हेपेटाइटिस का संक्रमण साबित हो सकता है खतरनाक

पटना:-हेपेटाइटिस वायरस के कारण होने वाला संक्रमण है जो लीवर को प्रभावित करता है. इस रोग के बढ़ने से व्यक्ति सिरोसिस, लीवर कैंसर एवं अन्य कई बीमारियों की चपेट में आ सकता है. हेपेटाइटिस को बेहद गंभीर रोगों की सूची में शामिल किया जाता है. हेपेटाइटिस बी का संक्रमण सबसे ज्यादा माँ से बच्चे को होता है. हेपेटाइटिस का संक्रमण खून चढ़ाने, इस्तेमाल की हुई सुई का प्रयोग, असुरक्षित यौन संबंध, टैटू बनवाने, नाक कान छिदवाने, हेपेटाइटिस पीड़ित से उसके पार्टनर को घर में किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ रहने आदि से होता है.राज्य के सभी जिलों में है उपचार की व्यवस्था:-सभी प्रकार के हेपेटाइटिस की निशुल्क जांच, निदान एवं उपचार के लिए राज्य में इंदिरा गाँधी आयुर्विज्ञान संस्थान में एक मॉडल उपचार केंद्र/मॉडल ट्रीटमेंट सेंटर है एवं आरएमआरआई पटना में स्टेट लैब है. साथ ही 35 जिलों एवं सभी मेडिकल कॉलेज में एक-एक उपचार केंद्र एवं एक-एक जांच केंद्र है. अनुमंडलीय अस्पताल, बेनीपुर, दरभंगा में भी हेपेटाइटिस की जांच एवं दवा की मुफ्त सुविधा उपलब्ध है. वर्ष 2024-25 में 9 लाख 72 हजार 521 लोगों की हेपेटाइटिस बी की स्क्रीनिंग की गयी और 6 हजार 895 व्यक्ति पॉजिटिव पाए गए. वही 2024-25 में 3 लाख 51 हजार 89 लोगों की हेपेटाइटिस सी की स्क्रीनिंग की गयी और 1 हजार 561 व्यक्ति पॉजिटिव पाए गए।          जन्म के समय हेपेटाइटिस का टीका करेगा संक्रमण से सुरक्षा:-हेपेटाइटिस वायरस मुख्यतः पांच प्रकार के होते हैं जिसमें हेपेटाइटिस ए, हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी, हेपेटाइटिस डी एवं हेपेटाइटिस ई शामिल है. इनमें हेपेटाइटिस बी सबसे खतरनाक एवं जानलेवा साबित हो सकता है. इससे सुरक्षा जन्म के समय हेपेटाइटिस का टीका देकर की जा सकती है. थकावट का अहसास, गहरे रंग का पेशाब, पीला मल, पेट में दर्द का रहना, भूख का ख़त्म हो जाना, वजन में अप्रत्याशित कमी, त्वचा एवं आँखों का पीला पड़ना, गंभीर स्थिति में खून की उल्टी जैसे लक्षण हेपेटाइटिस वायरस संक्रमण के होते हैं. हेपेटाइटिस ए और ई दूषित जल व दूषित भोजन के कारण होते हैं. हेपेटाइटिस बी, सी और डी संक्रमित रक्त और शरीर में मौजूद संक्रमित द्रवों से फैलते हैं.ये हैं हेपेटाइटिस से बचाव के उपाय:-स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, सुरक्षित यौन संबंध बनाना, सुरक्षित रक्त चढ़वाना, टैटू के लिए नयी सुई का प्रयोग, व्यक्तिगत स्वच्छता का नियमित पालन, गर्भावस्था के दौरान महिलाओं की हेपेटाइटिस बी की जांच एवं संक्रमण की पुष्टि होने होने पर तत्काल उपचार एवं स्वच्छ एवं ताजा भोजन करने की आदत अपनाकर हेपेटाइटिस के संक्रमण से सुरक्षित रहा जा सकता है।

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