भीषण गर्मी के बावजूद महिला संवाद कार्यक्रम के छठे दिन दर्ज की गई ऐतिहासिक भागीदारी

सहरसा:- जिले में बिहार सरकार द्वारा संचालित महिला संवाद कार्यक्रम जो 18 अप्रैल से लगातार जारी है, महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक अनूठी पहल के रूप में उभर रहा है। जिले के सभी 10 प्रखंडों में आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं को उनके अधिकारों, सरकारी योजनाओं की जानकारी देना और उनकी समस्याओं एवं सुझावों को सरकार तक पहुँचाना है।    भीषण गर्मी के बावजूद, कार्यक्रम के छठे दिन तक जिले की 30,000 से अधिक महिलाओं ने इसमें भाग लिया। यह न केवल ग्रामीण महिलाओं की जागरूकता का परिचायक है, बल्कि यह भी दिखाता है कि महिलाएँ अपनी समस्याओं और आकांक्षाओं को व्यक्त करने के लिए मंच का प्रभावी उपयोग कर रही हैं। जीविका से जुड़ी महिलाएँ और अन्य ग्रामीण महिलाएँ इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शामिल हो रही हैं। वे अपने अनुभव साझा कर रही हैं और एक-दूसरे की कहानियों से प्रेरणा ले रही हैं। इसके साथ ही, वे सरकारी योजनाओं और अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो रही हैं। महिला संवाद कार्यक्रम प्रत्येक प्रखंड के महिला ग्राम संगठनों में प्रतिदिन दो पालियों (सुबह और शाम) में आयोजित किया जा रहा है। इस दौरान महिलाओं को योजनाओं से संबंधित जानकारी देने के लिए पर्चे (लीफलेट) वितरित किए जा रहे हैं। साथ ही, महिला संवाद रथ के माध्यम से जागरूकता फिल्में दिखाकर उन्हें विभिन्न योजनाओं के प्रति जागरूक किया जा रहा है। महिला संवाद कार्यक्रम में महिला किसानों ने अपनी समस्याओं और सुझावों को मजबूती से रखा।         उन्होंने आधुनिक कृषि तकनीकों का प्रशिक्षण, खाद-बीज की समय पर उपलब्धता और उनकी कीमतों में कमी सुनिश्चित करने की माँग की। महिलाओं ने कहा कि सहरसा की अधिकांश आबादी कृषि पर निर्भर है, इसलिए किसानों के हित में विशेष योजनाएँ और सुविधाएँ लागू की जानी चाहिए। बरहशेर, सत्तरकटैया में आयोजित कार्यक्रम में कंचन देवी ने बताया कि अनाज भंडारण की सुविधा न होने से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। उन्होंने अपने पंचायत में एक सरकारी गोदाम की मांग की। इसी कार्यक्रम में रिमझिम कुमारी ने सिंचाई की समस्या को प्रमुखता से उठाते हुए सरकार से सोलर सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। महिला संवाद कार्यक्रम ने महिलाओं को एक ऐसा मंच दिया है, जहाँ वे सरकार से सीधे संवाद कर रही हैं। महिलाएँ अपनी समस्याओं के समाधान के सुझाव दे रही हैं और नीतियों को अधिक समावेशी बनाने में योगदान दे रही हैं। इस पहल ने महिलाओं को उनकी सामाजिक-आर्थिक भागीदारी को सुनिश्चित करने और उन्हें सशक्त बनाने का अवसर प्रदान किया है। जिला प्रशासन की यह पहल महिलाओं को ग्रामीण विकास के केंद्र में ला रही है। यह कार्यक्रम न केवल स्थानीय स्तर पर बदलाव ला रहा है, बल्कि राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर एक आदर्श स्थापित कर रहा है।         महिला संवाद कार्यक्रम सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो महिलाओं को नीतिगत विमर्श का हिस्सा बना रहा है। जिले में इस पहल ने दिखाया है कि जब महिलाओं को मंच और अवसर दिया जाता है, तो वे न केवल अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होती हैं, बल्कि समाज के समग्र विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देती हैं।

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