चुनौतियों को अवसर में तब्दील कर एएनएम प्रमिला जगा रहीं परिवार नियोजन की अलख

सासाराम:- कार्य के प्रति कर्तव्यनिष्ठता और ईमानदारी ही अपने कार्य क्षेत्र में अलग पहचान देती है। कभी कभी यह पहचान लोगों के लिए प्रेरणा भी बन जाती है। कुछ ऐसा ही कर रहीं हैं रोहतास जिला के कोचस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की एएनएम प्रमिला कुमारी। प्रमिला कुमारी को पिछले 6 वर्षों से जिला ही स्तर ही नहीं बल्कि राज्य स्तर पर भी उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए लगातार पुरस्कृत किया जा रहा है। परिवार नियोजन में उत्कृष्ट कार्य के लिए प्रमिला कुमारी राज्य स्तर पर तीन बार एवं जिला स्तर पर 3 बार सम्मानित हो चुकी है। प्रमिला कुमारी का यह उपलब्धि जिले के अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के लिए भी प्रेरणा बन रहा है। प्रमिला कुमारी की उपलब्धियां की बात करें तो अपने कार्यक्षेत्र में उन्होंने जनवरी 2024 से लेकर दिसंबर 2024 तक 206 पर प्रसूति महिलाओं को पीपी आई यू सीडी का इस्तेमाल करवाने में राजी करवाया, जबकि 300 महिलाओं में आईयूसीडी तथा 415 महिलाओं को अंतरा इंजेक्शन के लिए राजी किया जो जिले में सबसे अधिक सर्विस प्रदान करने की श्रेणी में प्रथम पायदान पर है। प्रिंसिपल की नौकरी छोड़ चुना नर्सिंग का क्षेत्र एएनएम प्रमिला कुमारी ने बताया कि वर्ष 1989 में उन्होंने एएनएम की नौकरी ज्वाइन की थी उसके पूर्व कैमूर के भभुआ स्थित 10+2 विद्यालय में प्रिंसिपल के रूप में भी चयन हुआ था परंतु उन्होंने प्रिंसिपल की नौकरी छोड़ एएनएम की नौकरी ज्वाइन करना बेहतर समझा और आज वह अपने इस निर्णय से काफी खुश है।           उन्होंने बताया कि वह लगातार बेहतर करने की प्रयास करती है और इसमें उनको सफलता भी मिलती है। बहन-बेटी कह कर मनाती है प्रसूति महिला को एएनएम प्रमिला कुमारी ने बताया कि कॉपर टी को लेकर महिलाओं में अभी भी नकारात्मक सोच है। उन्हें लगता है कि इसे लगवाने से कैंसर जैसी बीमारी हो सकती है। परंतु जब गर्भवती महिला प्रसव के लिए आती है तो उनके साथ मित्रवत व्यवहार करके, बहन बेटी बोलकर वह पीपीआईयूसीडी तथा आईयूसीडी लगवाने के लिए बोलती है। साथ ही वह आने वाली महिलाओं को कॉपर टी के फायदे भी बताती हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को समझाना कठिन:- एएनएम प्रमिला कुमारी ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को समझाना काफी कठिन होता है। खासकर महिलाओं को क्योंकि वह कई तरह की भ्रांतियां की शिकार होती हैं। ऐसे में परिवार नियोजन के साधनों के बारे में राजी करना काफी कठिन होता है। बावजूद इसके उनकी तरफ से पुरजोर कोशिश किया जाता है। उन्होंने बताया कि परिवार नियोजन को बढ़ावा देने में केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, बीसीएम तथा अस्पताल प्रबंधन का काफी सहयोग रहता है जिस वजह से उन्हें भी एक हौसला मिलता है।

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