशनगंज -20, लखीसराय -15, मधेपुरा -70, मधुबनी -95, मुंगेर-60, मुजफ्फरपुर -100, नालंदा -100, नवादा-60, पटना- 70, पूर्णियॉ -70, रोहतास -90, सहरसा -60, समस्तींपुर -100, सारण-90, शेखपुरा -15, शिवहर-15, सीतामढी -80, सीवान – 80, सुपौल – 60, वैशाली -90 एवं पश्चिमी चम्पा0रण -90 आँगनवाड़ी केन्द्र भवन निर्माण हेतु ₹300.00 करोड़ (तीन सौ करोड़) की लागत है जिसमें नाबार्ड के ऋण से ₹255.00 करोड़ (दो सौ पचपन करोड़) (85%) एवं राज्य योजना मद से ₹45.00 करोड़ (पैंतालीस करोड़) (15%) के व्यय की स्वीकृति प्रदान की गई है।          इस निर्माण कार्य को एक वर्ष की अवधि में पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। यह परियोजना राज्य में आंगनवाड़ी केंद्रों की आधारभूत संरचना को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, जिससे बच्चों,किशोरियों,धात्री एवं गर्भवती महिलाओं को बेहतर सुविधाएँ प्राप्त होंगी।निर्माण कार्य से संबंधित महत्वपूर्ण बिंदु:-आंगनवाड़ी केंद्र भवनों के निर्माण से पहले बाल विकास परियोजना पदाधिकारी द्वारा भूमि की उपयुक्तता की पुष्टि की जाएगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जगह लाभार्थियों के लिए सुगम और सुरक्षित हो। मंत्रिपरिषद के निर्णयानुसार यह निर्माण कार्य जिला पदाधिकारी के पर्येवेक्षण में स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन अथवा जिला पदाधिकारी द्वारा नमित एजेंसी के माध्यम से कराया जायेगा। धनराशि का हस्तांतरण एवं उपयोग:-आंगनवाड़ी केंद्रों के निर्माण के लिए धनराशि जिला प्रोग्राम पदाधिकारी को उपलब्ध कराई जाएगी। निर्माण एजेंसी को 50% राशि अग्रिम रूप से दी जाएगी और बाकी किश्तें निर्माण की प्रगति के आधार पर प्रदान की जाएगी। निर्माण कार्य की गुणवत्ता एवं समयबद्ध प्रगति सुनिश्चित करने के लिए प्रशासनिक एवं तकनीकी टीमों द्वारा नियमित निरिक्षण किया जायेग।जिला प्रोग्राम पदाधिकारी एवं बाल विकास परियोजना पदाधिकारी को भी समय-समय पर निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं।

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