बांका में लाह की खेती एवं मूल्य संवर्धन पर दो दिवसीय किसान प्रशिक्षण संपन्न

पटना:-भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना एवं कृषि विज्ञान केंद्र, बांका के सहयोग से लाह की खेती एवं मूल्य संवर्धन विषय पर दो दिवसीय किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल आयोजन बांका में किया गया।          यह प्रशिक्षण लाख कीट आनुवंशिक संसाधनों के संरक्षण पर नेटवर्क परियोजना (NPCLIGR) के तहत आयोजित किया गया, जिसे आईसीएआर-राष्ट्रीय कृषि उच्चतर प्रसंस्करण संस्थान (ICAR-NISA), रांची द्वारा वित्तपोषित किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य किसानों को वैज्ञानिक जानकारी और आधुनिक तकनीकों से लैस करना है, जिससे वे लाह उत्पादन और प्रसंस्करण में बेहतर दक्षता प्राप्त कर सकें। इस कार्यक्रम का उद्घाटन सम्माननीय अतिथियों की उपस्थिति में किया गया, जिसमें डॉ. संजीव कुमार, प्रमुख, फसल अनुसंधान प्रभाग, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। अपने संबोधन में डॉ. संजीव कुमार ने लाह की खेती के आर्थिक और पर्यावरणीय महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने किसानों से वैज्ञानिक पद्धतियों को अपनाने का आह्वान किया, ताकि वे अपने आय स्रोत को मजबूत कर सकें। डॉ. अभिषेक कुमार (प्रधान अन्वेषक, लाख कीट आनुवंशिक संसाधनों के संरक्षण पर नेटवर्क परियोजना) ने किसानों से लाह उत्पादन विधि एवं उसके प्रबंधन एवं मूल्य संवर्धन के बारे में विस्तृत जानकारी दी। कृषि विज्ञान केंद्र बांका के अध्यक्ष डॉ. बृजेंद्र कुमार ने किसानों को लाह में प्रसंस्करण के महत्व पर प्रकाश डाला। डॉ. संजय कुमार मंडल, विषय वस्तु विशेषज्ञ, बांका ने किसानों के लाह उत्पादन के अन्य तकनीकी पहलुओं के बारे में बताया। डॉ. नेहा सिंह, विषय वस्तु विशेषज्ञ, बांका ने लाह से जुड़ी महिलाओं को संबोधित करते हुए महिला सशक्तिकरण पर बल दिया। कार्यक्रम के आयोजन में डॉ. मो. मोनोब्रुल्लाह (सह-प्रधान अन्वेषक) का महत्वपूर्ण योगदान रहा। दीपक कुमार (यंग प्रोफेशनल) ने भी इस कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लिया और महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को कटोरिया, हिरमोती, चांदन, और बंगालगढ़ जैसे विभिन्न गांवों में आयोजित किया गया, जिससे अधिक से अधिक किसानों को इसका लाभ मिल सका।        बड़ी संख्या में किसानों ने इस प्रशिक्षण में भाग लिया और वैज्ञानिक पद्धतियों को अपनाने की इच्छा जताई। विदित हो कि यह प्रशिक्षण भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना के निदेशक डॉ. अनुप दास के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया।

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